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जस्टिस सूर्यकांत के देश के अगले CJI बनने की चर्चा के साथ ही यह सवाल भी उठता है कि आखिर नियुक्ति कैसे होती है?
सुप्रीम कोर्ट. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team
Published : October 28, 2025 at 6:34 PM IST
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Updated : October 28, 2025 at 10:16 PM IST
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हैदराबादः भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की है. 24 नवंबर 2025 को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. वर्तमान सीजेआई जस्टिस बी.आर. गवई के 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने के बाद वे यह जिम्मेदारी संभालेंगे. जस्टिस सूर्यकांत के देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की चर्चा के साथ ही यह सवाल भी उठता है कि आखिर CJI की नियुक्ति कैसे होती है?
संविधान में क्या है प्रावधानः
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 124 सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना और गठन का प्रावधान करता है. अनुच्छेद 124(1) के अनुसार ‘भारत में एक सर्वोच्च न्यायालय होगा, जिसमें एक मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) और संसद द्वारा निर्धारित अधिकतम 33 अन्य न्यायाधीश होंगे.’ मुख्य न्यायाधीश और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. यह अधिकार अनुच्छेद 124(2) के अंतर्गत दिया गया है.

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कब नहीं मानी गई वरिष्ठताः
आमतौर पर वरिष्ठ न्यायाधीश को सेजीआई का पद मिलता है. लेकिन, भारत के इतिहास में कुछ अवसर ऐसे भी आए जब वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन नहीं हुआ. 1973 में इंदिरा गांधी सरकार ने जस्टिस ए.एन. रे को मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया, जबकि वे अपने तीन वरिष्ठ न्यायाधीशों से कनिष्ठ थे. यह फैसला केशवानंद भारती केस के बाद हुआ.
1977 में जस्टिस एच.आर. खन्ना को दरकिनार कर जस्टिस एम.एच. बेग को CJI बनाया गया था. 1964 में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने जस्टिस गजेन्द्र गडकरी को सीजेआई नियुक्त किया, जबकि वरिष्ठतम जस्टिस इमाम बीमार होने के कारण इस पद के लिए उपयुक्त नहीं माने गए.

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भारत से सीजआई से जुड़े रोचक तथ्यः
- अब तक भारत में 52 मुख्य न्यायाधीश हो चुके हैं.
- मुख्य न्यायाधीश का निवास 5, कृष्णा मेनन मार्ग, नई दिल्ली पर होता है
- CJI का वेतन (2025 के अनुसार) लगभग 2.8 लाख रुपये प्रति माह है

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CJI की उत्तराधिकार पंक्ति (2025–2031):
| क्रम | नाम | कार्यकाल |
| 1 | जस्टिस सूर्यकांत | नवम्बर 2025 – फरवरी 2027 |
| 2 | जस्टिस विक्रम नाथ | फरवरी 2027 – सितम्बर 2027 |
| 3 | जस्टिस बी.वी. नागरत्ना | सितम्बर 2027 – अक्टूबर 2027 (भारत की संभावित पहली महिला CJI) |
| 4 | जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा | अक्टूबर 2027 – मई 2028 |
| 5 | जस्टिस जे.बी. पारदीवाला | मई 2028 – अगस्त 2030 |
| 6 | जस्टिस के.वी. विश्वनाथन | अगस्त 2030 – मई 2031 |
| 7 | जस्टिस जॉयमल्या बागची | मई 2031 – अक्टूबर 2031 |

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अमेरिका में CJI नियुक्ति प्रक्रियाः
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की आधुनिक प्रक्रिया न्यायालय में सहयोगी न्यायाधीशों की नियुक्ति के समान ही है. सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति की आवश्यकता तब उत्पन्न होती है जब किसी न्यायाधीश की मृत्यु, सेवानिवृत्ति या त्यागपत्र के कारण न्यायालय में कोई पद रिक्त हो जाता है (या जब कोई न्यायाधीश सेवानिवृत्त होने या त्यागपत्र देने की घोषणा करता है).
उस स्थिति में, रिक्त हो रहे न्यायाधीश के उत्तराधिकारी का चयन करना राष्ट्रपति की संवैधानिक ज़िम्मेदारी बन जाती है. मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति केवल तभी की जा सकती है जब मुख्य न्यायाधीश के पद पर कोई रिक्ति हो या होने वाली हो. राष्ट्रपति सहयोगी न्यायाधीश के पद की रिक्ति का उपयोग किसी कार्यरत मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए नहीं कर सकते.
यूके में नियुक्ति प्रक्रियाः
यूके में लॉर्ड चीफ जस्टिस और यूके के सर्वोच्च न्यायालय के अध्यक्ष की नियुक्ति, सभी न्यायिक नियुक्तियों में महत्वपूर्ण हैं. लॉर्ड चीफ जस्टिस इंग्लैंड और वेल्स में न्यायपालिका के प्रमुख होते हैं, जबकि लॉर्ड चीफ जस्टिस यूनाइटेड किंगडम के सबसे वरिष्ठ न्यायालय का नेतृत्व करते हैं.
एक वरिष्ठ न्यायाधीश के लिए आवश्यक गुणों के साथ-साथ, इन पदों के लिए उम्मीदवारों में उच्च स्तरीय नेतृत्व और प्रशासनिक कौशल होना चाहिए और लॉर्ड चांसलर के साथ मिलकर काम करने में सक्षम होना चाहिए. इसलिए उनकी नियुक्तियों पर विशेष ध्यान दी जाती है.
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Last Updated : October 28, 2025 at 10:16 PM IST
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