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'हमारा सब कुछ खत्म हो चुका, कैसे मनाएं दीपावली का त्योहार' आपदा प्रभावितों ने सुनाया दुखड़ा


आपदा से फीका पड़ा त्योहार (फोटो- ETV Bharat)

रोहित कुमार सोनी

देहरादून: देशभर में दीपावली त्योहार की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही है. बाजारों में लोगों की भीड़ देखी जा रही है और बढ़-चढ़कर लोग खरीदारी भी कर रहे हैं, लेकिन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित कार्लीगाड गांव के ग्रामीणों के चेहरे पर मायूसी दिखाई दे रही है.

जहां एक ओर लोग दीपावली को लेकर खूब शॉपिंग कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर इस गांव में रहने वाले ग्रामीण अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं. क्योंकि, आपदा की वजह से इन ग्रामीणों को काफी ज्यादा नुकसान झेलना पड़ा है. इतना ही नहीं तमाम परिवार इस आपदा की वजह से बेघर हो गए तो कुछ लोगों ने अपनों को खो दिया.

कार्लीगाड में आपदा ने मचाई तबाही: देहरादून के सहस्त्रधारा से करीब 5 किलोमीटर दूर कार्लीगाड गांव में 15 और 16 सितंबर को अतिवृष्टि से आपदा आई थी. इस आपदा ने की वजह से इस गांव में रहने वाले करीब सभी ग्रामीण प्रभावित हुए. क्योंकि, इस आपदा की वजह से कुछ लोगों ने अपना घर खो दिया तो कुछ लोगों ने अपने खेत खलियान, मवेशियों को भी गंवा दिया.

Dehradun Disaster

आपदा ने बदली सूरत (फोटो- ETV Bharat)

ग्रामीणों के चेहरे पर छायी मायूसी: गनीमत ये रही कि इस गांव में रहने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन गांव में रहने वाले लोग अभी भी डर के साए में जीने को मजबूर हैं. जिसके चलते ग्रामीण दीपावली त्योहार को लेकर उत्साहित नजर नहीं आ रहे हैं. बल्कि, उनके चेहरे पर मायूसी साफ-साफ देखी जा सकती है.

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पाइन लाइन ध्वस्त होने पर वैकल्पिक व्यवस्था (फोटो- ETV Bharat)

आपदा में सब कुछ तबाह हो गया, कैसे मनाएं त्योहार: वहीं, ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कार्लीगाड के ग्रामीणों ने कहा कि जिस दिन आपदा आई थी, उसी दिन हमारी दीपावली हो गई थी. हालांकि, भगवान का शुक्र है कि उस आपदा के दौरान उन लोगों की जान बच गई. ऐसे में दीपावली की कोई खुशी नहीं है. क्योंकि, आपदा में सब कुछ तबाह हो गया. आसपास अभी भी काफी ज्यादा मलबा है और रास्ते का नामोनिशान नहीं है.

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आपदा के बाद ऐसे हैं हालात (फोटो- ETV Bharat)

आय का जरिया भी छीना: वहीं, एक ग्रामीण ने कहा कि इस आपदा की वजह से उनका जीवन तहस-नहस हो गया है. ऐसे में दीपावली तो सिर्फ नाम की रह गई है. क्योंकि, इस आपदा की वजह से वो न सिर्फ बेघर हो गए. बल्कि, उनके रोजी-रोटी का जरिया दुकान भी ढह गया.

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आपदा से सब कुछ बदला (फोटो- ETV Bharat)

बादल छाने पर बढ़ जाती है टेंशन: ग्रामीण का कहना था कि आपदा की वजह से उनका सब कुछ बर्बाद हो गया है. जिसके चलते दीपावली त्योहार के बारे में अभी तक उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं है. क्योंकि, जब भी बादल छाते हैं, तब ही उन्हें डर लगने लग जाता है कि कहीं फिर से बादल फटने की घटना ना हो जाए. साथ कहा कि फिलहाल दीपावली की कोई तैयारी नहीं है, लेकिन भगवान ने उनके लिए पहले ही दीपावली की तैयारी कर दी.

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मायूस बैठा परिवार (फोटो- ETV Bharat)

आपदा छीन चुका सारी खुशियां: इस आपदा की वजह से दोनों तरफ से ग्रामीण फंसे हुए हैं और कहीं जा भी नहीं सकते. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि दीपावली की फिलहाल कोई खुशी नहीं है. क्योंकि, चारों तरफ मलबा ही मलबा नजर आ रहा है. क्योंकि, यहां पर खुशी का कोई माहौल नहीं है.

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खतरनाक रास्तों से स्कूल आते छात्र (फोटो- ETV Bharat)

आपदा से हो चुके बेघर: वहीं, एक युवक ने कहा कि आपदा की वजह से अभी भी लोगों में दहशत का माहौल है. जिसके चलते दीपावली त्योहार का ख्याल भी नहीं आ रहा है. इसके अलावा एक महिला ने कहा कि इस आपदा ने उनकी सारी खुशियों को छीन लिया है. क्योंकि, इस आपदा की वजह से वो पहले ही बेघर हो चुके हैं, जिसके चलते अभी भी रहने खाने की व्यवस्थाएं नहीं हो पाई है.

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आपदा के बाद का हाल (फोटो- ETV Bharat)

आपदा प्रभावितों ने विस्थापन की उठाई मांग: इतना ही नहीं ग्रामीण इस बात की भी मांग कर रहे हैं कि उनको कहीं और विस्थापित कर दिया जाए. क्योंकि, इससे पहले साल 2011 में भी आपदा का दंश वो लोग झेल चुके हैं. ऐसे में इस साल भी इस आपदा की वजह से उनका काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.

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