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सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है: पीएम मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में विभिन्न विषयों को शामिल किया. मन की बात के 126वें एपिसोड में उन्होंने छठ महापर्व को याद किया. इसके साथ ही उन्होंने अमर शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को याद किया. आज उनकी भी जयंती है. पीएम मोदी ने उनकी सदाबहार गीतों को भी याद किया.

मन की बात के 126वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अमर शहीद भगत सिंह सभी के लिए खासकर युवाओं के लिए प्रेरणा हैं. फांसी पर चढ़ने से पहले उन्होंने अंग्रेजों को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने अनुरोध किया था कि उनके साथ युद्धबंदी जैसा व्यवहार किया जाए और उन्हें तथा उनके साथियों को गोली मार दी जाए. वे लोगों के दुखों के प्रति बहुत संवेदनशील थे.’

पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘आज लता मंगेशकर जी की भी जयंती है. उनके गीतों में वो सब कुछ समाया है जो मानवीय भावनाओं को झकझोर देता है. उनके गाए देशभक्ति के गीतों ने लोगों को प्रेरित किया. भारतीय संस्कृति से भी उनका गहरा नाता था. मैं लता दीदी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ. लता दीदी के साथ मेरा स्नेह का रिश्ता हमेशा अटूट रहा है. वो मुझे हर साल राखी जरूर भेजती थीं. मैंने उन्हें बताया कि मुझे उनका गाया और सुधीर फड़के जी द्वारा रचित गीत ‘ज्योति कलश छलके’ बहुत पसंद है.’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारतीय नौसेना के दो बहादुर अधिकारियों ने नाविका सागर परिक्रमा के दौरान साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय दिया है. मैं ‘मन की बात’ के श्रोताओं को इन दो बहादुर अधिकारियों से परिचित कराना चाहता हूं. एक लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना हैं और दूसरी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मुझे आपको यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार भी छठ पूजा से जुड़े एक बड़े प्रयास में जुटी है. भारत सरकार छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कराने के लिए प्रयासरत है. जब छठ पूजा यूनेस्को की सूची में शामिल हो जाएगी, तो दुनिया के हर कोने में लोग इसकी भव्यता और दिव्यता का अनुभव कर पाएँगे.

हमारे त्योहार भारत की संस्कृति को जीवित रखते हैं. छठ पूजा दिवाली के बाद आने वाला एक पवित्र त्योहार है. सूर्य देव को समर्पित यह महापर्व बेहद खास है. इसमें हम डूबते सूर्य को अर्घ्य देते हैं और उनकी पूजा करते हैं. छठ न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है, बल्कि इसकी भव्यता दुनिया भर में भी देखी जाती है. आज यह एक वैश्विक त्योहार बनता जा रहा है.

सरकार के ऐसे ही प्रयासों के चलचे कोलकाता की दुर्गा पूजा भी यूनेस्को की इस सूची का हिस्सा बनी. अगर हम अपने सांस्कृतिक आयोजनों को ऐसी वैश्विक मान्यता देंगे, तो दुनिया भी इनके बारे में जानेगी इन्हें समझेगी और इनमें भाग लेने के लिए आगे आएगी.’

इसके साथ ही उन्होंने बिहार के मधुबनी जिले की मिथिला पेंटिंग को भी याद किया. उन्होंने कहा कि स्वीटी कुमारी ने भी संकल्प क्रिएशन्स की शुरुआत की है. उन्होंने मिथिला पेंटिंग को महिलाओं की आजीविका का साधन बना दिया है. आज 500 से अधिक ग्रामीण महिलाएं उनके साथ जुड़ी हैं और आत्मनिर्भरता की राह पर हैं. ये सभी सफलता की कहानियाँ हमें सिखाती हैं कि हमारी परंपराओं में आय के अनगिनत स्रोत छिपे हैं.

पीएम मोदी ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गांधी जी हमेशा स्वदेशी पर जोर देते थे लेकि दुर्भाग्य से आज़ादी के बाद खादी का आकर्षण कम होता गया, लेकिन पिछले 11 सालों में देश के लोगों का खादी के प्रति आकर्षण काफी बढ़ा है. पीएम मोदी ने लोगों से खादी उत्पाद खरीदने का अनुरोध किया.

प्रधानमंत्री ने दशहरा त्योहार का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं. एक शताब्दी की यह यात्रा जितनी अद्भुत, अभूतपूर्व और प्रेरणादायक है, उतनी ही अद्भुत भी है. 100 वर्ष पहले, जब आरएसएस की स्थापना हुई थी, तब देश सदियों से गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था.

इसके साथ ही 7 अक्टूबर को महर्षि वाल्मीकि जयंती का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह वास्तव में महर्षि वाल्मीकि ही थे जिन्होंने हमें भगवान राम की अवतार कथाओं से व्यापक रूप से परिचित कराया.

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