वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को दोहराया कि उन्होंने कई लंबे समय से चले आ रहे वैश्विक संघर्षों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. ट्रंप ने एक बार फिर भारत- पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकवाने का श्रेय लिया. जब तक नोबेल पुरस्कार की घोषणा नहीं की गई थी तक तक वे कह रहे थे कि मैने सात युद्ध रुकवाए, हमें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए. हालांकि अब जब उन्हें पुरस्कार नहीं मिला तो कह रहे हैं कि मैंने ये सब पुरस्कार के लिए नहीं किया.
मिडिल ईस्ट की यात्रा के दौरान एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रहे संघर्ष का भी उल्लेख किया, तथा सुझाव दिया कि वे वापस लौटने पर इस मामले को उठा सकते हैं, तथा उन्होंने युद्धों को सुलझाने की अपनी क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया.
उन्होंने आगे दावा किया कि गाजा युद्ध विराम उनके द्वारा सफलतापूर्वक समाप्त किया गया आठवां संघर्ष होगा. ट्रंप ने कहा, ‘यह मेरा आठवां युद्ध होगा जिसे मैंने सुलझाया है. मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच अभी युद्ध चल रहा है. मैंने कहा, मुझे वापस आने तक इंतजार करना होगा. मैं युद्ध सुलझाने में अच्छा हूं.’
उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सहित लंबे समय से चले आ रहे विवादों को सुलझाने के अपने पिछले प्रयासों पर विचार किया और दावा किया कि उनके नेतृत्व में कई युद्ध सुलझाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बारे में सोचिए. उन युद्धों के बारे में सोचिए जो वर्षों से चल रहे थे. एक युद्ध 31 वर्षों तक चला, एक 32 वर्षों तक चला, एक 37 वर्षों तक चला, जिसमें हर देश में लाखों लोग मारे गए और मैंने इनमें से अधिकांश युद्धों को एक दिन के भीतर ही निपटा दिया. यह बहुत अच्छा है.’
ट्रंप ने कहा कि शांति पहल के माध्यम से लोगों की जान बचाने में भूमिका निभाना उनके लिए सम्मान की बात है. उन्होंने कहा कि उनके कार्य व्यक्तिगत मान्यता या पुरस्कार से प्रेरित नहीं थे. ऐसा करना सम्मान की बात है. मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है. नोबेल समिति के प्रति पूरी ईमानदारी से कहूँ तो यह पुरस्कार 2024 के लिए था. यह (नोबेल शांति पुरस्कार) 2024 के लिए चुना गया था लेकिन कुछ लोग कहते हैं कि आप इसमें अपवाद कर सकते हैं क्योंकि 2025 के दौरान बहुत सी ऐसी चीजे हुईं जो पूरी हो चुकी है और महान है.
#WATCH | ” …i settled a few of the wars just based on tariffs. for example, between india and pakistan, i said, if you guys want to fight a war and you have nuclear weapons. i am going to put big tariffs on you both, like 100 per cent, 150 per cent, and 200 per cent…i said i… https://t.co/UejAFkcB0H pic.twitter.com/B5Zb7AjYTU
— ANI (@ANI) October 13, 2025
लेकिन मैंने यह नोबेल के लिए नहीं किया. मैंने यह लोगों की जान बचाने के लिए किया. उनकी यह टिप्पणी नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर नए सिरे से उठ रही चर्चा के बीच आई. दो दिन पहले 11 अक्टूबर को ट्रंप ने पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया था कि उन्होंने 2025 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो की कई मौकों पर मदद की थी.
ट्रंप ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त करने के बाद मचाडो ने व्यक्तिगत रूप से उनसे संपर्क किया और उनके समर्थन के सम्मान में इसे उन्हें समर्पित किया. ट्रंप ने उन संघर्षों का हवाला देते हुए कहा जिनके बारे में उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में उनका समाधान हुआ, जिनमें आर्मेनिया, अजरबैजान, कोसोवो और सर्बिया, इजराइल और ईरान, मिस्र और इथियोपिया, रवांडा और कांगो शामिल हैं.

