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अमेरिका-चीन ट्रेड वार, ट्रंप का ड्रैगन पर 100 टैरिफ लगाने का ऐलान, 1 नवंबर से होगा लागू


वाशिंगटन: अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार फिर से शुरू हो गया. हालांकि इस बार इसकी शुरुआत चीन ने की है. चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर प्रतिबंध बढ़ाने का फैसला लिया जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बौखला गए.

उन्होंने चीन पर वैश्विक अर्थव्यवस्था को बंधक बनाने और नैतिक अपमान करने का आरोप लगाते हुए 1 नवंबर, 2025 से चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की. साथ ही सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगाने की चेतावनी दी. बता दें कि इससे पहले अप्रैल में अमेरिका ने चीन पर 104 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी.

100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि अमेरिका 1 नवंबर, 2025 से प्रभावी, चीनी वस्तुओं पर वर्तमान में उनके द्वारा भुगतान किए जा रहे किसी भी टैरिफ के अतिरिक्त 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि उसी दिन से सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लगा दिया जाएगा.

अमेरिका सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर निर्यात पर नियंत्रण लगाएगा
ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में शुक्रवार (स्थानीय समय) को अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘इस तथ्य के आधार पर कि चीन ने यह अभूतपूर्व स्थिति अपनाई है और केवल अमेरिका के लिए बोल रहा है, न कि अन्य राष्ट्रों के लिए जिन्हें इसी तरह की धमकी दी गई थी. 1 नवंबर 2025 से (या इससे पहले, चीन द्वारा की गई किसी भी आगे की कार्रवाई या परिवर्तन के आधार पर), अमेरिका चीन पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाएगा. ये वर्तमान में उनके द्वारा भुगतान किए जा रहे किसी भी टैरिफ से अधिक होगा. इसके अलावा 1 नवंबर से हम सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर पर निर्यात नियंत्रण लागू कर देंगे.’

ट्रंप ने यह घोषणा चीन द्वारा दुनिया को एक अत्यंत शत्रुतापूर्ण पत्र भेजकर व्यापार पर असाधारण रूप से आक्रामक रुख अपनाने के जवाब में की. ट्रंप ने कहा, ‘अभी पता चला है कि चीन ने व्यापार पर एक बेहद आक्रामक रुख अपनाते हुए दुनिया को एक बेहद शत्रुतापूर्ण पत्र भेजा है.

चीन पर नैतिक अपमान करने का आरोप लगाया
इसमें कहा गया है कि वे 1 नवंबर, 2025 से अपने द्वारा बनाए जाने वाले लगभग हर उत्पाद पर बड़े पैमाने पर निर्यात नियंत्रण लगाने जा रहे हैं. कुछ ऐसे उत्पादों पर भी जो उनके द्वारा नहीं बनाए गए हैं. यह बिना किसी अपवाद के सभी देशों को प्रभावित करेगा और स्पष्ट रूप से यह योजना उनके द्वारा वर्षों पहले तैयार की गई थी. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ऐसा बिल्कुल नहीं हुआ है और अन्य देशों के साथ व्यवहार करने में यह एक नैतिक अपमान है.’

उन्होंने कहा, ‘यह विश्वास करना असंभव है कि चीन ने ऐसी कार्रवाई की होगी, लेकिन उन्होंने ऐसा किया और बाकी सब इतिहास है. यह कदम चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल्स के निर्यात पर प्रतिबन्ध बढ़ाने, नियंत्रण सूची का विस्तार करने तथा सैन्य और अर्धचालक क्षेत्रों सहित उत्पादन प्रौद्योगिकियों और विदेशी अनुप्रयोगों को भी प्रतिबन्ध के दायरे में लाने के प्रत्युत्तर में उठाया गया है.

ट्रंप ने भारी टैरिफ लगाने की दी थी चेतावनी
इससे पहले शुक्रवार को ट्रंप ने कहा था कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने का कोई कारण नहीं है क्योंकि बीजिंग ने रेयर अर्थ मिनरल्स पर व्यापक नए निर्यात नियंत्रण लगाकर बेहद शत्रुतापूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अमेरिका चीनी वस्तुओं पर शुल्कों में भारी वृद्धि सहित कड़े जवाबी कदम उठाने की तैयारी कर रहा है.

रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल इन महत्वपूर्ण चीजों में होता है
रेयर अर्थ मिनरल्स का इस्तेमाल स्मार्टफोन से लेकर लड़ाकू विमानों तक में होता है. रेयर अर्थ मिनरल्स के वैश्विक प्रसंस्करण में चीन अग्रणी है. चीन ने प्रतिबंधित खनिजों की अपनी मौजूदा सूची में पाँच नए तत्व—होल्मियम, एर्बियम, थुलियम, यूरोपियम और यटरबियम—को शामिल कर लिया है. इससे कुल 17 में से 12 प्रकार के खनिज प्रतिबंधित हो गए हैं. अब न केवल इन तत्वों के लिए बल्कि खनन और चुंबक उत्पादन से जुड़ी तकनीकों के लिए भी निर्यात लाइसेंस की आवश्यकता होगी.

चीन का दावा राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में लिया फैसला
चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और हितों की रक्षा करना और इन सामग्रियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सैन्य और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में इस्तेमाल को रोकना है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों में इस्तेमाल होने वाली लिथियम बैटरियों और ग्रेफाइट एनोड सामग्रियों पर भी नए प्रतिबंध लगाए हैं.

नए उपाय नवंबर और दिसंबर के बीच पूरी तरह से प्रभावी हो जाएंगे. ये इस महीने के अंत में दक्षिण कोरिया में होने वाले एशिया – प्रशांत महासागरीय आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ट्रंप के बीच होने वाली बैठक से पहले अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है.

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया कि लेटेस्ट बैन एडवांस चिप्स पर वाशिंगटन के अपने निर्यात नियंत्रण को प्रतिबिंबित करते हैं जो चल रहे अमेरिका-चीन व्यापार टकराव में एक नए चरण की शुरुआत करते हैं.

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