देहरादून: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा अपने अंतिम चरण में है. आज 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो जाएंगे. वहीं 23 अक्टूबर को यमुनोत्री और बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए. आखिर में 25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे, लेकिन उससे पहले ही 24 अक्टूबर से उत्तराखंड की शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरुआत हो जाएगी, जिसके तैयारियों सरकार लगभग पूरी कर चुकी है.
राज्य सरकार को उम्मीद है कि बीते साल का तुलना में इस साल शीतकालीन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा प्रवास स्थलों पर दर्शन करने पहुंचेंगे. पिछले साल 2024 में चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद बृहद स्तर पर शीतकालीन यात्रा शुरू हुई थी, जिसका एक बेहतर रिस्पांस देखने को मिला. क्योंकि, साल 2024-25 के शीतकालीन यात्रा के दौरान करीब 77 हज़ार से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रवास स्थल के दर्शन किए थे. ऐसे में इस साल शीतकालीन यात्रा 24 अक्टूबर से शुरू हो रही है. क्योंकि 22 अक्टूबर को गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए हैं. लिहाजा कल यानी 23 अक्टूबर से मां गंगा के दर्शन उनके प्रवास स्थल मुखवा में होंगे.
उत्तराखंड चारधाम के कपाट शीतकाल के बंद होने की तिथि: चारधाम के कपाट बंद होने की शुरुआत होने के साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा की तैयारी को तेज कर दिया है.
साल 2024 का शीतकालीन चारधाम यात्रा का आंकड़ा (ETV Bharat)
- गंगोत्री धाम के कपाट आज यानी 22 अक्टूबर को सुबह 11:36 बजे बंद हो गए है. ऐसे में शीतकाल के दौरान मुखवा ने मां गंगा के दर्शन होंगे.
- यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। ऐसे में शीतकाल के दौरान मां यमुना के दर्शन खरसाली में होंगे.
- केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को सुबह 8:30 बजे बंद हो जाएंगे. ऐसे में बाबा केदार के दर्शन शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर (उखीमठ) में होंगे.
- इस साल बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे. ऐसे में भगवान विष्णु के दर्शन प्रवास स्थल पांडुकेश्वर में होंगे.
साल 2024 में पहली बार शीतकाल के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने धामों के प्रवास स्थल पहुंचकर दर्शन किए. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मार्च 2025 को मां गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा में दर्शन किए थे. इसके साथ ही उन्होंने पूरे देश में शीतकालीन यात्रा का बड़ा संदेश भी दिया था. ऐसे में राज्य सरकार को उम्मीद है कि इस साल भी शीतकाल यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रवास स्थलों के दर्शन करने पहुंचेंगे.
केदारनाथ धाम के कपाट भी 23 अक्टूबर को बंद होगे शीतकाल के लिए. (ETV Bharat)
गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके है. साथ ही 23 अक्टूबर को यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो जायेंगे. ऐसे में गंगोत्री धाम, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम की डोली प्रवास स्थल पहुंचने के बाद ही 24 अक्टूबर से शीतकालीन यात्रा शुरू हो जाएगी. जिसकी तैयारियां प्रवास स्थलों पर की जा रही है.
धीराज सिंह गर्ब्याल, पर्यटन सचिव, उत्तराखंड
उत्तराखंड पर्यटन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले साल 2024 में शुरू हुई शीतकालीन यात्रा के दौरान कुल 77,093 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे. वही, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पिछले साल सरकार ने शीतकाल यात्रा का नवाचार शुरू किया था. शीतकाल यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए थे. साथ ही प्रधानमंत्री ने यात्रा में शामिल होकर देश दुनिया में शीतकाल यात्रा का संदेश दिया था, जिसे लोगों को शीतकाल यात्रा की जानकारी भी हुई.

यमुनोत्री धाम के कपाट 23 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद होगे. (ETV Bharat)

गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को शीतकाल के लिए बंद हो गए. (ETV Bharat)
गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखवा में प्रधानमंत्री के आने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उस क्षेत्र में पहुंचे, जिसके चलते प्रदेश में पर्यटकों की एक बड़ी संख्या भी बड़ी है. ऐसे में इस साल शीतकालीन यात्रा उत्तराखंड राज्य के लिए एक बड़ा अवसर है.

बदरीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को बंद होगे. (ETV Bharat)
साल 2024 का शीतकालीन चारधाम यात्रा का आंकड़ा:
- शीतकालीन यात्रा के दौरान चारों धामों के प्रवास स्थल के 77093 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए.
- गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखवा में चार नवंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के दौरान 16,269 श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु के दर्शन किए.
- यमुनोत्री धाम के प्रवास स्थल खरसाली में चार नवंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के दौरान 2,967 श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु के दर्शन किए.
- केदारनाथ धाम के प्रवास स्थल ओंकारेश्वर (उखीमठ) में 24 नवंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के दौरान 31,907 श्रद्धालुओं ने भगवान शिव के दर्शन किए.
- बदरीनाथ धाम के प्रवास स्थल पांडुकेश्वर में 9 दिसंबर 2024 से 29 अप्रैल 2025 के दौरान 25950 श्रद्धालुओं ने भगवान विष्णु के दर्शन किए.
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