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नेतृत्व के 25वें साल में प्रवेश : पीएम मोदी ने साझा की पुरानी यादें, 2001 में आज ही बने थे गुजरात के CM


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने राजनीतिक सफर के 24 साल पूरे कर लिए हैं. उन्होंने आज ही साल 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. ये पहला मौका था जब पीएम मोदी ने गुजरात सरकार के मुखिया के तौर पर कमान संभाली थी. तब से आज तक वह देश के संवैधानिक पद पर बने हुए हैं.

2001 से 2014 तक पर वह गुजरात के सीएम रहे, इसके बाद वह तीन बार से प्रधानमंत्री के तौर पर काम कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को सरकार के मुखिया के रूप में अपने 25वें वर्ष में प्रवेश करने पर भारत के लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया. पीएम मोदी ने इस अवसर पर कहा कि देशवासियों के निरंतर आशीर्वाद के साथ वह सरकार के प्रमुख के रूप में अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. उन्होंने भारत के लोगों के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त की.

मंगलवार को एक्स पर पोस्ट करके उन्होंने अपनी पहली शपथ लेने की याद ताजा की. 7 अक्टूबर 2001 में पहली बार नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. तत्कालीन गुजरात के राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी ने नरेंद्र मोदी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और राष्ट्र की प्रगति में योगदान देना उनका निरंतर प्रयास रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “इसी दिन 2001 में उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. उन्होंने कहा कि, अपने भारतीय साथियों के निरंतर आशीर्वाद के कारण वह सरकार के प्रमुख के रूप में अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. इसके लिए उन्होंने देशवासियों को प्रति आभार व्यक्त किया.

राष्ट्र के विकास के अपने संकल्प को दोहराते हुए पीएम मोदी ने कहा, “इन सभी वर्षों के दौरान, मेरा निरंतर प्रयास रहा है कि हम अपने लोगों के जीवन को बेहतर बनाएं और इस महान राष्ट्र की प्रगति में योगदान दें जिसने हम सभी का पालन-पोषण किया है.” गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने 12 साल के कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण पहलों को क्रियान्वित किया, जिनमें स्थायी समाधानों को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित जलवायु परिवर्तन विभाग का निर्माण भी शामिल था.

2001 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद, नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के पुनर्निर्माण, बाढ़ और सूखे के प्रबंधन के उपाय शुरू करने तथा न्याय को अधिक सुलभ बनाने के लिए शाम की अदालतें शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें बेहद कठिन परिस्थितियों में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

उस साल राज्य भीषण भूकंप से जूझ रहा था और पिछले वर्षों में एक महाचक्रवात, लगातार सूखे और राजनीतिक अस्थिरता का भी सामना करना पड़ा था. प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों ने लोगों की सेवा करने और नए जोश और आशा के साथ गुजरात के पुनर्निर्माण के संकल्प को और मजबूत किया.

मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते समय उन्हें अपनी मां के ये शब्द याद आए कि उन्हें हमेशा गरीबों के लिए काम करना चाहिए और कभी रिश्वत नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया था कि वह जो कुछ भी करेंगे, वह नेक इरादे से और कतार में खड़े आखिरी व्यक्ति की सेवा करने के दृष्टिकोण से प्रेरित होगा.

एक मुख्यमंत्री के तौर पर गुजरात में अपने कार्यकाल पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उस समय लोगों का मानना ​​था कि राज्य अब कभी भी आगे नहीं बढ़ पाएगा. किसान बिजली और पानी की कमी की शिकायत करते थे, कृषि मंदी की स्थिति में थी और औद्योगिक विकास ठप था.

उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से गुजरात सुशासन का केंद्र बन गया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि कभी सूखाग्रस्त राज्य, कृषि में शीर्ष प्रदर्शन करने वाला राज्य बन गया, व्यापार का विस्तार विनिर्माण और औद्योगिक क्षमताओं में हुआ, और सामाजिक और भौतिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला.

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2013 में, उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नियुक्त किया गया था, यह वह समय था जब देश विश्वास और शासन के संकट से जूझ रहा था. उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने उनके गठबंधन को भारी बहुमत और उनकी पार्टी को पूर्ण बहुमत दिया, जिससे नए आत्मविश्वास और उद्देश्य के युग की शुरुआत हुई.

2014 में, नरेंद्र मोदी भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने और प्रगति एवं विकास के दृष्टिकोण के साथ देश का नेतृत्व किया. तब से उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी), डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया सहित कई ऐतिहासिक पहलों को लागू किया है. प्रधानमंत्री मोदी वर्तमान में भारत के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने हाल ही में इंदिरा गांधी के लगभग 11 वर्षों तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा करने के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है.

2029 में, जब अगले आम चुनाव होंगे, तब तक प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री के रूप में 15 वर्ष से अधिक का कार्यकाल पूरा कर लेंगे. प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत में कई परिवर्तन हुए हैं. 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है और देश प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच एक उज्ज्वल स्थान के रूप में उभरा है.

उन्होंने कहा कि भारत भर के लोगों, विशेष रूप से नारी शक्ति, युवा शक्ति और मेहनती अन्नदाताओं को अभूतपूर्व प्रयासों और सुधारों के माध्यम से सशक्त बनाया गया है. उनकी सरकार ने नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और पीएम-किसान सम्मान निधि जैसी पहल भी शुरू की हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि, आज लोकप्रिय भावना भारत को सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाने की है, जो ‘गर्व से कहो, यह स्वदेशी है’ के आह्वान में परिलक्षित होती है. भारत के लोगों के निरंतर विश्वास और स्नेह के लिए अपना आभार दोहराते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि राष्ट्र की सेवा करना सर्वोच्च सम्मान है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि, संविधान के मूल्यों से प्रेरित होकर, उन्होंने विकसित भारत के सामूहिक सपने को साकार करने के लिए और भी अधिक मेहनत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) सुधारों की भी अगुवाई की, जिसके तहत अधिकांश वस्तुओं पर कर कम कर दिया गया तथा कर ढांचे को सरल बनाते हुए केवल 3 जीएसटी स्लैब, 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत, रखे गए. लग्जरी और सिन गुड्स (हानिकारक वस्तुओं) पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाया गया. रक्षा क्षेत्र की बात करें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करने की पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता भी दी.

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