डंडी कंडी पर मरीज (Photo Courtesy- Local Villagers)
टिहरी गढ़वाल: एक तरफ राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती समारोह मनाए जा रहे हैं. दूसरी ओर टिहरी गढ़वाल से निराश और दुखी करने वाली तस्वीर आ रही है. देश की आजादी के 78 साल बाद भी यहां के गांव में सड़क नहीं पहुंच सकी है. ऐसे में ग्रामीण बहुत परेशान और लाचार महसूस कर रहे हैं. बुधवार को उनका दर्द उस समय छलक आया जब उन्हें सड़क नहीं होने के कारण एक बीमार बुजुर्ग को डंडी कंडी के सहारे कई किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाना पड़ा.
सड़क नहीं है, मरीज को डंडी कंडी पर ले जाना पड़ा अस्पताल: टिहरी गढ़वाल जिले के घनसाली विधानसभा के अंतर्गत भिलंगना ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्र नैलचामी के धारगांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव ग्रामीणों की परेशानी का सबब बना हुआ है. बुधवार को ग्राम धारगांव नैलचामी के बुजुर्ग प्रेम सिंह पंवार की तबीयत अचानक बिगड़ गई. सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीणों को मजबूरन उन्हें डंडी-कंडी के सहारे कई किलोमीटर दूर सड़क तक पहुंचाना पड़ा, जिसके बाद ही उन्हें अस्पताल ले जाया जा सका.
धारगांव में नहीं पहुंची सड़क (Video Courtesy- Local Villagers)
सड़क नहीं होने से ग्रामीणों में रोष: इस दौरान ग्रामीण सुनील सिंह, सोहन सिंह, चंद्रशेखर और सूरत सिंह ने कठिन रास्तों से होकर बुजुर्ग को कंधों पर उठाकर सड़क तक पहुंचाया. स्थानीय लोगों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है जब किसी मरीज या गर्भवती महिला को इस तरह ले जाना पड़ा हो. यह गांव आजादी के बाद से ही सड़क सुविधा के अभाव में जूझ रहा है. इससे ग्रामीणों में रोष है.
ग्राम प्रधान ने कहा अफसर नहीं सुन रहे बात: ग्राम प्रधान मधु देवी ने बताया कि-
गांव के लोग आजादी के 78 वर्ष बाद भी मोटर मार्ग का इंतजार कर रहे हैं. कई बार विभागों और जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया, लेकिन अब तक सड़क निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
-मधु देवी, ग्राम प्रधान-
जल्द मोटर मार्ग के निर्माण की मांग: ग्रामीणों का कहना है कि देश में विकास की गाथाएं गाई जा रही हैं, लेकिन नैलचामी जैसे गांवों में आज भी सड़क, स्वास्थ्य और संचार जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. उन्होंने प्रशासन और सरकार से जल्द मोटर मार्ग निर्माण की मांग की, ताकि ग्रामीणों को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े.
धारगांव से सिर्फ 5 फीसदी पलायन है: गौरतलब है कि टिहरी गढ़वाल जिले के धारगांव में सबसे कम पलायन हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव में 95 प्रतिशत लोग बसे हुए हैं. सिर्फ 5 फीसदी लोग गांव से बाहर हैं. ये 5 प्रतिशत लोग भी राज्य बनने से पहले से ही बाहर चले गए थे. ग्रामीणों ने कहा कि राज्य की रजत जयंती तभी साकार होगी जब राज्य के हर व्यक्ति को सड़क, पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं मिल जाएंगी.
बीजेपी के शक्ति लाल शाह हैं घनसाली के विधायक: 2022 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के शक्ति लाल शाह घनसाली विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं. शाह 2017 में भी इसी सीट से विधायक रहे हैं. टिहरी गढ़वाल की घनसाली विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
क्या है डंडी कंडी? डंडी कंडी पालकी का ग्रामीण स्वरूप है. इसमें 2 डंडों के सहारे कुर्सी को या बैठने लायक स्ट्रक्चर को बांधकर मरीज को बिठाया जाता है. इसके बाद 4 लोग इसे अपने कंधों पर रखकर ले जाते हैं. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में ये बहुत परिश्रम का काम है. उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों जहां रोड नहीं पहुंची है वहां के ग्रामीण डंडी कंडी में बीमार, घायल, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को ले जाते हैं.
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