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पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने महावतार बाबा की गुफा में लगाया ध्यान, साझा किए अपने अनुभव


महावतार बाबा की गुफा में ध्यान लगाते पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फोटो सोर्स- Sanjay Mathpal/Local Resident)

अल्मोड़ा (उत्तराखंड): देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उत्तराखंड की पवित्र दूनागिरी वादियों में स्थित महावतार बाबा की गुफा में पहुंच कर ध्यान लगाया. आध्यात्मिक यात्रा पर पहुंचे कोविंद ने पांडवखोली के पास घने जंगलों के बीच स्थित इस ऐतिहासिक गुफा तक पहुंचने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी खड़ी चढ़ाई को डोली के माध्यम से पार किया. जिसके बाद वे गुफा तक पहुंच पाए.

ध्यान और साधना में बिताया समय: बता कि महावतार बाबा की गुफा पहुंचने से पहले उन्होंने स्मृति भवन में करीब आधा घंटा बिताया. जहां उन्होंने योगदा आश्रम के संन्यासियों से महावतार बाबा, लाहिड़ी महाशय, युक्तेश्वर गिरी और परमहंस योगानंद जैसे महान संतों के जीवन, उपदेश एवं क्रिया योग के बारे में जानकारी ली. करीब तीन घंटे चली इस आध्यात्मिक यात्रा के दौरान उन्होंने ध्यान और साधना में समय बिताया.

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का भव्य स्वागत (वीडियो सोर्स- Sanjay Mathpal/Local Resident)

पूर्व राष्ट्रपति ने साझा किए अनुभव: पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अनुभव को ‘अद्भुत और आत्मशांति प्रदान करने वाला’ बताया. उन्होंने कहा कि वे दोबारे बाबा के दरबार में आने की इच्छा रखते हैं. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा. बड़ी संख्या में पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी और दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम भी मौके पर मौजूद रहे.

Ram Nath Kovind in Mahavatar Babaji Cave

महावतार बाबा की गुफा के बाहर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (फोटो सोर्स- Sanjay Mathpal/Local Resident)

ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत: गुफा यात्रा से पहले जब उनका काफिला रतखाल गांव पहुंचा तो ग्रामीणों ने पारंपरिक पिछौड़ा पहनकर उनका फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया. पूर्व राष्ट्रपति ने ग्रामीणों से आत्मीय मुलाकात की और उनके स्नेह से अभिभूत नजर आए. स्वागत समारोह में ग्राम प्रधान नीतू देवी, नंदन सिंह, उमा देवी, मुन्नी देवी, केशव सिंह, शेखर शर्मा सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे.

Ram Nath Kovind in Mahavatar Babaji Cave

महावतार बाबाजी की तस्वीर को प्रणाम करते पूर्व राष्ट्रपति (फोटो सोर्स- Sanjay Mathpal/Local Resident)

गुफा दर्शन के बाद विश्राम और प्रस्थान: महावतार बाबा की गुफा में ध्यान के बाद पूर्व राष्ट्रपति कोविंद ने करीब 18 किलोमीटर की सड़क यात्रा कर द्वाराहाट के भुमकिया स्थित रिसोर्ट में विश्राम किया. भोजन के बाद वे अपने काफिले के साथ रानीखेत रोड होते हुए नैनीताल के लिए रवाना हुए. पूर्व राष्ट्रपति के इस सफल दौरे के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. जबकि, सुरक्षा व्यवस्था के लिए कई जिलों से पुलिस अधिकारी तैनात किए गए थे.

बता दें कि इसी अक्टूबर महीने में साउथ के सुपरस्‍टार रजनीकांत भी महावतार बाबा की गुफा में पहुंचे थे. जहां उन्होंने गुफा में ध्यान और साधना की थी. पिछले दो दशकों से भी ज्यादा समय से रजनीकांत योगदा आश्रम और महावतार बाबा की गुफा में आते रहे हैं. इसके साथ ही अन्य नामचीन हस्तियां भी यहां आती रही है. जिस वजह से यह गुफा अपने आप में खास है.

Ram Nath Kovind in Mahavatar Babaji Cave

योगदा आश्रम पहुंचने पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत (फोटो सोर्स- Sanjay Mathpal/Local Resident)

महावतार गुफा का महत्व: महावतार गुफा रानीखेत और अल्मोड़ा के पास स्थित एक लोकप्रिय तीर्थयात्रा स्थल है. महावतार गुफा क्रिया योग का उद्गम स्थल है. स्थानीय निवासी धीरेंद्र मठपाल ने बताया कि महावतार बाबा ने साल 1861 में लाहिड़ी महाशय को क्रिया योग की दीक्षा इसी गुफा में दी थी. यह गुफा आध्यात्मिक साधकों और भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है, जो ध्यान, आध्यात्मिक शांति और आत्म-साक्षात्कार की तलाश में यहां आते हैं.

यहां के शांत वातावरण में भक्त योग और ध्यान का अभ्यास करते हैं. माना जाता है कि यह गुफा एक ऊर्जा केंद्र है, जो आध्यात्मिक ऊर्जा उत्सर्जित करती है और इसमें उपचार व परिवर्तन की क्षमता रखती है. यहां पहुंचने के लिए 5 से 6 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई करनी पड़ती है, जो साहसिक और आध्यात्मिक से भरी होती है.

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