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उत्तराखंड रजत जयंती पर सरकार की बड़ी तैयारी, जानिए विशेष सत्र और VVIP मूवमेंट के मायने


रजत जयंती वर्ष (फोटो- DIPR/ETV Bharat GFX)

धीरज सजवाण

देहरादून: उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस को एक बड़े सेलिब्रेशन के रूप में मनाने की तैयारी की जा रही है. इस बार का राज्य स्थापना दिवस इसलिए भी खास है, क्योंकि उत्तराखंड राज्य गठन को 25 साल पूरे होने जा रहे हैं. यानी यह रजत जयंती वर्ष है. ऐसे में राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक के दौरे प्रस्तावित हैं. जिसके बाद इन वीवीआईपी मूवमेंट के मायने भी निकाले जा रहे हैं.

एक तरफ राज्य गठन के 25 साल पूरे होने हैं तो वहीं दूसरी तरफ आगामी 2027 विधानसभा चुनाव के लिए भी बीजेपी बिगुल फूंकने की तैयारी में है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य स्थापना दिवस के मौके को भुनाते हुए सरकार प्रदेश वासियों को कुछ बड़ी सौगात देकर विधानसभा चुनाव 2027 के लिए मील का पत्थर गढ़ सकती है.

उत्तराखंड रजत जयंती पर सरकार की बड़ी तैयारी (वीडियो सोर्स- ETV Bharat)

विशेष सत्र में राष्ट्रपति की मौजूदगी और PM मोदी के दौरे से बड़ी धड़कनें: इस बार राज्य स्थापना दिवस को लेकर इसलिए भी ज्यादा कयास लगाए जा रहे हैं. क्योंकि, इस स्थापना दिवस से पहले प्रदेश सरकार ने 3 और 4 नवंबर को विशेष सत्र बुलाया है. इस विशेष सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल हो सकती हैं.

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने बताया कि आगामी तीन और चार नवंबर को उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जा रहा है, जो कि देहरादून में आयोजित किया जाना है. इसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रहने की संभावना है.

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा बताते हैं कि जिस तरह से राज्य की स्थापना से जुड़ा मुद्दा एक बड़ा संवैधानिक विषय है और राष्ट्रपति संवैधानिक प्रणाली के सबसे प्रमुख स्तंभ है, ऐसे में राज्य में स्थापना स्तर पर कोई बड़ा अगर फैसला लेना है तो उसमें राष्ट्रपति की मौजूदगी की एक बड़ा संकेत देती है.

ऐसे में राष्ट्रपति की मौजूदगी में यदि उत्तराखंड का विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है तो उम्मीद की जा सकती है कि इसमें राज्य की स्थापना और अस्तित्व से जुड़े कुछ बड़े फैसले किए जा सकते हैं. लिहाजा, अब विशेष सत्र को लेकर सभी की निगाहें टिकी हैं.

Narendra Modi

उत्तराखंड में नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

संगठन स्तर पर बीजेपी की अलग तैयारी: उत्तराखंड में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि बीजेपी संगठन भी अलग से राज्य स्थापना लेकर को बड़ी तैयारियों में लगा हुआ है. बीजेपी प्रदेश महामंत्री कुंदन परिहार ने बताया कि संगठन अपने स्तर पर राज्य स्थापना के कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर रहा है.

उन्होंने बताया कि जिस तरह से सरकार राज्य स्थापना और रजत जयंती वर्ष के मौके पर कार्यक्रमों की तैयारी कर रही है, साथ ही सरकार की ओर से राज्य हित में किसी बड़े फैसले की तैयारी की जा रही है तो उस फैसले को जन-जन तक पहुंचाने के लिए बीजेपी अपने विशाल और मजबूत नेटवर्क का इस्तेमाल करेगा.

25वें साल पर बढ़ी जनता की उम्मीदें: रजत जयंती वर्ष के मौके पर जिस तरह से सरकार राज्य स्थापना दिवस को लेकर तैयारी कर रही है और राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री के दौरे की चर्चाएं हैं. इसके साथ ही राज्य स्थापना दिवस से ठीक पहले विशेष सत्र बुलाना, कहीं न कहीं सरकार के किसी बड़े फैसले की तरफ इशारा कर रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा का कहना है कि निश्चित तौर से इन 25 सालों में उत्तराखंड में विकास की एक लंबी दूरी तय की है, लेकिन अब भी कई ऐसे विषय हैं, जिनको लेकर जनता के बीच में उम्मीद है.

उन्होंने बताया कि जिस तरह से लगातार प्रशासनिक इकाइयों की मांग की जा रही है तो वहीं इसके अलावा इन 25 सालों में गैरसैंण राज्य के लिए अब तक एक अनसुलझी गुत्थी रही है, निश्चित तौर से सरकार के पास ऐसे कई बड़े फैसलों की संभावनाएं हैं, जिनको लिया जा सकता है.

Pushkar Singh Dhami

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (फाइल फोटो- X@DIPR_UK)

विधानसभा चुनाव 2027 के लिए होगा बड़ा कदम: जहां एक तरफ सरकार राज्य स्थापना दिवस हो या फिर रजत जयंती वर्ष हो, इस मौके पर प्रदेश को बड़ी सौगात देने की प्लानिंग कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसे आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर एक माइलस्टोन के तौर पर भी देखा जा रहा है.

जानकारों का मानना है कि सरकार के पास यह बड़ा मौका है, जब वो प्रदेश में आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिहाज से एक बड़ा कदम बढ़ा सकती है. यहां से एक लंबी बढ़त बीजेपी बनाने की तैयारी में है. वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप राणा बताते हैं कि साल 2014 के बाद बीजेपी का यह पैटर्न है कि वो ऐसे मौका का फायदा उठाकर बड़े फैसले लेकर जनता को चौंकाने का काम करती है.

इस बात में कोई शक नहीं है कि यही पैटर्न राज्य में भी उतर जाए. उत्तराखंड में भी धामी सरकार एक विशेष मौके को देखते हुए पब्लिक के बीच में ऐसा कोई बड़ा फैसला ले, जिसका सीधा आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव पर हो.

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