मुंबई: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाओं के आयात पर भारी टैरिफ लगाने की घोषणा का असर शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजारों पर साफ नजर आया. सप्ताह के आख़िरी कारोबारी दिन बाजार गिरावट के साथ खुले और शुरुआती सत्र में सेंसेक्स 388 अंकों की गिरावट के साथ 80,771 पर, जबकि निफ्टी 119 अंक टूटकर 24,771 पर आ गया.
फार्मा शेयरों पर दबाव
ट्रंप ने घोषणा की है कि अमेरिका 1 अक्टूबर 2025 से ब्रांडेड और पेटेंटेड दवाओं के आयात पर 100 प्रतिशत तक शुल्क लगाएगा. इस फैसले से एशियाई और भारतीय दवा कंपनियों के शेयरों में बिकवाली देखी गई. अमेरिका भारतीय दवाओं का सबसे बड़ा आयातक है, जहां भारत की कुल फार्मा निर्यात का लगभग 31 प्रतिशत हिस्सा जाता है. हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि फिलहाल जेनेरिक दवाओं पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन निवेशकों की चिंता है कि ट्रंप अगला कदम जेनेरिक पर भी उठा सकते हैं. इसी आशंका से फार्मा शेयरों में दबाव देखने को मिला.
सेक्टोरल इंडेक्स में फार्मा सबसे बड़ा लूजर
निफ्टी फार्मा इंडेक्स शुक्रवार को 2.39 प्रतिशत गिरा और यह सबसे कमजोर सेक्टोरल इंडेक्स साबित हुआ. निफ्टी हेल्थकेयर इंडेक्स में भी 2.20 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. वहीं निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 1.11 प्रतिशत टूटा. दिग्गज फार्मा कंपनियां जैसे सिप्ला और डॉ. रेड्डीज लैब्स टॉप लूजर्स में शामिल रहीं.
अन्य सेक्टरों और शेयरों की चाल
निफ्टी में टाइटन कंपनी, एशियन पेंट्स और बजाज फाइनेंस जैसे शेयर भी दबाव में रहे. दूसरी ओर एलएंडटी, हीरो मोटोकॉर्प, हिंदाल्को, टाटा स्टील और ओएनजीसी जैसे शेयरों में हल्की बढ़त देखने को मिली. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी क्रमशः 0.18 और 0.20 प्रतिशत की गिरावट रही.
वैश्विक माहौल से दबाव
गुरुवार को अमेरिकी बाजार लाल निशान पर बंद हुए थे. नैस्डैक और एसएंडपी 500, दोनों 0.50 प्रतिशत टूटे, जबकि डॉव जोंस 0.38 प्रतिशत गिरा. एशियाई बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा. चीन का शंघाई इंडेक्स 0.18 प्रतिशत और शेनझेन 0.79 प्रतिशत टूटा. जापान का निक्केई 0.43 प्रतिशत गिरा, हांगकांग का हैंगसेंग 0.79 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.52 प्रतिशत लुढ़का
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिकी अर्थव्यवस्था स्टैगफ्लेशन की ओर बढ़ रही है, जहां विकास दर धीमी हो रही है, बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई फिर से ऊपर जा रही है. इस चुनौतीपूर्ण माहौल ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया है.
एफआईआई की बिकवाली
पिछले सत्र में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 4,995 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. हालांकि घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) लगभग बराबरी की रकम 5,000 करोड़ रुपये की खरीदारी कर बाजार को संभालते दिखे.
तकनीकी स्तर पर निफ्टी के 25,000 अंक से नीचे बंद होने से बाजार में कमजोरी का संकेत मिल रहा है. अब निफ्टी के लिए 24,700–24,750 स्तर पर समर्थन और 25,000–25,050 स्तर पर रेजिस्टेंस देखने को मिलेगा.
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