देहरादून: उत्तराखंड पुलिस साइबर क्राइम के मामले में बेहतरीन काम कर रही है. उत्तराखंड ने राष्ट्रीय प्रदर्शन में मनी सेव्ड और मनी रिटर्न मामले में उल्लेखनीय उपलब्धि दर्ज की है. यह उपलब्धि राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल और भारतीय गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) प्लेटफॉर्म के माध्यम से हासिल की गई है.
उत्तराखंड पुलिस ने 47.02 करोड़ की राशि पीड़ितों को कराई वापस: राष्ट्रीय प्रदर्शन में उत्तराखंड पुलिस ने 47.02 करोड़ की राशि पीड़ितों को वापस कराई है. जबकि, अंतरराज्यीय नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए 500 से ज्यादा आरोपी गिरफ्तार किए हैं. साथ ही सैकड़ों वेबसाइट और अकाउंट्स ब्लॉक किए हैं. ‘ऑपरेशन प्रहार’ और ‘ऑपरेशन हेली’ के तहत भी देशभर में कार्रवाई उत्तराखंड पुलिस ने की है.
पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था नीलेश आनंद भरणे (फोटो- ETV Bharat)
बता दें कि उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराधियों के नेटवर्क को ट्रैक करने और अंतरराज्यीय एजेंसियों (उत्तर प्रदेश, दिल्ली, झारखंड, तेलंगाना) के साथ संयुक्त अभियानों में उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है. उत्तराखंड साइबर पुलिस लगातार लोगों के पैसे बचाने, जागरूकता अभियान चलाने और देशभर से गिरफ्तारियां करने में सक्रिय है.
इसके साथ ही साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर पीड़ितों को न्याय दिलाने का भी काम कर रही है. साल 2021–25 में उत्तराखंड पुलिस ने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) के माध्यम से पीड़ितों को 47.02 करोड़ से ज्यादा की राशि वापस करवाई है, जो उत्तर भारत के राज्यों में सर्वोच्च प्रदर्शन में शामिल है.

उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय देहरादून (फोटो- ETV Bharat)
देहरादून साइबर थाना और उधम सिंह नगर ने 2023–24 में 20 से ज्यादा राज्य स्तरीय एवं अंतरराज्यीय साइबर ठगी मामलों का सफल निस्तारण किया है. साथ ही फेक ट्रेडिंग ऐप, फिशिंग लिंक, OTP फ्रॉड, UPI ठगी जैसी प्रमुख मामलों पर भी कार्रवाई की है. दर्जनों साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है, जिनमें बिहार, झारखंड और दिल्ली-एनसीआर नेटवर्क के आरोपी भी शामिल हैं.
उत्तराखंड पुलिस की उपलब्धियां-
- एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने औसतन 87 फीसदी आरोपियों को चार्जशीट किया, जो राष्ट्रीय औसत 33.9 फीसदी से कहीं ज्यादा है.
- दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) 64.7 फीसदी है, जो राष्ट्रीय औसत 27.2 फीसदी से दोगुनी से ज्यादा है.
- राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में 500 से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया.
- दुबई, कंबोडिया, म्यांमार से जुड़े चीनी मामलों का भंडाफोड़ किया.
- महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक टीम ने साल 2022 में एक अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया. सिम बॉक्स बरामद किया. लगभग 12 स्थानीय कॉल सेंटर भी पकड़े गए.
- ऑपरेशन प्रहार के तहत साल 2025 में पूरे भारत में 65 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की.
- ऑपरेशन हेली के तहत 150 से ज्यादा वेबसाइट, 150 व्हाट्सएप नंबर और बैंक खाते ब्लॉक किए.
- इसी तरह सैकड़ों फेसबुक/इंस्टाग्राम विज्ञापनों को ब्लॉक किया.
- उत्तराखंड साइबर को DSCI (2024) ने शीर्ष 3 इकाई का दर्जा दिया.
“साइबर क्राइम देशभर में बढ रहा है. इस दिशा में उत्तराखंड पुलिस कॉल सेंटर आदि की चेकिंग करेगी. अक्टूबर महीने को साइबर अपराध जन जागरूकता महीने के रूप में मनाया जाएगा. जिससे कि लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक कर सकें.“- नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था
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