मसूरी: बार्लोगंज क्षेत्र में इन दिनों एक परिवार गहरे शोक और असमंजस में डूबा हुआ है. मेरीविल स्टेट निवासी हुकम सिंह रावत के बेटे आशीष रावत का ब्राजील में निधन हो गया है. वे मर्चेंट नेवी में तैनात थे, लेकिन सबसे बड़ी पीड़ा ये है कि आशीष का पार्थिव शरीर अभी तक भारत नहीं लाया जा सका है. ऐसे में परिजनों ने सरकार से पार्थिव शरीर को घर लाने की गुहार लगाई है.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने परिवार से की मुलाकात: वहीं, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी खुद शोक-संवेदना व्यक्त करने परिवार के घर पहुंचे. उन्होंने न केवल परिजनों से मिलकर उनका ढांढस बंधाया. बल्कि, विदेश मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग भी की.
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हर मां-बाप का सपना होता है कि उनका बेटा जब घर लौटे तो वो जिंदा लौटे, लेकिन जब ऐसा नहीं हो सका तो कम से कम उन्हें ये हक तो मिले कि वो अपने बेटे को अंतिम विदाई दे सकें. आशीष का पार्थिव शरीर भारत लाना हमारी प्राथमिकता है.
आशीष रावत के घर पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी (फोटो सोर्स- ETV Bharat)
मंत्री जोशी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में विदेश मंत्रालय और जहाजरानी मंत्रालय को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की अपील की है. साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस मामले पर विदेश मंत्रालय से सीधे पत्राचार किया है. ताकि, परिवार की इस असहनीय पीड़ा को कुछ राहत मिल सके.
मर्चेंट नेवी में तैनात थे आशीष रावत: बता दें कि आशीष रावत मर्चेंट नेवी के जरिए समुद्री मार्गों पर कार्यरत थे. उनका कार्यक्षेत्र ब्राजील के समुद्री तटों से जुड़ा था. देश की सीमाओं से दूर रहकर भी वो भारत का नाम रोशन कर रहे थे, लेकिन हाल ही में एक अप्रत्याशित घटना के चलते उनका निधन हो गया.इससे रावत परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा.
कुछ नहीं चाहिए साहब! बस हमारा बेटा वापस आ जाए: बेटे शोक में डूबे पिता हुकम सिंह रावत की आंखें नम हैं. उन्होंने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से बस यही कहा कि ‘हमें कुछ नहीं चाहिए साहब! बस हमारा बेटा वापस आ जाए. ताकि, हम उसे एक बार देख सकें.‘
परिजनों ने मंत्री जोशी से विनती की है कि वो आशीष का पार्थिव शरीर भारत लाने में मदद करें. ताकि, पूरे रीति-रिवाजों से अंतिम संस्कार किया जा सके और आत्मा को शांति मिल सके. वहीं, अन्य लोगों ने भी एक स्वर में मांग की है कि सरकार को इस संवेदनशील मामले में तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए.
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