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उत्तराखंड में नियुक्तियों और स्थानांतरण पर शिक्षा विभाग की आई सफाई, ये है पूरा मामला


देहरादून: उत्तराखंड शिक्षा विभाग में प्रधानाचार्य पद पर होने वाली नियुक्तियों और स्थानांतरण को लेकर विभाग ने बयान जारी किया है. मामला प्रधानाचार्य के पदों को लेकर नियुक्ति से संबंधित है. जिसे लेकर सोशल मीडिया पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इतना ही नहीं स्थानांतरण के मामले में भी शिक्षा विभाग की पारदर्शिता को कटघरे में रखा गया है. ऐसे में अब विभाग ने खुद सामने आकर इन सभी मामलों में पूरी पारदर्शिता अपनाने की बात रखी है.

उत्तराखंड शिक्षा विभाग पिछले लंबे समय से शिक्षकों के विरोध को झेल रहा है. खासतौर से राज्य में शिक्षकों के प्रमोशन नहीं किए जाने का मामला सुर्खियों में है और इस पर शिक्षक सड़कों पर भी दिखाई दिए हैं. इन्ही हालातों के बीच सोशल मीडिया पर भी अब प्रधानाचार्य पद के लिए होने वाली नियुक्तियों और स्थानांतरण प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. जिसको लेकर शिक्षा विभाग ने अपनी सफाई पेश की है.

गलत जानकारी फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई: शिक्षा विभाग में माध्यमिक शिक्षा निदेशक मुकुल कुमार सती ने बताया कि विभाग की नियुक्ति और स्थानांतरण संबंधी प्रक्रियाओं को लेकर जो बातें सोशल मीडिया पर चल रही है, वो पूरी तरह से गलत है. इस मामले में गलत जानकारी फैलाने वाले लोगों के खिलाफ विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

शिक्षा विभाग इस मामले में स्पष्ट कर रहा है कि राज्य शैक्षिक राजपत्रित सेवा नियमावली 2022 के अंतर्गत राजकीय इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य के 692 पद यानी कुल 50 फीसदी पदों को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के जरिए सीमित विभागीय परीक्षा की ओर से भरा जाना है. इस मामले में आयोग की तरफ से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जा चुका है और तारीख भी निर्धारित कर दी गई है, लेकिन अभी परीक्षा आहूत होना बाकी है.

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय उत्तराखंड (फोटो- ETV Bharat)

इसी तरह स्थानांतरण के मामले में भी यह स्पष्ट किया गया है कि हाईकोर्ट में सुगम दुर्गम से संबंधित प्रकरण को लेकर वाद विचाराधीन है. वार्षिक स्थानांतरण अधिनियम 2017 के अंतर्गत शैक्षिक सत्र 2025-26 में कोई भी स्थानांतरण आदेश नहीं किया गया है, लेकिन इसके बावजूद शिक्षा विभाग की ओर से स्थानांतरण किए जाने की बातें से सोशल मीडिया पर रखी जा रही है, जो कि पूरी तरह से गलत है.

कुछ अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में दायर की है याचिका: वहीं, शिक्षा विभाग ने ये भी स्पष्ट किया है कि सहायक अध्यापक के पदों पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से 1,352 पदों पर चयन की कार्रवाई संपन्न की गई है, लेकिन इस मामले में भी अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. इसके कारण नियुक्ति प्रक्रिया बाधित हुई है. लिहाजा, सरकार इन सभी मामलों पर कानूनी पहलुओं के हिसाब से निर्णय ले रही है.

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