उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया इगास बग्वाल पर्व (PHOTO-ETV Bharat)
रुद्रप्रयाग/पौड़ी/टिहरी/मसूरी: उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपरा और आस्था के प्रतीक लोक पर्व इगास धूमधाम से मनाया गया. देहरादून में सीएम आवास से लेकर पौड़ी के रामलीला मैदान तक इगास पर्व की धूम रही. वहीं रुद्रप्रयाग में मंत्री सौरभ बहुगुणा उत्सव में शामिल हुए.
डीएम का गढ़वाली में संबोधन: रुद्रप्रयाग के गुलाबराय क्रीड़ा मैदान में जिला प्रशासन के तत्वाधान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस दौरान डीएम प्रतीक जैन का गढ़वाली में संबोधन सबसे खास रहा. जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन ने अपने संबोधन की शुरुआत गढ़वाली बोली में करते हुए कहा कि, आज उत्तराखंड कु संस्कृति कु संगम ईगास पर्व च. आज अपनी पहाड़ी संस्कृति एवं लोक परंपरा ते याद करणों कु दिन च. आज का दिन मा अपनु पुर्खों की याद मा घर घर मा दीप जालोंण च. यू पर्व अपनु सामूहिक एकता, प्यार, अपनु संस्कार अपनी पहचान कु दिन च. मैं बाबा केदार से प्रार्थना करदू कि बाबा सबू तै सुखी राजी खुशी रखया’.
उत्तराखंड में धूमधाम से मनाया गया इगास बग्वाल पर्व (VIDEO-ETV Bharat)
उन्होंने सभी ‘दाना स्याणा, दीदी, भुली, मां, बैणी’ को ईगास पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन हमारी सांस्कृतिक जड़ों को सुदृढ़ करते हैं और नई पीढ़ी को अपनी विरासत से जोड़ने का कार्य करते हैं.
डीएम का गढ़वाली में संबोधन (VIDEO-ETV Bharat)
कार्यक्रम में झुमैलो, जागर, मंडाण समेत विभिन्न लोक नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने वातावरण को पूर्णतः उत्तराखंडी रंग में रंग दिया. मंच पर स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियों ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा मौजूद रहे.

रुद्रप्रयाग इगास पर्व में कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा भी शामिल हुए. (PHOTO-ETV Bharat)
कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री सौरभ बहुगुणा द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. इसके बाद उन्होंने पारंपरिक रूप से भैला जलाकर पर्व का शुभारंभ किया. मंत्री बहुगुणा ने स्वयं भैलो नृत्य में सहभागिता कर स्थानीय जनमानस के साथ इगास पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया. उन्होंने सभी प्रदेश वासियों को इगास पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं दी और कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति, परंपराएं और लोक पर्व हमारी पहचान हैं, जिन्हें संजोकर रखना हम सबका दायित्व है.

रुद्रप्रयाग डीएम प्रतीक जैन ने भौलो खेला. (PHOTO-ETV Bharat)
पौड़ी गढ़वाल में इगास पर्व की धूम: उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक लोक पर्व इगास-बग्वाल (बूढ़ी दिवाली) इस बार पौड़ी शहर के रामलीला मैदान में बड़े ही धूमधाम और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया. कार्यक्रम की विशेष शोभा बने जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण, जिनके लोकगीतों और स्वर लहरियों ने पूरे मैदान में गढ़वाली संस्कृति की सुगंध बिखेर दी. पारंपरिक रीति-रिवाजों, लोकनृत्यों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से सजे इस आयोजन में लोगों ने दीप जलाकर और लोकगीतों पर थिरक कर अपनी परंपरा के प्रति श्रद्धा व्यक्त की.

रुद्रप्रयाग के गुलाबराय क्रीड़ा मैदान में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया (PHOTO-ETV Bharat)
इस मौके पर गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी, हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत और पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. अतिथियों ने प्रदेश की लोक संस्कृति को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया और इगास जैसे पर्वों को जन-जन तक पहुंचाने का आह्वान किया. इगास पर्व, जो दीपावली के 11 वें दिन बाद मनाया जाता है.

पौड़ी में रामलीला मैदान में इगास पर्व मनाया गया. (PHOTO-ETV Bharat)
इगास पर्व की खास पहचान माने जाने वाले भैलो खेल का आयोजन भी किया गया. पारंपरिक तरीके से जलाकर भैलो खेला गया, जिसे देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ जुटी. भैलो खेल के दौरान लोग लोकगीत गाते हुए उत्सव में शामिल हुए और वातावरण पूरी तरह पारंपरिक उल्लास से भर गया.

कार्यक्रम में सांसद अनिल बलूनी और त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए. (PHOTO-ETV Bharat)
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि उनका प्रयास रहा है कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति, रीति-रिवाज और त्योहारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाया जाए. उन्होंने कहा कि हमारे कई गांव आज खाली हो चुके हैं, लेकिन यदि त्योहारों और सामाजिक आयोजनों को गांव स्तर पर मनाया जाए, तो वहां फिर से खुशहाली लौट सकती है. उन्होंने सभी प्रवासी उत्तराखंडवासियों से अपील की कि वे अपने मूल गांवों में लौटें और इगास जैसे पर्वों को वहीं मनाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से परिचित कराया जा सके.

अनिल बलूनी ने 31 अक्टूबर को दिल्ली आवास पर इगास पर्व आयोजित किया था. (PHOTO-ETV Bharat)
टिहरी गढ़वाल के बौराड़ी स्टेडियम में मनाया गया इगास: टिहरी गढ़वाल के बौराडी स्टेडियम में धूम धाम से इगास बग्वाल पर्व मनाया गया. लोगों ने ढोल दमाऊ के साथ भैलो खेलकर उत्सव मनाया. जिलाधिकारी नितिका खंडेलवाल ने इगास बग्वाल कार्यकर्म में शिरकत कर पारंपरिक तरीके से स्थानीय लोगों के साथ भौलो खेला.
मसूरी में पर्यटक भी हुए उत्सव में शामिल: मसूरी में भी इगास बग्वाल पर्व धूमधाम से मनाया गया. भाजपा मसूरी मंडल और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में सिल्वरटन पार्किंग, कुलड़ी में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में स्थानीय लोग, पर्यटक और सामाजिक संगठन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे.

मसूरी के सिल्वरटन पार्किंग, कुलड़ी में मनाया गया इगास पर्व (PHOTO-ETV Bharat)
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक ढोल, दमाऊ और रणसिंघे की गूंज से हुई. भैलो के साथ खेली जाने वाली रस्म ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. बच्चों और युवाओं के लिए रस्साकशी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. शाम का समापन भव्य आतिशबाजी के साथ हुआ, जिसने सभी उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

मसूरी में इगास पर्व सैकड़ों लोग शामिल हुए. (PHOTO-ETV Bharat)
ये है मान्यता: इगास पर्व उत्तराखंड का एक प्राचीन सांस्कृतिक पर्व है. कहा जाता है कि यह पर्व वीर भड़ माधो सिंह भंडारी से जुड़ा है. जब वे तिब्बत विजय के लिए गए थे और लौटे, तो पूरे उत्तराखंड में खुशी का माहौल फैल गया. तभी से इगास पर्व ग्रामीण जीवन और सामुदायिक एकता का प्रतीक बन गया. दूसरी मान्यता यह कि भगवान श्रीराम के वन से अयोध्या लौटने की खबर जब पर्वतीय इलाकों तक दिवाली के 11 दिन बाद पहुंची थी तो तब खुशी में दिवाली मनाई गई.
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