देहरादून: तबादलों का न्याय प्रक्रिया में फंसना वन महकमे के लिए मुश्किल भरा हो रहा है. पहले भारतीय वन सेवा के अधिकारी और अब रेंजर के मामले में तबादले पर स्टे से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. खास बात यह है कि मामले में डीएफओ से भी अब जवाब मांगा गया है.
नंदा देवी राजजात के लिए वन क्षेत्र में होने वाले कामों पर एस्टीमेट न बनाने का मामला अब हाईकोर्ट तक जा पहुंचा है. स्थिति यह है कि प्रकरण पर बदरीनाथ वन प्रभाग से लेकर वन मुख्यालय तक पत्राचार हुए. इसके बाद वन क्षेत्र अधिकारी नंदप्रयाग हेमंत सिंह बिष्ट को रेंज से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया. हैरत की बात यह है कि इस आदेश के खिलाफ वन क्षेत्राधिकार हेमंत सिंह बिष्ट ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जहां वे मुख्यालय के आदेश पर स्टे भी ले आये हैं.
रेंजर को लेकर शिकायत (सोर्स: वन विभाग)
मामला नंदप्रयाग रेंज का है. जिसमें वन क्षेत्राधिकार हेमंत बिष्ट तैनात हैं. नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 में प्रस्तावित है. उत्तराखंड में यह बेहद महत्वपूर्ण यात्रा होती है. यह यात्रा हर 12 साल में एक बार आयोजित की जाती है. जाहिर है कि इसके महत्व को देखते हुए बाकी विभागों की तरह ही वन विभाग भी अभी से इसकी तैयारी में जुटा हुआ है. ऐसे में वन क्षेत्राधिकार हेमंत बिष्ट पर आरोप है कि उन्होंने नंदा देवी राजजात यात्रा के लिए होने वाले कामों को लेकर DFO कार्यालय को एस्टीमेट नहीं भेजा. इसी के आधार पर वन मुख्यालय में DFO कार्यालय से भेजे गए शिकायती पत्र के आधार पर उनका तबादला किया गया.
खास बात यह है कि हाईकोर्ट में वन क्षेत्राधिकारी ने याचिका दायर करते हुए कहा कि DFO ने 5 लाख से काम के एस्टीमेट बनाने के लिए कहे थे, जबकि उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया था कि विभिन्न एस्टीमेट को 5 लाख के रूप में विभाजित करना संभव नहीं है. उन्होंने याचिका में कहा कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं. उन्हें इन्हीं गलत आरोपों के तहत रुद्रप्रयाग वन प्रभाग अटैच किया गया है.

उत्तराखंड वन विभाग (सोर्स: वन विभाग)
खास बात यह है कि हाईकोर्ट ने इन तमाम तर्कों को देखते हुए वन मुख्यालय से रेंजर के तबादले को लेकर जारी किए गए आदेश पर रोक लगा दी है. यही नहीं अगली तारीख पर वन सचिव को कोर्ट में उपस्थित होने के भी निर्देश जारी किए हैं.
मानव संसाधन की जिम्मेदारी देख रही एपीसीसीएफ मीनाक्षी जोशी ने बताया न्यायालय ने जो निर्देश दिए हैं उनका पालन किया जाएगा. इस मामले को लेकर DFO से भी जवाब मांगा गया है. इस मामले में बदरीनाथ वन प्रभाग के DFO सर्वेश दुबे ने बताया नंदा देवी राजजात यात्रा का कुल 73 किलोमीटर क्षेत्र उनकी डिवीजन में आता है. यह यात्रा अगस्त 2026 में प्रस्तावित है. जिसके लिए अब काम करने का समय काम बचा है. इसलिए स्थानीय लोगों को मौका देने के इरादे से 5 लाख तक के ही एस्टीमेट मांगे गए थे. इससे इस क्षेत्र में काम भी तेजी से हो सकेगा. फिलहाल जो जानकारी मांगी गई है. उसका जवाब तैयार किया जा रहा है.

उत्तराखंड वन विभाग (सोर्स: वन विभाग)
उत्तराखंड वन विभाग में तबादले पर हाईकोर्ट की शरण लेने और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इसी महीने भारतीय वन सेवा के अधिकारी पंकज कुमार ने भी अपने तबादले के खिलाफ याचिका दायर की थी. जिसपर सरकार को मुंह की खानी पड़ी थी. हाईकोर्ट ने मामले में तबादला आदेश पर रोक लगाई थी.
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