विश्व खाद्य दिवस (Etv Bharat)
देहरादून: हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि लोगों को भोजन के महत्व के साथ ही खाद्य सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके. विश्व खाद्य दिवस इस साल इस वजह से भी खास है क्योंकि इस दिवस के कुछ दिन बाद ही सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भी है. इस दौरान सबसे अधिक खाद्य पदार्थों में मिलावट खोरी के साथ ही खाना बर्बाद करने के मामले सामने आते हैं.
आज है विश्व खाद्य दिवस: भले ही वर्तमान समय में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से अभियान चलाए जा रहे हों, लेकिन एक लंबे समय तक खाद्य पदार्थों की जांच रिपोर्ट न आ पाना, एफडीए के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है. ऐसे में इन चुनौतियों से पार पाने के लिए क्या है एफडीए की रणनीति, खाद्य पदार्थों को कंज्यूम करने के दौरान कौन सी सावधानियां बरतने की जरूरत है, खाद्य पदार्थ किन- किन बीमारियों को दे सकता है जन्म? देखिए इस रिपोर्ट में.

मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई (Photo- ETV Bharat)
इस बार ये है विश्व खाद्य दिवस की थीम: भोजन ही जीवन का आधार है. लेकिन आज के इस दौर में भी लाखों लोगों को एक टाइम का खाना नसीब नहीं हो रहा है. यही वजह है कि हर साल 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस के रूप में मनाया जाता है, ताकि भूख के प्रति जागरूकता और शुद्ध और पौष्टिक भोजन के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके. दरअसल, साल 1945 में संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) की स्थापना की तारीख को याद करने के लिए 16 अक्टूबर को विश्व खाद्य दिवस मनाया जाता है. हर साल विश्व खाद्य दिवस मनाए जाने के लिए अलग अलग थीम निर्धारित की जाती है. जिसके तहत इस साल 2025 में विश्व खाद्य दिवस मनाने के लिए “बेहतर भोजन और बेहतर भविष्य के लिए हाथ मिलाना” थीम रखी गई है.

मिलावट पर स्ट्राइक (Etv Bharat)
दीपावली के मद्देनजर जारी है छापेमारी: इस साल का विश्व खाद्य दिवस इस वजह से भी खास है क्योंकि कुछ दिनों बाद ही दीपावली का त्योहार है. यही वजह है कि खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से शुद्ध और सुरक्षित भोजन के प्रति जागरूक किया जा रहा है. वर्तमान समय में दीपावली त्योहार के मद्देनजर एफडीए की ओर से ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है, ताकि त्योहारी सीजन के दौरान लोगों को सुरक्षित और बेहतर खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकें. एफडीए से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश भर में मिलावटखोरी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत, 14 अक्टूबर तक 217 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए हैं. इसके साथ ही बड़ी मात्रा में खाद्य पदार्थों को नष्ट किया गया है.

उत्तराखंड में जारी हैं ताबड़तोड़ छापे (Photo- ETV Bharat)
इतने सैंपल लिए जा चुके हैं: एफडीए से मिली जानकारी के अनुसार, दूध के 25 सैंपल, तेल के 17 सैंपल, पनीर के 19 सैंपल, मिठाइयों के 42 सैंपल, घी/मक्खन के 4 सैंपल, मावा के 19 सैंपल लिए गए हैं. इसके अलावा दाल, बेकरी, आटा समेत खाद्य पदार्थों के 91 सैंपल लिए गए हैं. इसके साथ ही, 650 किलोग्राम पनीर, 800 किलोग्राम मिठाई, 500 किलोग्राम क्रीम और 50 किलोग्राम घी को जब्त कर नष्ट किया गया है. इसके साथ ही बुधवार यानी 15 अक्टूबर को विकासनगर और सेलाकुई से 180 किलोग्राम पनीर जब्त किया गया है. अभी भी प्रदेश भर में मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई जारी है.
खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त ने ये कहा: ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग के उपायुक्त गणेश कंडवाल ने कहा कि-
इस बार की थीम में काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस थीम के अनुसार वो सभी लोग जो आपकी थाली तक भोजन उपलब्ध कराते हैं, जिसमें किसान, वैज्ञानिक, नीति निर्माता, खाद्य कारोबारी समेत गृहणियां शामिल हैं. ऐसे में मिट्टी से भोजन उपलब्धता के बीच कई हाथों का सहयोग है. आज सबसे जरूरी यही है कि खाद्य उपभोक्ता विश्व खाद्य दिवस को किस परिपेक्ष में देखें?
वर्तमान समय में प्रोसेस्ड फूड का चलन काफी अधिक बढ़ा हुआ है. ऐसे में जरूरी है कि लोकल उत्पादों का इस्तेमाल करें. इसके अलावा भोजन की बर्बादी को भी रोकने की जिम्मेदारी हर एक उपभोक्ता की है. क्योंकि त्योहार के सीजन के दौरान भी खाने की बर्बादी काफी अधिक होती है. इस दिशा में लोगों को ध्यान देने की जरूरत है.
-गणेश कंडवाल, उपायुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग-
एफडीए के अपर आयुक्त का बयान: ईटीवी भारत ने एफडीए के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी से भी बात की. जग्गी ने कहा कि-
किसी भी व्यक्ति को अनहाईजीनिक खाना ना प्रोवाइड हो ताकि वह बीमार न हो, इसके लिए एफडीए की ओर से सभी खाद्य अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही यह सख्त निर्देश भी दिए गए हैं कि किसी भी मिलावटखोर को किसी भी तरह की छूट न मिले. मिलावटी खाद्य पदार्थों के खिलाफ पूरे प्रदेश भर में अभियान चलाया जा रहा है. अन्य राज्यों से भी आने वाले मिलावटी खाद्य पदार्थों पर लगाम लगाए जाने को लेकर अन्य राज्यों से भी बातचीत की जा रही है और सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है.
-ताजबर सिंह जग्गी, अपर आयुक्त, एफडीए-
देहरादून में तैयार हो रही है नई लैब: साथ ही जग्गी ने कहा कि एफडीए के लिए एक समस्या ये है कि समय पर खाद्य पदार्थों के सैंपल की जांच नहीं हो पाती है. लेकिन ये समस्या जल्द ही दूर हो जाएगी, क्योंकि देहरादून में एक और लैब तैयार की जा रही है.
त्योहार में ओवर ईटिंग से बचें: त्योहारी सीजन के दौरान ओवर ईटिंग की वजह से लोगों के बीमार होने के भी मामले काफी अधिक देखे जाते हैं. इस सवाल पर सचिवालय डिस्पेंसरी की डॉ अर्चना कोहली ने कहा कि-
त्योहारी सीजन के दौरान अधिकतर लोग ओवर ईटिंग कर लेते हैं. जिसके चलते लोगों को उल्टी, पेट खराब, पेट में दर्द, गैस बनना समेत अन्य समस्याएं हो जाती हैं. इसके अलावा अनहाईजीनिक खानपान और साफ पानी न पीने की वजह से भी पीलिया, टाइफाइड होने की भी आशंका बनी रहती है. ऐसे में लोगों को त्योहारी सीजन के दौरान ओवर ईटिंग से बचना चाहिए, साथ ही घर का बना हुआ खाना ही खाना चाहिए.
-डॉ अर्चना कोहली, सचिवालय डिस्पेंसरी-
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