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अहमदाबाद विमान हादसा: पूर्व पायलट ने जांच रिपोर्ट में चिप की खराबी की ओर इशारा किया


लंदन: अहमदाबाद में पिछले महीने एयर इंडिया विमान दुर्घटना को लेकर जारी रिपोर्ट पर एक पूर्व पायलट एवं एक्सपर्ट ने अलग ही राय दी है. पूर्व पायलट एवं एक्सपर्ट के अनुसार विमान दुर्घटना का कारण चिप की खराबी हो सकता है. उन्होंने कहा कि ईंधन के स्विच को गलती से बंद करने की संभावना ‘लगभग शून्य’ है.

गुजरात के अहमदाबाद में बोइंग ड्रीमलाइनर 787-8 विमान के एआई 171 दुर्घटनाग्रस्त होने से 260 लोगों की मौत हो गई. इनमें 229 यात्री, 12 चालक दल के सदस्य और 19 लोग जमीन पर थे. बकिंघमशायर न्यू यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ व्याख्याता और पूर्व पायलट मार्को चान ने कहा कि हालांकि रिपोर्ट में दोनों पायलटों को मानवीय भूल से स्पष्ट रूप से दोषमुक्त नहीं किया गया है, लेकिन ईंधन कट-ऑफ टॉगल को गलती से स्विच करने की संभावना ‘लगभग शून्य’ है.

12 जुलाई को जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट में पिछले महीने जेटलाइनर के दुर्घटनाग्रस्त होने से ठीक पहले कॉकपिट में भ्रम की स्थिति का चित्रण किया गया. इसमें विमान के इंजन के ईंधन कटऑफ स्विच लगभग एक साथ अचानक से बंद हो गए थे और इंजन में ईंधन खत्म हो गया था. इस दुर्घटना में 260 लोग मारे गए थे.

पूर्व पायलट ने एक साक्षात्कार कहा कि जांच रिपोर्ट के निष्कर्षों को पढ़ने से मुझे पता चलता है कि यह पायलट त्रुटि नहीं थी. रिपोर्ट से ऐसा प्रतीत होता है कि चिप में त्रुटि थी. उन्होंने कहा, ‘रिपोर्ट से ऐसा लगता है कि चिप में त्रुटि थी. यह इतना सरल है कि एक चिप ठीक से काम नहीं कर रही है और उसका संपर्क टूट गया है.’

पूर्व पायलट ने अमहदाबाद विमान दुर्घटना के संभावित कारण पर प्रकाश डालते हुए कहा है कि इस दुर्घटना के लिए कोई तकनीकी समस्या जिम्मेदार हो सकती है. पूर्व पायलट के अनुसार संपर्क टूट जाने पर सिस्टम फेल हो सकता है, ठीक वैसे ही जैसे लैपटॉप में ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ दिखाई देती है.

उन्होंने बताया कि थर्मल चक्र के गर्म होने के कारण सिग्नल का ठीक से संपर्क नहीं हो पाया होगा. चैन ने कहा, ‘एक बार संपर्क टूट जाए, तो यह बिजली की तरह काम करता है. सिग्नल का ठीक से संपर्क नहीं हो पाता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि थर्मल चक्र गर्म होता है.’

पूर्व पायलट ने आगे बताया कि हो सकता है कि अत्यधिक कार्यभार के कारण सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया हो, बिल्कुल लैपटॉप के बंद होने की तरह. पूर्व पायलट ने आगे कहा, ‘यह बहुत जोर से काम कर रहा था, जैसे आपका लैपटॉप काम करना बंद कर देता है. और आपको मौत की नीली स्क्रीन और विंडोज दिखा रहा है.’

इंटरव्यू के दौरान पूर्व पायलट ने बताया कि ईंधन नियंत्रण इकाई (FU) को चालू स्थिति में रहने का आदेश नहीं मिला, जिसके परिणामस्वरूप ईंधन आपूर्ति में कुछ समय के लिए रुकावट आई. पूर्व पायलट ने बताया, ‘यह ईंधन नियंत्रण इकाई को एक पल के लिए भी चालू स्थिति में रहने का आदेश नहीं देता. ईंधन कुछ सेकंड के लिए रुका और इंजन की गति धीमी होने लगती है.’

एयर इंडिया विमान दुर्घटना के बारे में महत्वपूर्ण प्रश्न उठाते हुए, जांच के दो मुख्य क्षेत्रों पर प्रकाश डाला. चैन ने कहा कि जांच इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि क्या एयर इंडिया ने सर्विस बुलेटिन के अनुसार आवश्यक रखरखाव और कुछ चिप्स को बदला था.

मार्को चान ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि अब सबसे पहले इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि क्या एयर इंडिया ने सर्विस बुलेटिन के अनुसार उन चिप्स का आवश्यक रखरखाव और रिप्लेसमेंट किया है.’ पूर्व पायलट ने जी.ई. एविएशन (जिसे पहले जनरल इलेक्ट्रिक के नाम से जाना जाता था) और उसके साझेदार बोवेन द्वारा जारी बुलेटिन की प्रकृति की जांच करने की आवश्यकता पर बल दिया.

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