जेएनयू छात्रसंघ चुनाव 2025 (ETV Bharat)
नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ चुनाव की मतगणना देर रात से जारी है और जैसे-जैसे मतों की गिनती आगे बढ़ रही है, वामपंथी गठबंधन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. अब तक के रुझानों में वाम गठबंधन बढ़त बनाये हुए है. वहीं, जनरल सेक्रेटरी पद पर एबीवीपी के प्रत्याशी राजेश्वर ने बढ़त बना रखी है.
अध्यक्ष पद पर वाम गठबंधन की बढ़त: अब तक के परिणामों के अनुसार, अध्यक्ष पद पर वामपंथी गठबंधन की उम्मीदवार अदिति मिश्रा 443 मतों के साथ आगे चल रही हैं. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी पीएसए की विजयालक्ष्मी को 312 वोट मिले हैं, जबकि एबीवीपी के विकास पटेल 308 मतों के साथ तीसरे स्थान पर हैं.
उपाध्यक्ष पद पर वामपंथी गठबंधन की मजबूत पकड़: उपाध्यक्ष पद पर भी वामपंथी गठबंधन की गोपीका ने अब तक 661 वोट प्राप्त किए हैं, जबकि एबीवीपी की तान्या 379 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर हैं. एनएसयूआइ के शनावाज को 95 मत मिले हैं. इस पद पर वाम गठबंधन को निर्णायक बढ़त मिलती दिख रही है.
महासचिव पद पर एबीवीपी को मामूली बढ़त: महासचिव पद पर एबीवीपी के राजेश्वर ने बढ़त बनाई हुई है. उन्हें अब तक 436 वोट मिले हैं, जबकि वाम गठबंधन के उम्मीदवार सुनील को 416 वोट मिले हैं. यह मुकाबला बेहद नजदीकी बना हुआ है.वहीं, बीएपीएसए के शुआइब को 193 और एआइएसएफ के गोपि को 58 मत मिले हैं.
संयुक्त सचिव पद पर वाम गठबंधन आगे: संयुक्त सचिव पद पर भी वाम गठबंधन का पलड़ा भारी है. दानिश को 540 मत मिले हैं, जबकि एबीवीपी के अनुज को 365 वोट मिले हैं.
बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) के लिए मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हुए मतदान के बाद देर रात मतगणना की प्रक्रिया शुरू हुई जो बुधवार को भी जारी रही. जेएनयूएसयू चुनाव समिति के अनुसार, परिणाम छह नवंबर को घोषित किए जाने की उम्मीद है. इस साल जेएनयूएसयू चुनाव में 67 प्रतिशत मतदान हुआ जो पिछले चुनाव के 70 प्रतिशत से कम है. वर्ष 2023-24 के चुनावों में 73 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो पिछले एक दशक में सबसे अधिक है.
ढोल-नगाड़ों से गूंजता रहा कैंपस: जेएनयू परिसर मंगलवार को पूरे दिन ढोल-नगाड़ों, नारों और प्रचार गीतों से गूंजता रहा. छात्रों ने नए केंद्रीय समिति और स्कूल काउंसिलर को चुनने के लिए मतदान किया. मतदान सुबह 9 बजे शुरू हुआ और शाम 5.30 बजे तक चला, जिसमें दोपहर 1 बजे से 2.30 बजे के बीच का विराम शामिल है. कुल 9,043 छात्र चार प्रमुख केंद्रीय पदों – अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव – और विभिन्न स्कूलों में 42 काउंसिलर सीटों के लिए मतदान करने के पात्र थे.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम: विश्वविद्यालय के अंदर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रशासन की ओर से मतगणना स्थल पर केवल अधिकृत प्रतिनिधियों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है. जेएनयू छात्रसंघ चुनावों की पहचान हमेशा से पारदर्शिता और छात्र भागीदारी के लिए रही है और इस बार भी मतगणना उसी परंपरा के तहत हो रही है. लेफ्ट गठबंधन के समर्थक अब तक के रुझानों में बढ़त मिलने से उत्साहित हैं, वहीं एबीवीपी कार्यकर्ता भी अपने प्रत्याशियों के पक्ष में नारेबाजी करते हुए मुकाबला जारी रखे हुए हैं. जैसे-जैसे परिणाम साफ होते जा रहे हैं, छात्र संगठनों के बीच जोश और प्रतिस्पर्धा दोनों ही चरम पर पहुंच गए हैं.
मुकाबला इन दो के बीच: यह मुकाबला, जिसे अक्सर व्यापक वैचारिक संघर्ष के रूप में देखा जाता है, मुख्य रूप से लेफ्ट यूनिटी – जो अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) का गठबंधन है – और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के बीच है.
ये हैं इस बार मैदान में: वामपंथी धड़े ने अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा, उपाध्यक्ष पद के लिए किझाकूट गोपिका बाबू, महासचिव पद के लिए सुनील यादव और संयुक्त सचिव पद के लिए दानिश अली को मैदान में उतारा है. वहीं एबीवीपी ने इन चार केंद्रीय पदों के लिए क्रमश: विकास पटेल, तान्या कुमारी, राजेश्वर कांत दुबे और अनुज को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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