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बिहार में 'बंपर' वोटिंग : NDA को महिला वोटरों से उम्मीद, एंटी इनकंबेंसी के भरोसे महागठबंधन


पटना जिले के मसौढ़ी के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान करने के लिए लाइन में खड़ी महिलाएं. (ETV Bharat)

अनामिका रत्ना

नई दिल्लीः बिहार के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान गुरुवार को संपन्न हो गया. कुल 3.75 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी वाले इस चरण में एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. मतदान का प्रतिशत 64.46 रहा. वोटिंग शांतिपूर्ण रही. लखीसराय में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर हमले जैसी कुछ घटनाओं ने हलचल जरूर मचा दी.

सुबह नौ बजे तक 13.13 प्रतिशत, दोपहर 11 बजे तक 27.65 प्रतिशत और तीन बजे तक 53.77 प्रतिशत मतदान हुआ. गोपालगंज (46.73%) में सबसे ज्यादा उत्साह दिखा, तो पटना (23.71%) में सबसे कम. विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं का भारी मतदान एनडीए की ताकत बन सकता है, जैसा कि 2019 और 2024 लोकसभा चुनावों में देखा गया था.

बिहार में पहले चरण की वोटिंग का हाल. (ETV Bharat)

जेडीयू नेता संजय झा ने कहा कि “महिलाओं का विश्वास नीतीश कुमार पर है, जो विकास और कल्याण योजनाओं का श्रेय जाता है.” चुनाव प्रचार के दौरान एनडीए ने 20 वर्षों के शासन का हवाला देते हुए ‘डबल इंजन’ सरकार की उपलब्धियों पर जोर दिया. गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार ने मतदान करने के बाद दावा किया कि,”बिहार बदलाव की राह पर है, एनडीए फिर से ऐतिहासिक बहुमत लाएगा.”

राजनीति के जानकारों का मानना है कि एंटी-इनकंबेंसी का साया भी मंडरा रहा है. जिसके तहत विपक्ष बेरोजगारी, पलायन और स्थानीय विधायकों के खिलाफ असंतोष को भुनाने की कोशिश कर रहा है. भाजपा नेता और यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दावा किया कि, “20 साल बाद भी एंटी-इनकंबेंसी नहीं, एनडीए 170 से ज्यादा सीटें जीतेगा.” जानकारों की मानें तो जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर ने तीसरा विकल्प पेश जरूर किया है.

पहले चरण के वोटिंग के बाद ट्रेंड्स बताते हैं कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एनडीए मजबूत दिखा, खासकर वैशाली, दरभंगा और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में. बताया जाता है कि महिलाओं ने जमकर वोटिंग की है. पहले चरण के मतदान के दौरान बिहार के लखीसराय में आरजेडी समर्थकों पर डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के काफिले पर हमले का आरोप भी लगा, जिसपर विपक्षी नेताओं ने टिप्णणी करते हुए इसे ‘एनडीए की हार का डर’ बताया.

यदि चुनावी कैंपेन की बात करें तो राजद की तरफ से रघुनाथपुर में शहाबुद्दीन के बेटे उसामा शहाब के उम्मीदवार बनने से ‘जंगल राज’ की बहस तेज हो गई. जबकि महागठबंधन की ओर से एंटी-इनकंबेंसी की बात कही गयी. तेजस्वी ने कहा, “बिहार के नौजवान पलायन से तंग हैं, बदलाव की हवा है.” बता दें कि 2020 में इन 121 सीटों पर महागठबंधन को 63 सीटें मिली थीं. अब 11 नवंबर को दूसरे चरण के लिए 122 सीटों पर मतदान होना है. 14 नवंबर को नतीजे आएंगे.

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