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देहरादून: उत्तराखंड में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर नया अपडेट सामने आया है. इसमें वन विभाग से लेकर विभिन्न विभागों के समूह ग़ के पदों की परीक्षा के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने तारीख का ऐलान किया है. उधर वन दरोगा पद पर होने वाली शारीरिक दक्षता परीक्षा की तारीख में मामूली बदलाव किया गया है.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने वन दरोगा भर्ती के लिए शारीरिक माप जोख एवं दक्षता परीक्षा की तारीख में बदलाव किया है. दरअसल वन विभाग में ही असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ़ फारेस्ट के पदों के लिए भी लोक सेवा आयोग उत्तराखंड द्वारा परीक्षा करवाई जा रही है और यह दोनों परीक्षाएं एक ही दिनों में होने के चलते आयोग ने अभ्यर्थियों के अनुरोध पर तारीख में बदलाव करने का फैसला किया है.
वन दरोगा भर्ती के लिए 31 जनवरी 2025 को विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसके बाद 22 जून 2025 को लिखित परीक्षा आहुत करवाई गई, जिसका मेरिट के आधार पर परिणाम 25 अगस्त 2025 को जारी कर दिया गया. इसके बाद अब आयोग 24, 25 और 26 नवंबर को शारीरिक माप जोख एवं दक्षता परीक्षा आयोजित करने जा रहा था, लेकिन इन तारीखों में बदलाव करते हुए इसके लिए 20, 21 और 22 नवंबर को यह परीक्षा आयोजित की जाएगी.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्तोलिया ने बताया कि अभ्यर्थियों की तरफ से दो परीक्षाएं एक साथ होने के कारण परीक्षा की तारीख में बदलाव के लिए अनुरोध किया गया था. इसी के आधार पर इन तारीखों में मामूली बदलाव हुआ है.
आयोग की तरफ से कुछ दूसरी परीक्षाओं के लिए भी परीक्षा का दिन तय हुआ है, इसमें समूह ग़ के पद डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर सहायक, सह स्वागतकर्ता, कनिष्ठ सहायक, स्वागती मेट, कार्य पर्यवेक्षक और आवास निरीक्षक शामिल है. इन सभी पदों के लिए 1 दिसंबर से अभिलेख सन्निरीक्षण शुरू होना प्रस्तावित किया गया हैं.
इन पदों के लिए 4 अक्टूबर 2024 को विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसके बाद 19 जनवरी 2025 को लिखित परीक्षा भी आयोजित करवाई गई. लिखित परीक्षा के बाद इन पदों के लिए 18 अगस्त से 5 सितंबर 2025 तक टंकण परीक्षा आयोजित हुई. इसके बाद जल्द ही आयोग की तरफ से मेरिट लिस्ट जारी की जानी है. सूची जारी होने के बाद एक दिसंबर से अभ्यर्थियों के दस्तावेज देखेंगे जायेंगे.
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग आगामी विभिन्न परीक्षाओं को समय से करने के लिए परीक्षाओं की प्रस्तावित तारीखों पर ही परीक्षा कार्यक्रमों को आयोजित किए जाने का प्रयास कर रहा है. हालांकि इस दौरान कुछ मामले कोर्ट में होने के चलते उन पर परीक्षाएं करवाना या प्रक्रिया को आगे बढ़ना भी मुश्किल हो रहा है. उधर दूसरी तरफ अभ्यर्थियों के साथ संवाद करते हुए उनके अनुरोध पर भी जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं.
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