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पूर्व CS के बेटे के साथ मारपीट मामला: चैंपियन के आरोपी बेटे पर शिकंजा, कई धाराओं में केस दर्ज, तीन दिन में रखना होगा पक्ष


पूर्व मुख्य सचिव के बेटे से मारपीट के आरोप में पूर्व भाजपा विधायक चैंपियन के बेटे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई (PHOTO- ETV Bharat)

किरणकांत शर्मा

देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून शहर में 15 नवंबर (शनिवार) की रात भाजपा के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह द्वारा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव एस रामास्वामी के बेटे आर यशोवर्धन के साथ मारपीट का मामला सामने आया था. इस मामले में पुलिस ने तत्काल आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. अब इस मामले में नए-नए सीसीटीवी वीडियो फुटेज सामने आने के बाद भाजपा-कांग्रेस राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

इस पूरे मामले पर कार्रवाई के तहत देहरादून पुलिस ने हरिद्वार जिलाधिकारी को तीन हथियारों के लाइसेंस निरस्तीकरण के लिए पत्र लिखा है. साथ ही आरोपी को तीन दिन के भीतर पुलिस के समक्ष अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है. दूसरी तरफ एक कॉन्स्टेंबल को निलंबित किया गया है और हूटर बजाते हुए चल रही एक प्राइवेट एस्कॉर्ट को सीज किया गया है.

ये है मामला: 15 नवंबर की शाम पूर्व मुख्य सचिव एस रामास्वामी के बेटे आर यशोवर्धन और हरिद्वार के खानपुर विधानसभा से पूर्व विधायक भाजपा नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह मसूरी की तरफ से देहरादून आ रहे थे. लिखित शिकायत में एस रामास्वामी के बेटे ने यह बताया कि, उनकी गाड़ी को ओवरटेक किया गया और फिर गाड़ी से उतरकर न केवल मारपीट की गई बल्कि लाइसेंसी हथियार दिखाकर उन्हें डराया और धमकाया भी गया.

पुलिस ने इस घटना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एक गाड़ी को सीज किया. वहीं जांच करते हुए पुलिस ने वाहनों के नंबरों को ट्रेस किया, जिसमें स्पष्ट हुआ कि आरोपी प्रणव सिंह चैंपियन का बेटा है. इस पूरे मामले में एक बात और निकलकर सामने आई कि घटना के दौरान पुलिस का एक गनर भी पूर्व विधायक के पुत्र के साथ मौजूद था. लिहाजा देहरादून पुलिस ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करते हुए हरिद्वार पुलिस को एक पत्र लिखा, जिसके बाद गनर पर कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया.

वहीं, मारपीट का वीडियो सामने आने पर पुलिस ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है. देहरादून एसएसपी अजय सिंह का कहना है कि-

पीड़ित ने जो शिकायत दर्ज कराई थी, उसके आधार पर जांच की गई तो यह स्पष्ट हो गया कि कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे ही गाड़ी में सवार थे और उनके द्वारा न केवल मारपीट की गई बल्कि लाइसेंसी हथियार से डराया और धमकाया गया. ऐसे में देहरादून पुलिस ने तत्काल जिलाधिकारी हरिद्वार को एक पत्र लिखकर तीन लाइसेंसी हथियार निरस्त करने की कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है. आरोपी को तीन दिनों के भीतर पुलिस के समक्ष पेश होने के लिए भी कहा है. अगर आरोपी ऐसा नहीं करता तो देहरादून पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
– अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून –

हालांकि, हैरानी इस बात है कि आरोपी की पहचान स्पष्ट होने के बाद भी 24 घंटे तक मुकदमा अज्ञात के खिलाफ ही दर्ज रहा. आज 17 नवंबर को देहरादून पुलिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज में थाना राजपुर में धारा 115(2)/ 324 (4)/351(3) BNS के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मुकदमे में आरोपियों के नाम दिव्य प्रताप सिंह और कॉन्स्टेबल राजेश सिंह के रूप में अंकित किए गए हैं. साथ ही मुकदमे में अभियोग में धारा 30 आर्म्स एक्ट व धारा 126/352 बीएनएस की बढ़ोत्तरी की गई है.

बता दें कि, BNS की धारा 115(2) उस स्थिति में लगती है जब कोई व्यक्ति किसी को गंभीर रूप से चोट पहुंचाने, हत्या करने या किसी अन्य गंभीर अपराध करने की धमकी देता है और इससे सामने वाले व्यक्ति में डर या आतंक पैदा होता है. इस धारा के तहत 3 वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है.

धारा 324(4) BNS धारा तब लगाई जाती है जब कोई व्यक्ति चाकू/लोहे की रॉड, पत्थर, धारदार हथियार या किसी अन्य खतरनाक साधन का उपयोग करके किसी को चोट पहुंचाता है. उपधारा (4) दर्शाती है कि घटना में उपयोग हुआ हथियार या तरीका ऐसा था जो किसी की जिंदगी के लिए खतरा बन सकता था. इस धारा के तहत 7 वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों है.

धारा 351(3) BNS धारा सामान्य रूप से मारपीट, हाथापाई या हमला करने की स्थिति में लागू होती है. वहीं, इसकी उपधारा (3) तब लगती है जब हमला जानबूझकर या गंभीर नीयत के साथ या किसी विशेष स्थिति (जैसे ग्रुप में हमला या पहले की रंजिश आदि) में किया गया हो. इसमें 2 वर्ष तक की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है.

कांग्रेस ने कहा अराजकता: क्योंकि मामला एक पूर्व नौकरशाह और बीजेपी के बाहुबली नेता के पुत्र से जुड़ा हुआ है, ऐसे में कांग्रेस भी सुरक्षा को लेकर हमलावर हो गई है.

इस मामले में अब तक जांच बेहद ढीली रही है. राजधानी हो या राज्य के अन्य जिले सभी जगह पर अपराध बढ़ रहे हैं. भाजपा अपने नेताओं पर अंकुश लगाने में नाकामयाब है. आए दिन इस तरह की घटनाएं राज्य में भाजपा के नेताओं के द्वारा की जा रही है.
– गरिमा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस –

अपराध किया तो कार्रवाई होनी चाहिए: भाजपा प्रवक्ता और विधायक विनोद चमोली ने इस पूरी घटना को लेकर निंदा जाहिर करते हुए कहा है कि-

अपराध किसी ने भी किया हो, उसको सजा मिलनी चाहिए. हमें अपने बच्चों को बेहतर संस्कार देने चाहिएं. उम्मीद है पुलिस इस पूरे मामले पर अपनी तरफ से कार्रवाई कर रही होगी. वो कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के पुत्र को बचपन से जानते हैं. अभी वह बच्चा है और इस मामले में कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन भी जरूर उसे समझा रहे होंगे.
– विनोद चमोली, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा –

क्या बोली देवयानी सिंह: वहीं, इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए दिव्य प्रताप सिंह की मां देवयानी सिंह ने कहा कि,

मैंने उनसे (पूर्व मुख्य सचिव) कई बार आग्रह किया मिलने का, बात करने का, लेकिन वो अपने बेटे की झूठी बातों में आ गए और उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की. मैंने आग्रह भी किया था, उनसे कई बार माफी भी मांगी कि आप इस केस को वापस ले लें, लेकिन उन्होंने हमसे कोई बात नहीं की. मैंने उनको लिखा कि बच्चे हैं, गलती हो गई है, आप बड़े हैं आप उनको क्षमा करें. पहली बार बच्चे ने ऐसा किया है. हम लोग देहरादून में पिछले 22 वर्षों से रह रहे हैं. वो बहुत ही डिसिप्लिन लड़का है. कोई झगड़ा कभी नहीं करता.

न तो किसी नेशनल फ्लैग का अपमान किया है, न ही एस रामास्वामी जी के बेटे को मारा है. गनर भी बीच-बचाव कर रहा था. बेचारे को सस्पेंड कर दिया गया है. क्या कह सकते हैं प्रभावशाली लोग हैं. आज मेरे बच्चे और मैं सुरक्षित हैं, नहीं तो कहीं किसी हॉस्पिटल में होते.
देवयानी सिंह, दिव्य प्रताप सिंह की मां –

उत्तराखंड के 14वें मुख्य सचिव रहे हैं एस. रामास्वामी: 1986 बैच के पूर्व आईपीएस अधिकारी एस. रामास्वामी उत्तराखंड के 14वें मुख्य सचिव रहे हैं. उनका कार्यकाल 1 दिसंबर 2016 से 14 अक्टूबर 2017 तक 327 दिन का रहा है. मुख्य सचिव पद के बाद उन्हें रिवेन्यू बोर्ड के चेयरमैन की जिम्मेदारी दी गई थी.

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