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राष्ट्रीय खेल पास आए तो वन विभाग को आई खिलाड़ियों की याद, कोटे की रिक्त सीटों को भरने की कवायद


नवीन उनियाल की रिपोर्ट

देहरादून: उत्तराखंड इस बार ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट की मेजबानी कर रहा है. राज्य में 12 से 16 नवंबर तक इन खेलों का आयोजन होगा. देश भर से वन विभाग की 48 टीमें राष्ट्रीय वन खेलों में हिस्सा लेंगी. ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट के लिए मेजबान उत्तराखंड वन विभाग की तैयारी कैसी है, पढ़िए ये रिपोर्ट.

ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट: राष्ट्रीय वन खेलों की सुगबुगाहट के बीच वन विभाग को खेल कोटे के रिक्त पदों की याद आ गई है. दरअसल इस बार उत्तराखंड वन विभाग राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की मेजबानी करने जा रहा है. जिसमें विभाग बेहतर प्रदर्शन कर ज्यादा से ज्यादा मेडल बटोरना चाहता है. लेकिन परेशानी यह है कि विभाग को कई खेलों में खिलाड़ी ही नहीं मिल रहे. हालांकि किसी भी तरह महकमा फिलहाल अधिकतर खेलों में खिलाड़ियों को मुकाबले में उतारने के प्रयास में जुटा हुआ है.

खेल पास आए तो आई खिलाड़ियों की याद: वन विभाग में इन दिनों खेल कोटे के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए फाइल घूम रही है. प्रयास यही है कि विभाग के खेल कोटे की सीटों को जल्द से जल्द भर दिया जाए. दरअसल उत्तराखंड में वन विभाग इस बार राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता को आयोजित करवाने जा रहा है. जिसके लिए विभाग के अंतर्गत काम करने वाले खिलाड़ियों की भी बड़ी संख्या में दरकार है.

खेल कोटे की रिक्त सीटों को भरने की तैयारी कर रहा वन महकमा: मौजूदा स्थिति यह है कि फिलहाल उत्तराखंड वन राष्ट्रीय खेलों में होने वाले सभी खेलों के लिए खिलाड़ी उतारने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहा. हालांकि राष्ट्रीय खेल नजदीक आने के बाद काफी प्रयास के चलते खिलाड़ियों को ऐसे तमाम खेलों के लिए तैयार किया जा रहा है, जिसपर पिछले वन राष्ट्रीय खेलों में राज्य प्रतिभाग भी नहीं कर पाया था.

खेल कोटे के 16 पद हैं खाली: फिलहाल चर्चा उस फाइल की है, जो इन दिनों शासन में दौड़ लगा रही है. यह फाइल वन विभाग में खेल कोटे के रिक्त पदों से जुड़ी है. वन विभाग में खेल कोटे के 16 पद खाली हैं, जिनमें से 13 पदों पर भर्ती किए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. वन विभाग की कोशिश थी कि इस भर्ती को जल्दी से कर लिया जाए, ताकि मौजूदा खेलों में भर्ती होने वाले खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकें. लेकिन ऐसी तमाम औपचारिकताएं हैं जिसके कारण भर्ती का जल्दी हो पाना मुमकिन नहीं दिखाई दे रहा है.

अटकी हुई है फाइल: शासन में इस भर्ती के लिए फाइल कार्मिक विभाग को भेजी गई थी, लेकिन यह भर्ती खेल विभाग की पॉलिसी के आधार पर होनी है. इसलिए कार्मिक विभाग ने इसके लिए संबंधित भर्ती के लिए खेल विभाग से परामर्श लेने का सुझाव दिया है. फिलहाल खेल विभाग के सुझाव पर यह फाइल अटकी हुई है और उसके बाद इसमें भर्ती होने तक की प्रक्रिया में काफी समय भी लगने वाला है. विभाग द्वारा 13 पदों में से 10 पद खेल कोटे में फॉरेस्ट गार्ड स्तर के रखे गए हैं, जबकि तीन पद वन दरोगा के होंगे.

243 खेलों में भाग लेगा उत्तराखंड: राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की बात करें तो इसमें करीब 300 खेल होने हैं. इनमें से 243 खेलों में ही उत्तराखंड प्रतिभाग करने जा रहा है. यानी कुल 57 खेल ऐसे होंगे जिसमें उत्तराखंड का कोई खिलाड़ी मुकाबले में नहीं होगा. खास बात यह है कि जिन 243 खेलों में खिलाड़ी तय किए गए हैं, उनमें भी ऐसे कई खेल हैं जिसमें राज्य के पास बहुत अच्छे खिलाड़ी मौजूद नहीं है. यहां अच्छे खिलाड़ियों से मतलब ऐसे खिलाड़ियों से है, जिनके पिछले कुछ रिकॉर्ड हों या किसी खेल में उन्होंने गोल्ड या सिल्वर मेडल लिया हों.

वन मंत्री सुबोध उनियाल का बयान: उत्तराखंड में होने जा रहे राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर उत्तराखंड के वन मंत्री सुबोध उनियाल कहते हैं कि-

छत्तीसगढ़ में हुए राष्ट्रीय वन खेलों में ही यह घोषणा की थी कि अगले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड करेगा. वन मंत्री कहते हैं कि राज्य की खेल नीति के अनुसार खेल कोटे से खिलाड़ियों को भर्ती करने की कोशिश की जा रही है, ताकि उत्तराखंड को ज्यादा से ज्यादा मेडल मिल सकें. साथ ही खेलों में बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को भी इसके जरिए प्रोत्साहित किया जा सके.
-सुबोध उनियाल, वन मंत्री, उत्तराखंड-

रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी जयराज ने दिया ये सुझाव: उधर दूसरी तरफ उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक हॉफ रहे रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी जयराज कहते हैं कि-

यह बेहद खुशी की बात है कि उत्तराखंड राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की मेजबानी कर रहा है. उम्मीद है कि इन खेलों में राज्य बेहतर प्रदर्शन करेगा. जहां तक खिलाड़ियों को खेल कोटे से विभाग में शामिल करने का मामला है, तो सरकार इस दिशा में विचार कर रही होगी. यदि ऐसा नहीं है, तो सरकार को इस पर काम करना चाहिए.
-जयराज, रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी-

पिछले राष्ट्रीय वन खेलों के मुकाबले ज्यादा खिलाड़ी करेंगे प्रतिभाग: वैसे राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में मेजबानी करने वाले राज्य को ज्यादा से ज्यादा खेलों में अपने खिलाड़ी उतारने का भी फायदा होता है. आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में हुए राष्ट्रीय खेलों में 112 खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ी शामिल हुए थे और इस बार यह संख्या बढ़कर 243 हो गई है. छत्तीसगढ़ में हुई आखिरी राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में 80 खिलाड़ी शामिल हुए थे, जबकि इस बार करीब 195 खिलाड़ी विभिन्न खेलों मे भागीदारी करेंगे.

वन कर्मियों का हुआ ट्रायल: उत्तराखंड वन विभाग ने इस बार 5000 वन कर्मियों का चयन करने के लिए ट्रायल लिया है. यह पहला मौका है जब कर्मचारियों का ट्रायल लेकर उन्हें चयनित किया गया है. इससे पहले जो खिलाड़ी पूर्व से ही खेलते आए हैं, उन्हीं को ही इन खेलों में शामिल होने का मौका दिया जाता था. राज्य में ऐसे कई खेल हैं जिनमें इस बार पहली दफा उत्तराखंड प्रतिभाग करेगा. इस बार क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल में भी उत्तराखंड अपनी टीम उतरेगा. इस बार एथलेटिक्स में भी उत्तराखंड से प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ी है.

देर आए लेकिन दुरुस्त नहीं आए: राज्य में यदि खेल कोटे से रिक्त पदों को पहले ही भर लिया जाता, तो ज्यादा पदकों की उम्मीद भी होती. हालांकि अब इन पदों को भरने की कोशिश की जा रही है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया इतने कम समय में होने की गुंजाइश नहीं है. इसलिए अब भर्ती होने वाले यह खिलाड़ी संभवतया इस बार होने वाले राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पाएंगे.
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