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दिवाली पर सियासी मेलजोल! सरकार से संगठन तक मिले सीएम, पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकातों ने बटोरी सुर्खियां


दिवाली पर सियासी मेलजोल (ETV Bharat)

देहरादून: दिवाली का दिन उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में काफी सुर्खियों में रहा. दिवाली के दिन सीएम धामी की पॉलिटिकल मुलाकातों ने खूब सुर्खियां बटोरी. इस दिन सीएम धामी ने कई पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात की. जिसके कई आसार निकाले गये. वहीं, इसके बाद सीएम धामी ने कई विधायकों से भी मुलाकात की. इसे भी पॉलिटिकल पंडितों ने कैबिनेट विस्तार से जोड़कर देखा. आइये आपको इन मुलाकातों के बारे में विस्तार से बताते हैं.

सीएम धामी की मुलाकातों का सिलसिला 19 अक्टूबर से शुरू हुआ. इसमें सीएम धामी ने सबसे पहले पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत से मुलाकात की. इसके बाद सीएम धामी भुवन चंद्र खंडूड़ी के आवास पर पहुंचे. जहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की कुशलक्षेम जानी. इसके बाद सीएम धामी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. सीएम धामी की इस मुलाकात की सबसे ज्यादा चर्चा हुई.

इसके बाद सीएम धामी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की. साथ ही सीएम धामी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत और भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की. इसके बाद सीएम धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी भेंट की.

पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात के बाद सीएम धामी ने सरकार और संगठन के लोगों से भी मुलाकात की. इस कड़ी में सीएम धामी ने सबसे पहले कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से मुलाकात की.

इसके बाद सीएम धामी ने बीजेपी के विधायकों से भी मुलाकात की. इसमें मुन्ना सिंह चौहान, विनोद कंडारी, खजान दास जैसे नाम शामिल रहे. इन सभी विधायकों की स्पेशल मुलाकातों के जानकार कैबिनेट विस्तार से जोड़कर देख रहे हैं.

बता दें उत्तराखंड में लंबे समय से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं चल रही हैं. कई विधायक ऐसे हैं, जो कि मंत्रिमंडल में जगह को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं. उत्तराखंड में मंत्रिमंडल कोटे की बात करें तो 8 मंत्रियों, 3 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) समेत 1 मुख्यमंत्री यानी कुल 12 लोगों का कोटा है. धामी सरकार के इस तीन साल के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन और प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद अब कैबिनेट के 2 पद और खाली हो गए. इसके बाद चंदन राम दास के पास मौजूद महत्वपूर्ण इंडस्ट्री डिपार्मेंट और प्रेमचंद अग्रवाल के पास मौजूद वित्त, हाउसिंग डिपार्टमेंट भी मुख्यमंत्री के पास है.

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