दिव्य प्रताप सिंह की लैंड क्रूजर कार. (PHOTO SOURCE- आर यशोवर्धन)
देहरादून: उत्तराखंड के 14वें मुख्य सचिव रहे एस रामास्वामी के बेटे आर यशोवर्धन के साथ मारपीट के बाद सुर्खियों में आए पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बेटे दिव्य प्रताप सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. मारपीट के मामले में नामजद मुकदमा दर्ज होने के अलावा लाइसेंसी हथियारों की निरस्तीकरण की प्रक्रिया भी जारी है. इस मारपीट प्रकरण से संबंधित एक नया मामला सामने आया है. जो कि दिव्य प्रताप सिंह की कार को लेकर है.
15 नवंबर की रात आर यशोवर्धन के साथ मारपीट वाली वारदात के दौरान दिव्य प्रताप सिंह अपनी जिस लैंड क्रूजर कार के साथ मौजूद थे. उसके पिछले 5 साल में 28 चालान हुए हैं. ये कार 2019 में देहरादून आरटीओ कार्यालय में रजिस्टर्ड है.

एम परिवहन ऐप में दर्ज कार के ऑनलाइन चालान (PHOTO- M Parivahan App)
एम परिवहन मोबाइल ऐप पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, लैंड क्रूजर कार UK07DN0001 पर पिछले 5 साल में 28 चालान हुए हैं. ये चालान ओवर स्पीड और पॉल्यूशन से संबंधित हैं. खास बात ये है कि इनमें से एक चालान में डिजिटल पेमेंट का स्टेटस अभी भी पेंडिंग मोड़ में अटका है.

एम परिवहन ऐप में दर्ज कार के ऑनलाइन चालान (PHOTO- M Parivahan App)
ये सभी चालान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में हुए हैं. इसमें सिर्फ एक चालान 26 अगस्त 2025 का ऐसा है, जो पॉल्यूशन सर्टिफिकेट रिन्यू नहीं होने के कारण काटा गया गया है. जबकि अन्य सभी ओवर स्पीडिंग के कारण चालान किए गए हैं.

एम परिवहन ऐप में दर्ज कार के ऑनलाइन चालान (PHOTO- M Parivahan App)
कहां-कहां हुए कार के चालान: 2021 में दिल्ली में 2 चालान हुए. जबकि उत्तर प्रदेश में एक चालान हुआ. सभी चालान ओवर स्पीड को लेकर किए गए. इसके बाद 2022 में कार का दिल्ली में एक चालान हुआ. वहीं 2023 में दिल्ली में ही 5 चालान हुए, ये सभी चालान कार के तेज गति को लेकर हुए. हालांकि ये सिलसिला यहीं नहीं थमा. इसी साल उत्तर प्रदेश राज्य के अलग-अलग शहरों में भी कार के ओवर स्पीड को लेकर 5 चालान हुए.

बाएं तरफ दिव्य प्रताप सिंह और दाएं तरफ कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन (PHOTO- ETV Bharat)
इसके अलावा 2024 यूपी में चार, उत्तराखंड में एक और दिल्ली में एक चालान हुआ. जबकि 2025 उत्तराखंड में तीन, हरियाणा में तीन, यूपी में एक, दिल्ली में एक चालान ओवर स्पीड के कारण हुआ. इसमें उत्तराखंड में हुआ एक चालान पॉल्यूशन से संबंधित भी रहा है. ये सभी चालान एम परिवहन मोबाइल ऐप पर दर्ज हैं.
इस मामले पर देहरादून एआरटीओ नवीन सिंह का कहना है कि, किसी भी व्यक्ति का अगर चालन होता है तो उसको भुगतान के लिए 6 महीने का समय दिया जाता है. उसके बाद विभाग, चालान को न्यायालय भेज देता है. ऐसे में कोर्ट से ही संबंधित व्यक्ति चालान भरने की आगे की कार्रवाई कर सकता है.
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