देहरादून: उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ और चमोली की गौचर हवाई पट्टियों का संचालन इंडियन एयरफोर्स करेगी. जबकि, पिथौरागढ़ हवाई अड्डे का संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से किया जाएगा. इसके अलावा उत्तराखंड सरकार पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का विस्तार भी करने जा रही है, जिस पर 450 करोड़ रुपए खर्च होंगे.
हेली कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर फोकस: दरअसल, उत्तराखंड में हेली कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने पर सरकार विशेष जोर दे रही है. जिसकी मुख्य वजह यही है कि किसी भी आपदा के दौरान राहत बचाव कार्यों में न सिर्फ आसानी हो, बल्कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रदेश के सभी क्षेत्रों में हेली कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके.
Uttarakhand | The Indian Air Force will operate the airstrips of Chinyalisaur (Uttarkashi) and Gauchar (Chamoli). Pithoragarh airport will be operated by the Airport Authority of India. The government is also going to expand Pithoragarh Airport, which will cost Rs 450 crore. The…
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 25, 2025
चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी क्यों है खास: इसी कड़ी में उत्तराखंड सरकार ने चिन्यालीसौड़ (उत्तरकाशी) और गौचर (चमोली) में स्थित हवाई पट्टियों का संचालन भारतीय एयरफोर्स के हवाले करने पर सहमति जता दी है. दरअसल, भारत-चीन सीमा के लिहाज से सेना और वायुसेना कई बार चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी के विकास की मांग कर चुकी है.
क्योंकि, इस हवाई पट्टी पर वायु सेना हर साल अपने लड़ाकू विमान के साथ ही मालवाहक विमान की लैंडिंग और टेक ऑफ का अभ्यास करती है. इतना ही नहीं इस हवाई पट्टी का इस्तेमाल राज्य सरकार की ओर से भी किया जाता रहा है, लेकिन अब उत्तराखंड सरकार ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को भारतीय वायु सेना को देने पर सहमति जता दी है.
पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट पर विमान (फाइल फोटो- CMO)
काफी अहम है गौचर हवाई पट्टी: उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ राजमार्ग पर स्थित गौचर हवाई पट्टी के विस्तार को लेकर कई बार चर्चाएं हो चुकी हैं. इस एयरपोर्ट की खासियत ये है कि साल 2013 में केदार घाटी में आई आपदा के दौरान इसी एयरपोर्ट से ही हेली सेवाओं का संचालन किया गया. साथ ही केदार घाटी से लोगों का रेस्क्यू किया गया था.
ऐसे में अब उत्तराखंड सरकार ने गौचर हवाई पट्टी को भारतीय वायु सेना को सौंपने का निर्णय लिया है. जिसकी मुख्य वजह है कि सीमांत जिलों में हवाई सेवाओं का न सिर्फ बेहतर ढंग से विस्तार हो सकेगा. बल्कि, इससे स्थानीय निवासियों के साथ ही सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जरूर को भी पूरा किया जा सकेगा.
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया करेगा पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का संचालन: उत्तराखंड सरकार ने पिथौरागढ़ के नैनी सैनी एयरपोर्ट पर बढ़ते हवाई सेवाओं को देखते हुए इसका संचालन एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के जरिए करने का निर्णय लिया है. इसके लिए राज्य सरकार और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच एमओयू यानी समझौता ज्ञापन (MoU) पर सहमति भी बन गई है.
गुंजी से आदि कैलाश क्षेत्र में हवाई सेवा शुरू करने की कवायद: ऐसे में सरकार पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का विस्तार भी करने जा रही है, जिस पर करीब 450 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इसके साथ ही गुंजी से आदि कैलाश क्षेत्र में हवाई सेवा शुरू करने के लिए यहां 1 किमी लंबी हवाई पट्टी बनाने की तैयारी कर रही है. इस हवाई पट्टी के निर्माण में भी एयरफोर्स की ओर से तकनीकी सहयोग दिया जाएगा.
“सीमांत प्रदेश में हवाई नेटवर्क का विस्तार जरूरी है, इससे स्थानीय निवासियों के साथ ही सामरिक जरूरतों की भी पूर्ति संभव होगी. इसके लिए एयरफोर्स का भी सहयोग लिया जाएगा. पिथौरागढ़ एयरपोर्ट का जल्द विस्तार किया जाएगा.”– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड
ये भी पढ़ें-