उत्तरकाशी/देहरादून: उत्तरकाशी जिले में बीते दस दिन से लापता डिजिटल मीडिया के पत्रकार राजीव प्रताप का शव 28 सितंबर को जोशियाड़ा बैराज की झील में मिला था. पत्रकार राजीव प्रताप 18 सितंबर को गंगोत्री क्षेत्र से लापता हो गए थे. इसके बाद से उनकी तलाश की जा रही थी.
राजीव की पत्नी ने आरोप लगाया था कि उत्तरकाशी के अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण उनके पति को धमकियां मिल रही थीं. पत्नी का ये भी दावा था कि जो वीडियो उनके पास है, उसे डिलीट करने के लिए धमकी दी जा रही है. ये धमकियां कौन दे रहा था, इसकी भी पड़ताल पुलिस कर रही है. इस मामले में मंगलवार को एक डेवलपमेंट हुआ.
#WATCH | Dehradun | DGP Uttarakhand Deepam Seth says, ” in uttarkashi, on 19th september, information was received about the disappearance of rajeev pratap singh since the night of 18 september. as soon as the information was received, uttarkashi police launched a search operation… pic.twitter.com/V6sawzcl3W
— ANI (@ANI) September 30, 2025
पत्रकार राजीव प्रताप की मौत पर एसपी का बयान: उत्तरकाशी की एसपी सरिता डोभाल ने राजीव प्रताप मामले में सोशल मीडिया के माध्यम से अपना बयान जारी किया. उन्होंने बताया कि-
पोस्टमार्टम में मौत की वजह सीने और पेट की अंदरूनी चोटें थी. राजीव के परिवारजनों ने भी कुछ तथ्य दिए हैं, जिनकी जांच की जा रही है.
-सरिता डोभाल, एसपी, उत्तरकाशी-
28 सितंबर को मिला था शव: बताते चलें कि बीते कुछ दिनों से पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर तरह तरह की बातें चल रही थी. जिसको लेकर एसपी सरिता डोभाल ने मंगलवार को अपना बयान जारी किया. एसपी ने बताया कि-
राजीव प्रताप के परिवार ने 19 तारीख को पुलिस थाने में सूचना दी थी. इसके बाद हमने सीसीटीवी फुटेज की जांच की थी. फुटेज में हमें पता चला कि 18 तारीख की रात को राजीव प्रताप अपने दोस्तों के साथ थे. वे अपने दोस्त की कार में गंगोरी की तरफ गए थे. जो फुटेज हमें रात 11.39 बजे मिली, उसमें वह अकेले कार चलाते दिख रहे हैं. अगले दिन हमें दुर्घटना स्थल पर उनकी कार 500 मीटर दूर मिली. इसके बाद से हम लगातार उनकी तलाश कर रहे थे. 28 तारीख को उनका शव जोशियाड़ा बैराज में मिला.
-सरिता डोभाल, एसपी, उत्तरकाशी-
पत्रकार राजीव प्रताप की मौत पर डीजीपी का बयान: इस मामले में देहरादून से उत्तराखंड के डीजीपी दीपम सेठ का बयान भी आया है. डीजीपी ने कहा कि-
उत्तरकाशी में 19 सितंबर को राजीव प्रताप सिंह के 18 सितंबर की रात से लापता होने की सूचना मिली थी. सूचना मिलते ही उत्तरकाशी पुलिस ने उनकी खोजबीन के लिए तलाशी अभियान शुरू किया. उत्तरकाशी बाजार और आसपास के इलाकों, जहाँ उन्हें आखिरी बार देखा गया था, के सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग मिले. इन सुरागों के आधार पर तलाशी अभियान जारी रहा. एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी इस तलाशी अभियान में शामिल हुईं.
20 सितंबर को सीसीटीवी फुटेज में राजीव प्रताप सिंह जिस वाहन को आखिरी बार चलाते हुए देखा गया था, वह भागीरथी नदी में क्षतिग्रस्त हालत में मिला. राजीव के परिवार द्वारा अपहरण की आशंका जताए जाने के बाद, एक प्राथमिकी दर्ज की गई और जांच जारी रही. 28 तारीख को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस की टीमों ने एक शव बरामद किया. शव की पहचान बाद में राजीव प्रताप सिंह के रूप में हुई.
-दीपम सेठ, डीजीपी-
डीजीपी बोले जल्द पेश करेंगे रिपोर्ट: डीजीपी दीपम सेठ ने आगे बताया कि शव का पोस्टमॉर्टम हो चुका है. पुलिस को रिपोर्ट मिल गई है. आगे की जांच के लिए उत्तरकाशी के पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है. यह टीम एकत्र किए गए सभी साक्ष्यों की गहन जांच करेगी. टीम अपनी जांच में सभी पहलुओं को शामिल करेगी और अपनी रिपोर्ट जल्द पेश करेगी.
सीएम धामी ने भी निष्पक्ष जांच कराने की बात कही थी: बता दें कि पिछले 9 दिनों से स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे राजीव प्रताप सिंह लापता चल रहे थे. उनसे कोई संपर्क भी नहीं हो पा रहा था. दसवें दिन उनका शव मिला, जिसके बाद कयासों का बाजार गर्म हो गया. इस पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने खुद इस मामले का संज्ञान लेते हुए गहन एवं निष्पक्ष जांच कराने की बात कही थी.
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