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2 नवंबर से शुरू होगी आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन, 22 राज्यों के एथलीट लेंगे हिस्सा, जानिये हर अपडेट


आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन (फोटो सोर्स: उत्तराखंड पर्यटन विभाग)

देहरादून: 2 नवंबर से आदि कैलाश रन उत्तराखंड फर्स्ट हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया जा रहा है. इसमें 22 राज्यों के एथलीट हिस्सा लेंगे. ये सभी एथलीट 15 हजार फीट की ऊंचाई पर आदि कैलाश पर्वत की परिक्रमा करेंगे.

आदि कैलाश में बढ़े श्रद्धालु: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के अलावा मानसखंड यात्रा के तहत कुमाऊं के आदि कैलाश में साल दर साल धार्मिक यात्राओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने बताया कि साल 2021 से साल 2024 तक आदि कैलाश में यात्रियों की संख्या 3000 से 30000 तक पहुंच गई है. 2025 में यह संख्या अब तक 25000 से ज्यादा हो चुकी है. पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने बताया आदि कैलाश आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अभी उत्तराखंड के अन्य धामों से काफी कम है लेकिन पिछले कुछ सालों में श्रद्धालुओं की संख्या का बढ़ता ग्राफ बताता है कि यहां भी बहुत सी संभावनाएं हैंं.

2 नवंबर से आदि कैलाश परिक्रमा अल्ट्रा मैराथन: उत्तराखंड पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल ने बताया 2 नवंबर को कुमाऊं के आदि कैलाश क्षेत्र में आदि कैलाश परिक्रमा रन उत्तराखंड फर्स्ट हाई एल्टीट्यूड अल्ट्रा मैराथन का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें देशभर के 22 राज्यों से प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं. उन्होंने बताया नवंबर का महीना और भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिकोण से बेहद चुनौती भरा है. उस समय आदि कैलाश जैसे इलाकों में काफी ज्यादा ठंड बढ़ जाती है. ऐसे में इतने बड़े आयोजन को लेकर पर्यटन विभाग लगातार अपनी तैयारी में जुटा हुआ है.

उन्होंने बताया यह अल्ट्रा मैराथन समुद्र तल से तकरीबन 15000 फीट की ऊंचाई पर आयोजित की जा रही है. ये अल्ट्रा मैराथन गुंजी, कालापानी होते हुए गुंजी में तकरीबन 60 किलोमीटर की दूरी तय करके समाप्त होगी. उन्होंने बताया यहां बेहद दुर्गम और सीमांत इलाकों में कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, लिहाजा देश भर के राज्यों से आने वाले प्रतिभागियों की सुविधाओं की व्यवस्थाओं का जायजा वे खुद ले रहे हैं.

सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल ने बताया यह मैराथन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुसार हो रहा है. प्रतियोगिता का उद्देश्य पिथौरागढ़ के सीमांत इलाकों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा है. इस क्षेत्र को साहसिक पर्यटन के रूप में प्रमोट करना भी इसका उद्देश्य है. साथ ही इन इलाकों में मौजूद होमस्टे की इकोनॉमी को मजबूत करने की दिशा में भी इसे बड़ी पहल माना जा रहा है.

उन्होंने कहा भारत सरकार की वाइब्रेट विलेज योजना के तहत सीमांत इलाकों को लगातार विकसित करने और इन क्षेत्रों में गतिविधियां स्थापित करने के साथ-साथ शीतकालीन पर्यटन को भी बढ़ावा देने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने बताया पिथौरागढ़ के सीमांत इलाके में उत्तराखंड पर्यटन विभाग के माध्यम से आयोजित होने वाली आदि कैलाश परिक्रमा अल्ट्रा मैराथन कार्यक्रम में आईटीबीपी और भारतीय सेवा का भी पर्यटन विभाग को पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है. अल्ट्रा मैराथन प्रतियोगिता के दौरान आर्मी और आईटीबीपी के डॉक्टर भी तैनात रहेंगे. प्रतिभागियों के लिए यदि कोई आपातकालीन स्थिति बनती है तो उसके लिए मौके पर हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है.

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