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धराली आपदा के 14वें दिन मिला एक शव, कपड़ों से शिनाख्त की कोशिश, कराया जाएगा डीएनए टेस्ट


उत्तरकाशी: 5 अगस्त को उत्तरकाशी के धराली स्थित खीर गंगा और तेलगाड़ में आए सैलाब में लापता हुए लोगों की खोजबीन के बाद करीब 14 दिन बाद एक शव मिला. शव झाला में भागीरथी नदी में मिला है. लेकिन उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई. इसी तरह अब मिलने वाले शवों की शिनाख्त प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है. ऐसे में अब इन शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के माध्यम से की जाएगी.

धराली आपदा के 14वें दिन सोमवार 18 अगस्त को भी हल्की बारिश के बाद भी आपदा प्रभावित क्षेत्र धराली में सर्च अभियान जारी रहा. यहां नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) और सेना की टीम सर्च अभियान में जुटी रही.

हर्षिल से करीब तीन किमी दूरी पर झाला के पास एक शव मिला (PHOTO- ETV Bharat)

वहीं सोमवार को सोमवार को हर्षिल से करीब तीन किमी दूरी पर झाला में एक शव क्षत विक्षत अवस्था में मिला. हालांकि उसकी शिनाख्त नहीं हो पाई. लेकिन उसके शरीर पर मिले कपड़ों से उसके सेना के जवान होने की आशंका जताई जा रही है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया.

दरअसल, 5 अगस्त को धराली हर्षिल आपदा के दौरान सेना के 9 जवानों के साथ ही करीब 68 लोग लापता हो गए थे. उसमें से 2 शव आपदा के दूसरे दिन ही मलबे से बरामद कर लिया गया था. लेकिन उसके बाद से करीब 13 दिन तक कोई शव नहीं मिला. अब आपदा के 14वें दिन एक शव बरामद किया गया है. अब तक कुल 3 शव बरामद हुए हैं, जिनमें धराली के 32 वर्षीय आकाश पंवार और राजस्थान के भीम सिंह शेखावत शामिल हैं. इस प्रकार से अब प्रशासन के मुताबिक जारी लापता लोगों की सूची घटकर 65 हो गई है.

धराली आपदा में राजस्थान के 6 लोग, बिहार के 13 लोग, उत्तर प्रदेश के 8 लोग लापता बताए गए हैं. हरियाणा का भी एक शख्स लापता बताया गया है. उत्तरकाशी के धराली के कुल 7 लोग लापता हैं. इसके अलावा 24 नेपाली मूल के नागरिक भी लापता हैं.

वहीं, धराली और हर्षिल में खीर गंगा और तेलगाड़ में आए करीब 15 से 20 फीट मलबे में लोगों को खोजना चुनौती बन रहा है. लेकिन उसके बाद भी लापता लोगों को ढूंढने के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना की ओर से लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा है. आपदा प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. कुलवीर राणा ने बताया कि अब जो भी शव आपदा प्रभावित क्षेत्रों में मिलेंगे. उनकी शिनाख्त डीएनए टेस्ट के माध्यम से की जाएगी.

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