सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व छठ पूजा की धूम (फोटो- ETV Bharat)
रोहित कुमार सोनी
देहरादून/मसूरी/लक्सर: उत्तराखंड में भी सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का पर्व छठ धूमधाम से मनाया जा रहा है. बिहार और पूर्वांचल के लोगों से तमाम घाट एवं नदी के तट पटे हुए हैं. जहां लोगों ने ढलते सूरज को अर्घ्य देने के साथ छठी मैया की पूजा की. छठ पूजा के चलते अनुपम दृश्य देखने को मिल रहा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे यह उत्तराखंड नहीं पूर्वांचल ही हो. देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के घाट बड़ी संख्या में लोग जुटे हैं तो लक्सर में भी कमोबेश यही नजारा है. वहीं, मसूरी में भी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी की पूजा-अर्चना.
सनातन धर्म में अनेकों त्योहार और बड़े ही धूमधाम से बनाए जाते हैं. इन सभी त्योहारों और पर्वों का एक विशेष महत्व होता है. इसी क्रम में छठ पूजा की धूम भी देशभर में देखी जा रही है. मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, बिहार समेत पूर्वी राज्यों में छठ पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन अन्य जगहों पर भी यह पर्व मनाया जाने लगा है.
ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर की छठी मैया की पूजा: वर्तमान समय में देशभर में पूर्वी राज्यों के रहने वाले लोग छठ पूजा मना रहे हैं. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित टपकेश्वर महादेव मंदिर के घाट पर भी छठ पूजा मनाने को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. जहां उन्होंने ढलते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठी मैया की पूजा की.

देहरादून में छठी मैया की पूजा (फोटो- ETV Bharat)
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छठ पूजा में होता है सबसे कठिन व्रत सनातन धर्म के तमाम त्योहार और पर्वों में सबसे कठिन व्रत छठ पूजा ही माना जाता है. क्योंकि, इस पूजा के लिए व्रती करीब 36 घंटे तक निर्जला व्रत रखते हैं. चार दिन के इस त्योहार में पहले दिन नहाए खाए के साथ छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है. दूसरे दिन खरना होता है और फिर तीसरे दिन व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह से ही निर्जला उपवास रखती हैं. तीसरे दिन ही शाम को घाटों पर पहुंचकर ढलते हुए सूरज को अर्घ्य देती हैं. साथ ही संध्या यानी छठी माता का पूजा अर्चना करती हैं. इसके बाद चौथे दिन सुबह उठते हुए सूरज को अर्घ्य देती है और फिर अपने व्रत को तोड़ती हैं. |
सदियों से धूमधाम से मनाया जाता है छठ पूजा: छठ पूजा की पौराणिक मान्यता भी यही वजह है कि सदियों से छठ पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. मुख्य रूप से छठ पूजा मनाई जाने का उद्देश्य संतान प्राप्ति, सुख समृद्धि को लेकर है. यही वजह है कि हर साल पूर्ववर्ती राज्यों के रहने वाले लोग बड़े ही धूमधाम से छठ पूजा को मनाते हैं.

देहरादून टपकेश्वर महादेव मंदिर के घाट पर जुटे लोग (फोटो- ETV Bharat)
देहरादून टपकेश्वर महादेव मंदिर के घाट पर लगा जमावड़ा: वहीं, देहरादून के टपकेश्वर महादेव मंदिर के घाट पर छठ पूजा मनाने पहुंचीं व्रतियों ने कहा कि छठ पूजा का एक विशेष महत्व है. यही वजह है कि वह हर साल छठ पूजा मनाने के लिए पहुंचती हैं. इतना ही नहीं छठ पूजा में तमाम तरह के सामानों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गन्ना, फल समेत अन्य चीजें शामिल हैं.

छठ पूजा में शामिल होता परिवार (फोटो- ETV Bharat)
श्रद्धालुओं ने कही ये बात: वहीं, ईटीवी भारत पर एक श्रद्धालु ने कहा कि वनवास के दौरान पांडवों ने भी छठ पूजा किया था. जिसके बाद से ही छठ पूजा मनाने की परंपरा चली आ रही है. मुख्य रूप से बिहार के रहने वाले लोग इस पूजा को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. छठ पूजा संतान प्राप्ति और सुख समृद्धि के उद्देश्य से मनाया जाता है.

भक्ति में लीन महिला (फोटो- ETV Bharat)
इतना ही नहीं छठ पूजा काफी कठिन पूजा में शामिल है. क्योंकि, इस पूजा में तमाम सावधानियां बरतनी होती हैं. साथ ही करीब 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखना होता है. इसके बाद ढलते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही अगले दिन उसी घाट पर उगते सूरज को अर्घ्य देना होता है. इसके बाद यह व्रत पूरा होता है. छठ पूजा प्रकृति से जुड़े रहने का एक बड़ा संदेश भी देती है.

देहरादून में छठ पर्व की धूम (फोटो- ETV Bharat)
मसूरी में गूंजे छठ गीत, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी की पूजा-अर्चना: पहाड़ों की रानी मसूरी में सोमवार को बिहार की मिट्टी की खुशबू घुल गई. सूर्यास्त की सुनहरी किरणों के बीच जब महिलाएं लाल और पीले रंग की साड़ियों में सजीं तो ऐसा लगा मानो पूरा शहर भक्ति में डूब गया हो. बीजेपी की ओर से मसूरी पिक्चर पैलेस में आयोजित भव्य छठ पूजा समारोह में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया.

छठ गीत पर जमकर नाचे गणेश जोशी (फोटो- ETV Bharat)
वहीं, छठ गीत पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी जमकर नाचे. उन्होंने छठ पूजा भी की. कार्यक्रम स्थल पर विशेष रूप से कृत्रिम नदी का निर्माण किया गया. जहां बिहार समाज के पुरुषों और महिलाओं ने परंपरागत ढंग से सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित किया. ठंडे मौसम में भी श्रद्धालु पानी में खड़े होकर सूर्यास्त तक पूजा में लीन रहे. इस मौके पर मन्नत पूरी होने पर भक्त करण चौधरी अपने घर से करीब एक किलोमीटर लेटते हुए पूजा स्थल तक पहुंचे.

छठ पूजा में शामिल हुए गणेश जोशी (फोटो- ETV Bharat)
उन्होने कहा कि कि भाई का एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था और वो आईसीयू में जिंदगी मौत से खेल रहा था. उन्होंने छठी मैया से मन्नत मांगी कि उनका भाई ठीक हो जाए. छठी मैया के आशीर्वाद से तीन दिनों में उनका भाई आईसीयू से बाहर आ गया और आज वो बिल्कुल ठीक है.
लक्सर में व्रती महिलाओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य: बिहार और पूर्वांचल की सबसे महत्वपूर्ण लोक पर्व छठ पूजा लक्सर में भी पूरे श्रद्धा एवं उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. लक्सर शुगर मिल कॉलोनी, कोतवाली मोड़, लक्सर की टायर फैक्ट्री कॉलोनी में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बिहार और पूर्वांचल के लोग जमा हुए. जहां उन्होंने विधि विधान के साथ सूर्य को अर्घ्य दिया और उनसे समाज की उन्नति के साथ परिवार के कल्याण की कामना की.

Chhath Puja in Uttarakhand (फोटो- ETV Bharat)
मान्यता है कि जो भी सूर्य भगवान की आराधना सच्चे मन से करता है, उसकी सभी कामनाएं पूरी होती है और धन धान्य से पूर्ण हो जाता है. कहते हैं भगवान राम को रावण के वध करने ब्राह्मण मृत्यु करने का जब पाप चढ़ा तो उसकी मुक्ति के लिए भगवान राम और सीता ने इस व्रत को कर पाप से मुक्ति पाई थी.
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