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स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा सहकारिता आंदोलन, धन सिंह रावत ने की घोषणा


सहकारिता सम्मेलन का शुभारंभ (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड राज्य गठन को 25 साल पूरे हो रहे हैं. ऐसे में सरकार, राज्य गठन को रजत जयंती के रूप में मना रही है. जिसके तहत प्रदेश भर में 1 नवंबर से ही अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में सहकारिता विभाग की ओर से सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका शुभारंभ सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने किया. कार्यक्रम के दौरान सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने छठवीं क्लास से छात्रों को सहकारिता

सहकारिता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारिता के क्षेत्र में तमाम काम किए हैं. मुख्य रूप से भारत सरकार के स्तर पर सहकारिता मंत्रालय का गठन होने के बाद पूरे देश में सहकारिता के क्षेत्र में नई क्रांति आई है. जिसमें उत्तराखंड राज्य ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. संचालित मिलेट्स मिशन योजना के तहत किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं. उत्तराखंड सरकार ने समितियों के जरिए किसानों से 4800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से मंडुवा खरीदकर किसानों को बड़ा आर्थिक सहारा दे रही है.

धन सिंह रावत ने कहा विभाग ने निर्णय लिया है कि महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से 21 हज़ार रुपए, 51 हज़ार रुपए और एक लाख 10 हज़ार तक का लोन बिना गारंटी दी जाएगी. जिससे महिलाएं रोजगार एवं आय सृजन से जुड़ी गतिविधियों को आगे बढ़ा सकें. राष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ने के लिए सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत दर्शन यात्रा के लिए 1 लाख, 2 लाख और महिला समूहों को 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाएगा.

इसके अलावा, उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को कक्षा 6 से सहकारिता आंदोलन का पाठ अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा. इसके लिए निबंधक को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य स्तर पर तैयार होने वाले इस प्रस्ताव को भारत सरकार को भी भेजा जाएगा. जिससे केंद्रीय विद्यालयों में भी इसे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जा सके.

यही नहीं, सहकारिता विभाग ने निर्णय लिया है कि उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के जरिए अब ठेली-रेहड़ी व्यवसायियों को 5 फीसदी ब्याज दर पर 3 से 5 दिनों के लिए अल्पकालिक लोन उपलब्ध कराया जाएगा. जिससे ठेली-रेहड़ी व्यवसायियों की आय में वृद्धि हो सके. सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब आम व्यक्ति की आय बढ़ेगी, तभी प्रदेश और देश आत्मनिर्भर बन सकेगा.

प्रदेश के तमाम जिलों पौड़ी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ में सहकारिता मेले का आयोजन किया गया. जिस मेले में 70 हज़ार से अधिक ग्रामीण शामिल हुए. पौड़ी जिले में बंजर भूमि पर फूलों की खेती “वेस्ट से बेस्ट” का उदाहरण बन चुकी है. ऐस में आगामी दिनों में उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, उधमसिंह नगर और चंपावत जिले में भी सहकारिता मेले का आयोजन किया जाएगा.

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