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भाजपा ने 39 जिला पंचायत सीटें छोड़ी खाली, कैंडिडेट नहीं किये घोषित, जानिये इसकी बड़ी वजह


देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए भाजपा ने अपने समर्थित प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है. जिला पंचायत की 358 सीटों में से 39 सीटों पर भाजपा ने अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है. इसकी क्या वजह है, आइये जानते हैं.

39 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. बुधवार देर शाम भारतीय जनता पार्टी ने पंचायत में अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है. बीजेपी ने जिला पंचायत की 358 में से 319 सीटों पर अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा की है. 39 सीटों को छोड़ दिया है. यानी यहां पर समर्थित प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. भारतीय जनता पार्टी द्वारा बुधवार रात जारी हुई सूची के बाद जब कई सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं हुई तो उसे क्षेत्र के लोगों में असमंजस का माहौल बना रहा. लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्यों हुआ? भाजपा ने इसे अपनी राजनीतिक स्ट्रेटजी बताया है. दरअसल, प्रदेश में मौजूद जिला पंचायत की 358 सीटों में से 39 सीट बीजेपी के लिए इसलिए सर दर्द बनी रही क्योंकि यहां पर भाजपा से ही कई दावेदार मैदान में डटे हुए हैं.

इन सीटों पर नहीं हुई घोषणा: पंचायत की जिन सीटों पर बीजेपी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किये हैं उनमें चमोली की सैंजी, पिलंग, रानौ,विनायक हॉट कल्याणी, भेंटी सीटें है. पौड़ी जिले में बमराड़ी बीरोंखाल, बथेड़ थलीसैंण, टीला थलीसैंण, भरनौ थलीसैंण है. टिहरी जिले में बगलो की कांडी, हड़ियाना, पलेडी डोडरियाल, बैरोला, ऋषिकेश में सहाबनगर, देहरादून ग्रामीण में डाकपत्थर द्वितीय और एटनबाग सीट है.उत्तरकाशी में डुंडा,जेमर, फोल्ड पुजारगांव, न्यूगांव,गेंवला भंडारस्यूं, गडोली बणगांव, हुडोली, कोटगांव जखोल, नानई सीट पर बीजेपी ने कैंडिडेट घोषित नहीं किये हैं.

कुमाऊं मंडल में भी नहीं घोषित कैंडिडेट: कुमाऊं मंडल के पिथौरागढ़ में लेलू प्रथम, बागेश्वर में पिंग्लों, चंपावत में धुरा, कानीकोट, रानीखेत में ईडा, इकरोला मोहनरी, पिलखोली, उधम सिंह नगर में भंगा, नैनीताल में ककोड़, बडोन, सूपी, चापड़, बज्जीबंगर में भी बीजेपी ने कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है.

जिसमें दम है खुद जीत कर आए, भाजपा करेगी स्वागत: उदाहरण के तौर पर अगर टिहरी गढ़वाल के धनोल्टी विधानसभा के अंतर्गत पड़ने वाली बंगलो की कांडी सीट की बात करें तो यहां भाजपा को सीट खाली छोड़नी पड़ी है. यहां बीजेपी के कई मजबूत कार्यकर्ता एक साथ चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. टिहरी गढ़वाल की जिला पंचायत सीट बंगलो की कांडी सीट पर अलमास गांव से अर्चना पंवार, रोतू की बली से नीतू रावत, कैंपटी से सीता पंवार तीन टॉप कैंडिडेट हैं. ये तीनों ही टिकट की दौड़ में सबसे आगे थे. यह टॉप 3 दावेदार भाजपा के पुराने कार्यकर्ता है. बीजेपी इंटरनल सर्वे में भी एक दूसरे को बराबर टक्कर दे रहे हैं. यही नहीं इन तीनों के अलावा भाजपा के दावेदारों की लिस्ट इस सीट पर काफी लंबी थी. लिहाजा पार्टी ने पूरी कसरत की. इसके बाद भी इस सीट पर कोई फैसला नहीं हुआ. आखिरकार इस सीट को इसलिए खाली छोड़ दिया गया. जिससे सभी कैंडिडेट अपने दम पर चुनाव लड़ सके. भाजपा को अच्छे से जानकारी है कि यदि उनका कार्यकर्ता चुनाव जीत कर आता है तो वह बीजेपी का ही कार्यकर्ता ही कहलाया. उसका स्वागत भाजपा करेगी. यानी यहां पर भाजपा को कोई नुकसान नहीं है, लेकिन अगर भाजपा किसी एक प्रत्याशी को समर्थन देती है तो इनके अन्य कार्यकर्ता पार्टी से नाराज होकर छिटक सकते हैं. जिसका नुकसान आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है.

प्रत्याशी घोषित ना करना राजनीतिक स्ट्रेटजी: प्रदेश की 358 में से 39 सीटों पर समर्थित प्रत्याशी न घोषित करने को लेकर भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान से बातचीत की. उन्होंने इन सीटों पर समर्थित प्रत्याशी घोषित न होना पार्टी की एक सूची समझी रणनीति का हिस्सा बताया है. मनवीर चौहान ने कहा प्रदेश की सभी सीटों पर भाजपा के कार्यकर्ता ही जीतकर आएंगे. इसको लेकर वह पूरी तरह से आश्वत हैं. उन्होंने कहा जिन सीटों पर समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है वह पार्टी की स्ट्रैटेजी है.

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