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संवत 2082 की शुरुआत के साथ, एनएसई और बीएसई पहली बार दोपहर में मुहूर्त ट्रेडिंग करेंगे. दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग को लेकर कुछ नया होगा.
पहली बार एनएसई और बीएसई पहली बार करेंगे दोपहर में मुहूर्त ट्रेडिंग करेंगे. (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team
Published : October 21, 2025 at 10:14 AM IST
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Updated : October 21, 2025 at 10:49 AM IST
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मुंबई: दशकों में पहली बार, भारत के शेयर बाजार बाजार के सबसे प्रतीकात्मक आयोजनों में से एक, दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग का समय बदल रहा है. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) आज दोपहर मेंदोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच विशेष ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे. पहले ये सामान्य रूप से शाम के समय होता था.
गौर करें तो यह नए हिंदू वित्तीय वर्ष, संवत 2082 की शुरुआत का प्रतीक है. मुहूर्त ट्रेडिंग को हमेशा से एक शुभ अवसर माना जाता रहा है, जो आस्था और वित्त का संगम है.
व्यापारियों और निवेशकों का मानना है कि इस अवधि के दौरान व्यापार करने से आने वाले वर्ष के लिए समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, दोपहर 1:30 बजे प्री-ओपन सत्र शुरू होगा. एनएसई और बीएसई दोनों पर, इसके बाद एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र होगा. इस अवधि के दौरान किए गए, सभी ट्रेड सामान्य निपटान नियमों के अधीन होंगे. इसका मतलब है कि डिलीवरी और भुगतान दायित्व सामान्य ट्रेडिंग दिवस की तरह ही पूरे किए जाएंगे.
कमोडिटी बाजार भी त्योहारी ट्रेडिंग में भाग लेंगे. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) आज विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे.
एमसीएक्स का प्री-ओपन सत्र दोपहर 1:30 बजे से 1:44 बजे तक चलेगा. इसके बाद 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच ट्रेडिंग होगी. क्लाइंट कोड में संशोधन दोपहर 3:00 बजे तक किए जा सकेंगे.
एनसीडीईएक्स भी इसी तरह के शेड्यूल का पालन करेगा. इसका प्री-ट्रेड सत्र दोपहर 1:30 बजे से 1:45 बजे तक होगा. साथ ही मुहूर्त ट्रेडिंग दोपहर 1:45 बजे से 2:45 बजे के बीच होगी.
दिवाली ट्रेडिंग शेड्यूल के अनुसार, 22 अक्टूबर (बुधवार) को एमसीएक्स सुबह के सत्र के दौरान बंद रहेगा और शाम को 5:00 बजे से 9:00 बजे तक फिर से खुलेगा. वहीं एनसीडीईएक्स में पूर्ण कारोबारी अवकाश रहेगा.
दोनों एक्सचेंजों पर सामान्य परिचालन 23 अक्टूबर (गुरुवार) को फिर से शुरू होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग दिवाली की एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है. इसकी शुरुआत 1957 में बीएसई से हुई थी और बाद में 1992 में एनएसई ने इसे अपनाया.
पुराने समय में, ब्रोकर नए साल में धन और सफलता का आशीर्वाद लेने के लिए चोपड़ा पूजन, खाता-बही की पूजा करने की एक रस्म, करते थे. बाजार विशेषज्ञों को इस साल एक सकारात्मक और खुशनुमा मुहूर्त सत्र की उम्मीद है. इसमें त्योहारी उत्साह और मजबूत निवेशक भावना के बीच सूचकांक हरे निशान में रहने की संभावना है.
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Last Updated : October 21, 2025 at 10:49 AM IST
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