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कर्नल अजय कोठियाल को सीएम धामी ने दी बड़ी जिम्मेदारी, धराली पुनर्निर्माण से जुड़ा है मामला


देहरादून: भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ी जिम्मेदारी है. सीएम धामी ने धराली आपदा के बाद पूरी गंगोत्री घाटी में पुनर्स्थापना की जिम्मेदारी कर्नल अजय कोठियाल को सौंपी है.कर्नल अजय कोठियाल केदारनाथ आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर चर्चा में आये थे.

धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद जहां एक तरफ पूरी हर्षिल घाटी और गंगोत्री तक जनजीवन पूरी तरह से पटरी से उतर चुका है तो वही जहां एक तरफ धराली आपदा को लेकर सरकार द्वारा राहत बचाव कार्यों को प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है. पूरी घाटी में जनजीवन को वापस पटरी पर लाने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुनर्स्थापना की बड़ी जिम्मेदारी भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल को दी है.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कर्नल अजय कोठियाल ने बताया इस तरह की भीषण आपदा के बाद हमें एक नई शुरुआत करने के लिए सबसे पहले अपनी प्राथमिकताएं सुनिश्चित करनी होती हैं. अभी पहली प्राथमिकता धराली में आई आपदा की चपेट में आए लोगों की खोजबीन है. वहीं कुछ समय बाद ज्यादा मात्रा के साथ-साथ गंगोत्री धाम के लिए यात्रा शुरू होनी है. हमें यात्रा को बाधित कर यह मैसेज नहीं देना है कि गंगोत्री धाम की यात्रा बंद है. इससे उसे पूरे क्षेत्र की आर्थिकी पर बुरा असर पड़ेगा. यही दूसरी सबसे बड़ी प्राथमिकता है.

हर्षिल-गंगोत्री घाटी सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण: वहीं इसके अलावा कर्नल अजय कोठियाल ने बताया केवल धार्मिक यात्रा और लोगों की आर्थिक की ही नहीं बल्कि यह पूरा क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. यहां पर जल्द से जल्द सभी व्यवस्थाएं बहस करनी होंगी, क्योंकि यह देश की सुरक्षा से भी जुड़ा एक महत्वपूर्ण विषय है. पड़ोसी देश को इस तरह का मैसेज बिल्कुल नहीं जाना चाहिए कि यहां पर कनेक्टिविटी या फिर किसी तरह की कोई दिक्कत है. व

अनुभव का लाभ उठाएंगे कर्नल कोठियाल: कर्नल अजय कोठियाल ने कहा उनके पास केदारनाथ में पुनर्निर्माण और पुनः स्थापना का एक महत्वपूर्ण अनुभव है. इसके अलावा नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ मॉनिटरिंग कभी अनुभव उनके साथ जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा उत्तरकाशी क्षेत्र में उन्होंने लंबे समय तक काम किया है. उनकी कोशिश रहेगी की जो युवा उनके साथ एनआईएम में काम कर चुके हैं उन्हीं के अनुभवों का यहां लाभ उठाया जाये. उन्होंने कहा वह आज ही हर्षिल के लिए निकल रहे हैं. पैदल रास्ते के जरिए जाते हुए वे अपनी रणनीति तैयार करेंगे.

हिमालय सबसे नया पहाड़ यही बड़ी चुनौती: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कर्नल अजय कोटियाल ने कहा हमारे हिमालय बहुत ही यंग माउंटेन हैं. इसमें अभी फॉर्मेशन की प्रक्रिया और सेटलमेंट की प्रक्रिया चल ही रही है. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एवरेस्ट क्लाइंब किया था उसके बाद से अब तक एवरेस्ट 2 मी बढ़ चुका है. इस तरह से हिमालय अभी फिलहाल हमारे लिए आपदाओं के दृष्टिकोण से बेहद चुनौती भरा है. उन्होंने कहा टेक्नोलॉजी के एडवांसमेंट पर काम होना चाहिए. अभी आपदा की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए इन्वेस्टिगेशन और टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट को बिल्कुल भी इग्नोर नहीं किया जा सकता है. इसको लेकर भी काम किया जाएगा.

उन्होंने कहा भटवाड़ी से लेकर हर्षिल और हर्षिल के बाद धराली और पूरे गंगोत्री तक जनजीवन अस्त व्यस्त है. कनेक्टिविटी टूटी हुई है. बहुत ज्यादा नुकसान आपदा की वजह से हुआ है. अब यहां पर पुनर्स्थापना और पुनर्निर्माण को लेकर सरकार द्वारा युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. अजय कोठियाल ने कहा यह एक लॉन्ग प्रोसेस जरूर हो सकता है लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि एक महीने के भीतर हम चीजों की शुरुआत कर पाए. गंगोत्री यात्रा शुरू करना इसका पहला पड़ाव है.

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