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वैष्णो देवी भूस्खलन में अब तक 35 की मौत, जम्मू में बारिश का रिकॉर्ड टूटा, नेशनल हाईवे बंद


जम्मू: जम्मू-कश्मीर के कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर के पास मंगलवार को हुए भीषण भूस्खलन के बाद बचाव दल ने गुरुवार सुबह तक मलबे से 35 शव बरामद किए हैं. जम्मू के कई इलाकों में बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में कुल 39 लोगों की मौत हो गई, जिनमें कटरा भूस्खलन में मारे गए लोग भी शामिल हैं.

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुंवारी के पास मलबे से अब तक 35 शव बरामद किए जा चुके हैं. अब तक 22 शवों की पहचान हो चुकी है. इनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. अधिकारियों ने बताया कि इनमें से कई के परिवार कटरा पहुंच चुके हैं और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शव उनके परिजनों को सौंप दिए जा रहे हैं.

भूस्खलन की घटना के बाद माता वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन बुधवार शाम को पुराने मार्ग से बहाल कर दी गई. अधिकारियों ने बताया, “सेना, पुलिस और एसडीआरएफ के जवान अभी भी बचाव अभियान में लगे हुए हैं. पूरा काम हाथ से किया जा रहा है क्योंकि घटना स्थल पर जेसीबी का इस्तेमाल संभव नहीं है.”

वैष्णो देवी भूस्खलन में अब तक 35 की मौत (PTI)

लगातार भारी बारिश के कारण हुए इस भूस्खलन में 20 अन्य लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है. यह भूस्खलन मंगलवार (26 अगस्त) को दोपहर लगभग 3 बजे कटरा से मंदिर तक 11 किलोमीटर की यात्रा के बीच में, अर्धकुंवारी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ.

इसके अलावा, बाढ़ में एक बीएसएफ जवान समेत चार लोगों की मौत हो गई, जिससे जम्मू-कश्मीर में मरने वालों की कुल संख्या 39 हो गई.

जम्मू में 24 घंटे में रिकॉर्ड 296 मिमी बारिश
मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को कहा कि जम्मू में 24 घंटे में 296 मिमी बारिश दर्ज की गई, और 9 अगस्त 1973 को दर्ज की गई 272.6 मिमी बारिश के 52 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया. आईएमडी ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश की भी भविष्यवाणी की.

जम्मू में भारी बारिश के कारण तवी नदी के उफान पर आने के एक दिन बाद लोग नदी के किनारे क्षतिग्रस्त घरों के पास खड़े हैं.

जम्मू में भारी बारिश के कारण तवी नदी के उफान पर आने के एक दिन बाद लोग नदी के किनारे क्षतिग्रस्त घरों के पास खड़े हैं. (PTI)

लगातार बारिश के बीच, सूर्य पुत्री के नाम से मशहूर तवी नदी उफान पर आ गई, जिससे जम्मू के निवासियों में दहशत फैल गई. रिकॉर्ड तोड़ बारिश से उफनती इस नदी ने सैकड़ों घरों और कई हेक्टेयर कृषि भूमि को जलमग्न कर दिया, इमारतें और मवेशी बहा ले गई. साथ ही 6,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं और ये सब एक ही दिन में हुआ.

मंगलवार की सुबह तक, शांत नदी एक प्रचंड बाढ़ में बदल गई, जिससे निचले इलाके, खासकर पीरखो, गुज्जर नगर, गोरखा नगर और अन्य नदी किनारे की बस्तियां जलमग्न हो गईं.

जम्मू में बारिश से तबाही

जम्मू में बारिश से तबाही (PTI)

नदी के पास स्थित शिव मंदिर के पुजारी शिवानंद ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमने तवी को कभी इतने उग्र और विनाशकारी मूड में नहीं देखा. शांत नदी शेर की तरह दहाड़ रही थी और लोगों को डर था कि यह अपने किनारों को तोड़ देगी और शहर को दफना देगी.”

पीरखो, जो सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है, में क्षतिग्रस्त वाहन, मलबा, पत्थर और उखड़े हुए पेड़ बिखरे पड़े थे. 300 से ज्यादा लोगों को, जिनमें मासूम बच्चे और चलने में असमर्थ बुज़ुर्ग भी शामिल थे, बेतहाशा बचाव अभियान के जरिये बाहर निकाला गया. लेकिन डर अभी भी बना हुआ था.

जम्मू में बारिश का रिकॉर्ड टूटा

जम्मू में बारिश का रिकॉर्ड टूटा (PTI)

अधिकारियों ने बताया कि सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय लोगों ने 17 जगहों से 5,000-6,000 लोगों को निकाला. पहली बार, एनडीआरएफ ने फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए जम्मू शहर में नावों का इस्तेमाल किया. गजनसू के एक वरिष्ठ नागरिक करम चंद ने कहा, “मैंने अपने जीवन में जम्मू को इस तरह पानी में डूबा हुआ कभी नहीं देखा.”

अधिकारियों का अनुमान है कि दर्जनों इलाकों में 2,000-3,000 घर और कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान जलमग्न हो गए हैं, जबकि पशुधन का भी व्यापक नुकसान हुआ है. आईएमडी ने बताया कि जम्मू में लगभग एक सदी पहले भी ऐसी ही बारिश हुई थी, जब 5 अगस्त, 1926 को 24 घंटों में 228.6 मिमी बारिश हुई थी.

भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद
अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर-रामबन क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुए कई भूस्खलनों के कारण जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर गुरुवार को लगातार तीसरे दिन वाहनों की आवाजाही बंद रही. राजमार्ग बंद होने के कारण रास्ते में विभिन्न स्थानों पर 500 से 600 से अधिक वाहन फंसे हुए हैं. उन्होंने बताया कि 270 किलोमीटर लंबा यह हाईवे, जो कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाला एकमात्र बारहमासी मार्ग है, उधमपुर में जखेनी और चेनानी के बीच कई स्थानों पर हुए भूस्खलन के कारण बाधित हो गया है.

जम्मू में बारिश का रिकॉर्ड टूटा

जम्मू में बारिश का रिकॉर्ड टूटा (PTI)

एक यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा, “जखेनी और चेनानी के बीच कई स्थानों पर हुए नुकसान के कारण उधमपुर के जखेनी से श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही के लिए राजमार्ग बंद है. जम्मू के नगरोटा से रियासी, चेनानी, पटनीटॉप, डोडा, रामबन, बनिहाल, श्रीनगर की ओर वाहनों की आवाजाही की अनुमति नहीं होगी.” उन्होंने कहा कि कटरा और उधमपुर शहरों के यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी पहचान साबित करने के लिए अपने फोटो पहचान पत्र साथ रखें ताकि उनकी आवाजाही सुचारू रूप से हो सके.

उन्होंने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कर्मचारी और मशीनें मंगलवार को भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ के बाद हाईवे पर आए मलबे को हटाने के लिए काम कर रही हैं. यातायात परामर्श के अनुसार, किश्तवाड़-सिंथन-अनंतनाग राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद है. इसमें कहा गया है कि मौसम ठीक रहने और सड़क की अच्छी स्थिति के आधार पर, और बीआरओ से हरी झंडी मिलने के बाद, श्रीनगर-सोनमर्ग-गुमरी मार्ग पर यातायात को नियमित रूप से चलने दिया जाएगा. सोनमर्ग से कारगिल की ओर 11:30 बजे से 17:30 बजे के बीच हल्के वाहनों और उसके बाद भारी वाहनों को जाने की अनुमति दी जाएगी.

जम्मू में बारिश

जम्मू में बारिश (PTI)

परामर्श में कहा गया है, “निर्धारित समय के बाद किसी भी वाहन को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. श्रीनगर से करगिल जाने वाले सुरक्षा बलों के काफिले अपनी आवाजाही इस तरह से तय करेंगे कि नागरिक यातायात बाधित न हो.”

यात्रा परामर्श के अनुसार, सड़क रखरखाव एजेंसियों से हरी झंडी मिलने के बाद, कश्मीर के शोपियां जिले और जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले के बीच मुगल रोड पर हल्के वाहनों (एलएमवी) की आवाजाही की अनुमति दी जाएगी, बशर्ते मौसम ठीक हो और सड़क की स्थिति अच्छी हो. परामर्श में कहा गया है, “हल्के वाहनों और निजी कारों को मुगल रोड पर दोनों तरफ से, यानी जम्मू से श्रीनगर की ओर और पुंछ के रास्ते वापस जाने की अनुमति होगी. इन वाहनों को पुंछ के बेहरामगला और शोपियां के हरपोरा से सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे के बीच अनुमति दी जाएगी.”

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