आसियान शिखर सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए पीएम मोदी (ETV Bharat)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित 47वें आसियान शिखर सम्मेलन 2025 को वर्चुअली संबोधित किया, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आसियान के नए सदस्य के रूप में तिमोर-लेस्ते का स्वागत किया और समिट के सफल आयोजन के लिए मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई दी. साथ ही थाईलैंड की राजमाता के निधन पर अपनी संवेदना व्यक्त की. पीएम मोदी ने कहा कि दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक प्रमुख स्तंभ है.
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे एक बार फिर अपने आसियान परिवार से जुड़ने का अवसर मिला है. आसियान शिखर सम्मेलन की सफल अध्यक्षता के लिए मैं प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को बधाई देता हूं. मैं आसियान के नए सदस्य के रूप में तिमोर-लेस्ते का स्वागत करता हूं.”
उन्होंने कहा कि भारत और आसियान मिलकर विश्व की एक-चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम न सिर्फ भूगोल साझा करते हैं, बल्कि गहरे ऐतिहासिक संबंधों और साझे मूल्यों की डोर से जुड़े हुए हैं. हम ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं. हमारे न केवल व्यापारिक संबंध हैं, बल्कि सांस्कृतिक संबंध भी हैं. आसियान भारत की एक्ट ईस्ट नीति का मुख्य स्तंभ है. भारत ने हमेशा आसियान की केंद्रीयता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर आसियान के दृष्टिकोण का समर्थन किया है. अनिश्चितता के इस समय में, भारत-आसियान व्यापक रणनीतिक साझेदारी लगातार बढ़ी है. हमारी मजबूत साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास के आधार के रूप में उभर रही है.
भारत समावेशिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध
पीएम मोदी ने कहा, “इस साल आसियान शिखर सम्मेलन का विषय ‘समावेशिता और स्थिरता’ है. यह विषय हमारे साझा प्रयासों में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होता है – चाहे वह डिजिटल समावेशन हो या वर्तमान चुनौतियों के बीच खाद्य सुरक्षा और लचीली आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करना. भारत इन प्राथमिकताओं का पूरा समर्थन करता है और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है.”
उन्होंने कहा कि भारत हर आपदा में अपने आसियान सहयोगियों के साथ हमेशा मजबूती से खड़ा रहा है. HADR (मानवीय सहायता और आपदा राहत), समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है. इसको देखते हुए, हम 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग का वर्ष’ घोषित कर रहे हैं. इसके साथ ही, हम शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती से बढ़ावा दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी हमारी सदी है…भारत और आसियान की सदी है. मुझे विश्वास है कि ‘आसियान कम्यूनिटी विजन 2045’ और ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य पूरी मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेगा. आप सभी के साथ भारत कंधे से कंधा मिलाकर इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है.
यह भी पढ़ें- ASEAN Summit: ट्रंप की मौजूदगी में कंबोडिया-थाईलैंड ने शांति समझौते पर किए हस्ताक्षर

