देहरादून (हिमांशु चौहान): डिजिटल युग में जहां इंटरनेट ने लोगों की जिंदगी आसान बनाई है, तो वहीं साइबर ठगों के लिए भी यह एक बड़ा हथियार बन गया है. साइबर अपराधी अधिकतर उन लोगों को निशाना बना रहे हैं, जो कि बिना मेहनत के रातों-रात अमीर बनने का सपना देख रहे हैं. साइबर ठगी के प्रदेश में 7 महीने में ही 122 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इस दौरान साइबर ठगों ने लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई के 84 करोड़ रुपए की चपत लगाई है. वहीं साइबर ठग अब चाइना और थाईलैंड समेत अनेक विदेशी मुल्कों में बैठ कर ठगी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. लोन ओर निवेश एप के जरिए विदेशों में करोड़ों रुपए भेजे जा रहे हैं.
साइबर ठगों का मायाजाल: दरअसल डबल पैसा स्कीम, ऑनलाइन ट्रेडिंग, क्रिप्टो करेंसी जैसी लुभावनी योजनाओं के नाम पर साइबर अपराधी लोगों से मोटी रकम ठग रहे हैं. इन ठगों के लिए वरिष्ठ नागरिक आसान शिकार हैं. तमाम जागरूकता के बावजूद भी लोग आसानी से साइबर अपराधियों के शिकार बन रहे हैं.
साइबर ठगों के निशाने पर उत्तराखंड के लोग (Video- ETV Bharat)
साइबर अपराधी सबसे पहले इंटरनेट मीडिया, मैसेजिंग एप या ईमेल के जरिए लोगों को टारगेट करते हैं. उन्हें बताया जाता है कि मामूली सी रकम निवेश करने पर कुछ दिनों में दोगुना या तीन गुना मुनाफा मिलेगा. इसी लालच में लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंस जाते हैं. कई बार फर्जी वेबसाइट और मोबाइल एप बनाए जाते हैं जो कि बिल्कुल असली निवेश प्लेटफॉर्म जैसे दिखते हैं. शुरुआत में थोड़ी राशि वापस देकर विश्वास जीता जाता है. उसके बाद लोगों से लाखों रुपए ठग लिए जाते हैं.
चार साल में साइबर ठगी के 1 हजार से ज्यादा मुकदमे: पिछले 4 साल के आंकड़े देखें तो इस दौरान साइबर ठगी के 1,431 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. इस साल प्रदेश में शुरुआती 7 महीनों में ही साइबर ठगी के 122 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं. अपराधियों ने जनवरी से 15 जुलाई तक 84 करोड़ रुपए की चपत लगाई है. 2021 से 15 जुलाई 2025 तक के साइबर अपराध के आंकड़े इस तरह हैं-
साइबर क्राइम के आंकड़े (ETV Bharat Graphics)
5 साल में 371 करोड़ की साइबर ठगी: 5 साल में 371 करोड़ 40 लाख की रकम साइबर क्रिमिनल्स द्वारा ठगी गई है. इसमें 2025 के आंकड़े 15 जुलाई तक के हैं.
- साल 2021 में एनसीआरपी (National Cyber Reporting Platform) में कुल शिकायतें 6381 आईं. 632 मुकदमे दर्ज हुए. 11 करोड़ 40 लाख रुपए की ठगी हुई है.
- साल 2022 में कुल शिकायतें एनसीआरपी में 14451 आईं. मुकदमे 172 दर्ज हुए और 40 करोड़ रुपए की ठगी हुई है
- साल 2023 में कुल शिकायतें एनसीआरपी में 20946 आई हैं. मुकदमे 313 दर्ज हुए और 69 करोड़ रुपए की ठगी हुई है
- साल 2024 में कुल शिकायतें एनसीआरपी में 26011 आईं. इनमें से मुकदमे 314 के दर्ज हुए. 167 करोड़ रुपए की ठगी हुई है
- साल 2025 (15 जुलाई तक) में कुल शिकायतें एनसीआरपी में 16249 हाई हैं. इनमें मुकदमे 122 में दर्ज हुए हैं. 84 करोड़ रुपए की ठगी हुई है
साइबर ठगों के लिए वरिष्ठ नागरिक आसान शिकार हैं. ऑनलाइन शॉपिंग या फर्जी ऑफर, फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम, ऑनलाइन लोन एप्स और पार्ट टाइम जॉब के माध्यम से ठगी की जा रही है.
ऑनलाइन शॉपिंग या फर्जी ऑफर: इंटरनेट मीडिया पर भारी छूट या ब्रांडेड सामान बहुत कम दाम पर दिखाकर ठगी की जा रही है. लोग रुपए ट्रांसफर करते हैं लेकिन सामान कभी नहीं मिलता है.

साइबर ठग ऐसे लगाते हैं चूना (ETV Bharat Graphics)
फर्जी इन्वेस्टमेंट स्कीम: साइबर ठगों की ओर से फर्जी एप और वेबसाइट बनाकर निवेश का झांसा देकर लोगों से रकम निवेश कराई जाती है. शुरुआत में थोड़ी रकम वापस करके भरोसा दिलाया जाता है, फिर लाखों रुपए हड़प ली जाती है.
ऑनलाइन लोन एप्स: इन दिनों लोन देने के मैसेज या फोन आ रहे हैं. जो लोग इनके चंगुल में फंस जाते हैं, वह बड़ी मुश्किल से बाहर निकल पाते हैं. साइबर ठग 20 से 50 हजार का लोन आसानी से दे देते हैं. लेकिन लोन लेने वाले व्यक्ति से पैन कार्ड, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज ले लेते हैं. साथ ही मोबाइल का एक्सेस ले लेते हैं. मूल रकम वापस लेने के बाद वह 30 से 50 प्रतिशत ब्याज लगा देते हैं और रुपए वापस न करने पर उनकी फोटो पर अश्लील बातें लिखकर प्रसारित कर देते हैं.
पार्ट टाइम जॉब: घर बैठे रुपए कमाने जैसा झांसा देकर युवाओं को डाटा एंट्री रिव्यू लिखने या टास्क पूरे करने के नाम पर एप डाउनलोड करवाया जाता है. इसके बाद उनसे मोटी रकम ली जाती है. बाद में युवाओं को ठगी का अहसास होता है.
गेमिंग एप: गेमिंग एप के जरिए साइबर ठग मोटी रकम ऐठ रहे हैं. इन गेमों का एप मोबाइल पर आसानी से मिल जाता है. कब किसको जिताना है और कब किससे मोटी रकम लगवानी है, यह पहले से निश्चित होता है. जब कोई इन गेम को खेलता है, तो कुछ मैच हारने के बाद अचानक एक बार उसे जितवा दिया जाता है, ताकि वह खेलना बंद न कर दे. इस तरह इन गेम्स की लत लग जाती है और व्यक्ति अमीर बनने के सपने देखकर हारता जाता है.

गोल्ड बिजनेस का झांसा देकर ₹40 लाख उड़ाने वाली पंजाब की महिला साइबर ठग 7 जुलाई को गिरफ्तार हुई थी (Photo courtesy- Uttarakhand Cyber Police)
हल्द्वानी की बीएससी की छात्रा ने की थी आत्महत्या: इसी महीने की पहली तारीख को हल्द्वानी में ऑनलाइन गेम की शिकार छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी. बीएससी की छात्रा ऑनलाइन लूडो गेम में लाखों रुपये हार गई थी. छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह लूडो में चार-पांच लाख रुपये हार चुकी है. इसलिए अब वह और नहीं जी सकती है.
वहीं साइबर क्राइम कंट्रोल डिप्टी एसपी अंकुश मिश्रा का कहना है कि-
साइबर पुलिस थाने में 20 लाख रुपए की साइबर ठगी के मुकदमे दर्ज किए जाते हैं. 20 लाख से कम के मुकदमे पीड़ित से संबंधित थानों में मुकदमे दर्ज होते हैं. जिस तरह से साइबर पुलिस द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, तो बड़े मामलों में साइबर ठगी में कमी देखने को मिली है. छोटे मामलों में अधिक शिकायत दर्ज की जा रही हैं.
-अंकुश मिश्रा, डिप्टी एसपी, साइबर क्राइम कंट्रोल-
विदेश तक फैले साइबर ठगों के तार: अंकुश मिश्रा ने बताया कि पहले देश के अलग-अलग कोनों में बैठकर साइबर अपराधी आम जनता के खातों में रुपए उड़ा लेते थे. अब चाइना और थाईलैंड आदि देशों में बैठकर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने लगे हैं. यह आम जनता के साथ-साथ पुलिस के लिए भी चिंता का विषय बन गया है. साइबर अपराधी अलग-अलग गेमिंग लोन और निवेश अप के माध्यम से करोड़ों रुपए उत्तराखंड से विदेश भेज चुके हैं. साइबर थानों में दर्ज मुकदमों की विवेचना में इसका पर्दाफाश हुआ है.

3 अगस्त को साइबर फ्रॉड रैकेट का अंतरराष्ट्रीय मास्टरमाइंड छत्तीसगढ़ से अरेस्ट हुआ था (Photo courtesy- Uttarakhand Cyber Police)
साइबर क्राइम कंट्रोल के डिप्टी एसपी ने बताया कि-
इन दिनों निवेश के नाम पर जो भी ठगी हो रही है, सभी एप चाइना बेस्ड हैं. चाइना, कंबोडिया, वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, म्यांमार और हांगकांग में बैठे साइबर अपराधी भारत में नेटवर्क चला रहे हैं. वह भरतपुर, मथुरा, नूह (हरियाणा), देवघर (झारखंड), जामनगर, बोकारो, गुरुग्राम और अलवर में बैठे अपने साथियों से केवल खाते और सिम कार्ड खरीदते हैं. इन्हीं सिम कार्ड से ठगी करते हैं और रकम इन खातों से इन देशों में पहुंच जाती है.
-अंकुश मिश्रा, डिप्टी एसपी, साइबर क्राइम कंट्रोल-
अंकुश मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने भारत में बैठे साइबर ठगों को गिरफ्तार किया, लेकिन चाइना में बैठे साइबर ठगों पर हाथ डालना आसान नहीं है. इस समय जो भी साइबर ठगी की घटनाएं हो रही हैं, उनमें 90 प्रतिशत धनराशि चाइना, कंबोडिया, वियतनाम, सिंगापुर, थाईलैंड, म्यांमार और हांगकांग देशों में जा रही है. विदेशों में बैठे साइबर ठग लोन ओर निवेश एप के माध्यम से ठगी को अंजाम दे रहे हैं.
ये भी पढ़ें:
- रिटा कर्नल से किया था 2 करोड़ 67 लाख का फ्रॉड, साइबर ठग को तिहाड़ जेल से देहरादून लाई
- फेसबुक के जरिए यूक्रेन की एलिजाबेथ ने रिटायर्ड कर्नल से किया संपर्क, बिजनेस के बहाने लगाया 89 लाख का चूना
- लेडी को गोल्ड बिजनेस का झांसा देकर ₹40 लाख उड़ाए, पंजाब की महिला साइबर ठग गिरफ्तार
- फर्जी CBI अधिकारी ने बनाया अश्लील वीडियो, डरा धमकाकर ठगे ₹25 लाख, चढ़ा STF के हत्थे
- उत्तराखंड एसटीएफ को बड़ी सफलता, 750 करोड़ की ठगी करने वाला CA अरेस्ट, चीन से जुड़ा कनेक्शन
- मैट्रिमोनियल साइट से बिछाया जाल, नैनीताल के युवक को ₹62 लाख की चपत, तमिलनाडु से शातिर गिरफ्तार
- नैनीताल के शख्स को डिजिटल अरेस्ट कर ठगे करोड़ों रुपए, हरियाणा से साइबर ठग गिरफ्तार
- उत्तराखंड में नामी होटल का एमडी बनकर जीएम से ठगे 3.20 करोड़ रुपए, गुरुग्राम से मास्टरमाइंड गिरफ्तार