नई दिल्ली, 10 दिसंबर (आईएएनएस) नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू सर्दियों के मौसम में रबी फसलों के तहत बोया गया कुल क्षेत्रफल 479 लाख हेक्टेयर (5 दिसंबर तक) से अधिक हो गया है।
यह पिछले वर्ष की समान अवधि के 451.12 लाख हेक्टेयर के आंकड़े की तुलना में 27.89 लाख हेक्टेयर की वृद्धि है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, इसके अलावा, 106.21 लाख हेक्टेयर क्षेत्र अब दलहन के अंतर्गत आता है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह 105.78 लाख हेक्टेयर था।
जहां 5 दिसंबर तक ‘श्री अन्ना और मोटे अनाज’ के तहत 36.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र कवरेज की सूचना दी गई है, वहीं तिलहन 84 लाख हेक्टेयर को पार कर गया है।
बोए गए क्षेत्र में वृद्धि से अधिक उत्पादन होने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने में भी मदद मिलेगी।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि गेहूं का रकबा पिछले साल की समान अवधि के 217.81 लाख हेक्टेयर से 23.59 लाख हेक्टेयर बढ़कर 241.40 लाख हेक्टेयर हो गया है।
उड़द, मसूर और मूंग जैसी दालों का रकबा पिछले साल की समान अवधि के 106.21 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 105.78 लाख हेक्टेयर हो गया है।
ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाज या बाजरा का रकबा चालू सीजन के दौरान अब तक 36.28 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में यह 35.94 लाख हेक्टेयर था।
रेपसीड और सरसों जैसे तिलहनों का रकबा 2.40 लाख हेक्टेयर बढ़कर 84.14 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 81.75 लाख हेक्टेयर था।
चालू सीजन में बुआई का रकबा बढ़ गया है क्योंकि बेहतर मॉनसून बारिश से देश के असिंचित क्षेत्रों में बुआई आसान हो गई है, जो देश की कृषि भूमि का लगभग 50 प्रतिशत है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 1 अक्टूबर को, उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए 2026-27 विपणन सत्र के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी।
न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा बुवाई के मौसम से काफी पहले की जाती है क्योंकि किसान अपनी कमाई को अधिकतम करने के लिए तदनुसार अपनी फसल योजना बना सकते हैं।
–आईएएनएस
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