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AAP नेता सौरभ भारद्वाज के घर समेत 13 ठिकानों पर ED की छापेमारी, अस्पताल निर्माण घोटाले में कार्रवाई


नई दिल्ली: दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाली नई सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. ईडी ने मंगलवार सुबह आप नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ अस्पताल निर्माण घोटाले के कथित आरोप में दर्ज मुकदमे के चलते उनके घर पर छापेमारी की है. इसके अलावा निर्माण से संबंधित 13 अन्य जगहों पर भी ईडी की छापेमारी चल रही है.

बता दें कि जुलाई माह में ईडी ने तीन नए कथित घोटालों को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए थे. ईडी ने आम आदमी पार्टी की सरकार के वक्त हुए तीन अलग-अलग घोटालों में मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए थे. इन घोटालों में अस्पताल निर्माण, सीसीटीवी और शेल्टर होम घोटाले के मामले शामिल हैं. इन घोटालों को लेकर ईडी ने केस दर्ज किए थे. अस्पताल घोटाले के चक्कर में ही ईडी ने सौरभ भारद्वाज के यहां रेड की है.

संजय सिंह ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

आप सांसद संजय सिंह ने ईडी की छापेमारी पर मोदी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर वीडियो जारी कर कहा कि, “आज सौरभ भारद्वाज पर रेड क्यों की गई? क्योंकि कल से पूरे देश में मोदी जी की डिग्री को लेकर चर्चा है कि मोदी जी की डिग्री फर्जी है। ये रेड उस से ध्यान भटकाने के लिए की गई है। जिस period का ये केस है, उस पीरियड में सौरभ मंत्री ही नहीं थे। तो ये पूरा केस झूठा है। सत्येंद्र जैन को भी तीन साल जेल में रखने के बाद CBI/ED ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट फाइल की। इससे साफ़ है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं पर किए गए सारे केस झूठे है।”

पूर्व सीएम ने बताया झूठा केस
पूर्व सीएम आतिशी ने एक्स पर लिखा, ” जिस समय का केस बताया जा रहा है, उस समय सौरभ जी मंत्री भी नहीं थे। यानी पूरा केस ही झूठा है।”

अस्पताल निर्माण घोटाले में है 5590 करोड़ के घोटाले का आरोप
बता दें कि अस्पताल निर्माण घोटाले में 5590 करोड़ रूपये की हेराफेरी का आरोप है. इस केस में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन की भूमिका सवालों में है. एसीबी पहले से ही इस मामले में जांच कर रही है. उल्लेखनीय है कि आप आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 2018-19 में 24 अस्पताल प्रोजेक्ट्स मंजूर किए थे. इनमें 6 महीने में सात आईसीयू अस्पताल बनने थे पर 3 साल बाद भी काम अधूरा है.

इन अस्पतालों पर 800 करोड़ रूपये खर्च हुए लेकिन सिर्फ 50% ही काम हुआ. इसी तरह लोकनायक अस्पताल में बन रहे 22 मंजिला ब्लॉक की लागत 488 करोड़ से बढ़कर 1,135 करोड़ हो गई.

कई जगह बिना मंजूरी निर्माण, ठेकेदारों की भूमिका संदिग्ध
इसी तरह दिल्ली के अस्पतालों को हॉस्पिटल इनफार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम (हिम्स) से 2016 में जोड़ा जाना था लेकिन वह भी पेंडिंग है. इसको जानबूझकर टालने का आरोप है. वहीं, सीसीटीवी घोटाले में 571 करोड़ रूपये की हेराफेरी का आरोप है. वर्ष 2019 में दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों में 1.4 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रोजेक्ट शुरू हुआ था. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बेल) को ठेका मिला, लेकिन काम समय पर नहीं हुआ. 17 करोड़ का जुर्माना बीईएल पर लगाया गया, लेकिन बाद में बिना कारण माफ कर दिया गया. आरोप है कि इसके बदले में सत्येंद्र जैन को ठेकेदारों के जरिए 7 करोड़ की रिश्वत दी गई.

शेल्टर होम डूसिब घोटाला 207 करोड़
आप सरकार के समय दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड (डूसिब) से जुड़े कई घोटाले सामने आए हैं. फर्जी एफडीआर के ज़रिए 207 करोड़ की हेराफेरी का आरोप है. इसके अलावा आरोप है कि पटेल नगर में 15 लाख रूपये का सड़क निर्माण में घोटाला किया गया. फर्जी कागज़ और लॉकडाउन में दिखाया गया काम 250 करोड़ का शेल्टर होम घोटाला घोस्ट वर्कर के नाम पर सैलरी, पैसा नेताओं तक कमीशन में पहुंचाने का आरोप भी लगा है. सीबीआई और एसीबी भी इन मामलों की जांच में जुटी हैं.

उन्हीं की एफआईआर के आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के केस दर्ज किए हैं. जल्द ही आप नेताओं से इन मामलों में पूछताछ और छापेमारी हो सकती है.

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