किरनकांत शर्मा
देहरादून: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया एक बड़ी सामाजिक कानूनी परिवर्तन बनकर सामने आई है, लेकिन राज्य में सीमा से सटे क्षेत्रों में जैसे तिब्बत, नेपाल और भूटान से जुड़े समुदायों के लिए एक नई चुनौती ये रही कि इन नागरिकों के पास आधार कार्ड नहीं है, जिससे उन्हें यूसीसी में विवाह पंजीकरण कराने में दिक्कत हो रही थी. ऐसे में आज धामी कैबिनेट ने उन्हें रजिस्ट्रेशन के लिए बड़ी छूट दी है.
नेपाल, भूटान, तिब्बत के नागरिक इन दस्तावेज से करा सकेंगे मैरिज रजिस्ट्रेशन: दरअसल, आज यानी 13 अक्टूबर को उत्तराखंड कैबिनेट बैठक में मंत्रिमंडल ने विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है कि यूसीसी नियमावली में संशोधन कर नेपाल, भूटान, तिब्बत के नागरिकों को आधार कार्ड के बजाय कोई और वैकल्पिक दस्तावेज पेश करने की अनुमति दी जाए. जिसके तहत राज्य मंत्रिमंडल ने इस संशोधन पर मंजूरी दे दी है.
जानकारी देते उत्तराखंड में गृह सचिव शैलेश बगोली (वीडियो- ETV Bharat)
इसके तहत अब विदेशी नागरिक अपने नागरिकता, निवास प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, वैध पहचान पत्र जो कुछ भी हो सकता है, जिसकी मान्यता हो वो अपलोड करके भी अपना मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. ऐसे में इन देशों के नागरिक जो उत्तराखंड में रह रहे हैं, जिनकी शादी हो चुकी या करने वाले हैं, उन्हें अपने दस्तावेज अपलोड कर मैरिज रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
यूसीसी में नेपाली, भूटानी और तिब्बती नागरिकों को राहत (फोटो- ETV Bharat GFX)
सरकार ने दिया ये तर्क: राज्य सरकार ने इस कानून में परिवर्तन के पीछे यह तर्क रखा गया कि उत्तराखंड राज्य नेपाल, भूटान और तिब्बत से सटा हुआ है. जिनके बीच ऐतिहासिक रूप से रोटी-बेटी जिसमें आवास, संबंध, शादी विवाह बहुत पहले से चला आ रहा है. इन देशों के नागरिक भी राज्य की सामाजिक-न्याय व्यवस्था का हिस्सा हैं, इसलिए उन्हें किसी कानूनी प्रक्रिया से वंचित रखना सही नहीं रहेगा. यही वजह है कि उन्हें भी यूसीसी में शामिल किया गया है.
अभी तक यूसीसी में हो चुके 4,10,919 विवाह पंजीकृत: गौर हो कि उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू हो चुका है. लंबी प्रक्रिया के बाद यह कानून लागू किया गया है. यूसीसी लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण की गति में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. औसतन रोजाना करीब 1,634 विवाह पंजीकृत हो रहे हैं. शुरुआत में यह संख्या रोजाना लगभग 67 थी. वहीं, यूसीसी लागू होने के बाद से अब तक 4,10,919 विवाह पंजीकृत हो चुके हैं. यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी आज सचिव गृह श्री शैलेश बगौली ने मीडिया को दी।
उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने उत्तराखण्ड महिला एवं बाल विकास अधीनस्थ सुपरवाइजर सेवा नियमावली 2021 के संशोधन को मंजूरी दी।सुपरवाइजर सेवा नियमावली के अंतर्गत सुपरवाइजर के पदों पर 50% सीधी… pic.twitter.com/e4KmlMQnlA
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) October 13, 2025
समान नागरिक संहिता का उद्देश्य: उत्तराखंड में यह कानून राज्य के पूरे क्षेत्र पर लागू होगा. उत्तराखंड के बाहर रहने वाले राज्य के निवासियों पर भी यह प्रभावी होगा. यूसीसी अनुसूचित जनजातियों, संरक्षित प्राधिकरण सशक्त व्यक्तियों और समुदायों को छोड़कर उत्तराखंड के सभी निवासियों पर लागू होगा. वहीं, यूसीसी का उद्देश्य शादी, तलाक, उत्तराधिकार और विरासत से संबंधित व्यक्तिगत कानूनों को सरल एवं मानकीकृत करना है.
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