रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के लिए हेलीकॉप्टर सेवा पहले ही दिन खराब मौसम के चलते संचालित नहीं हो सकी. सुबह से लेकर शाम तक खराब मौसम के कारण कोई भी हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सका. जिससे करीब पांच सौ यात्रियों की बुकिंगें रद्द हुई. हालांकि यात्री शाम तक मौसम खुलने का इंतजार करते रहे.
बता दें बरसात के बाद केदारनाथ की दूसरे चरण की यात्रा के लिए सोमवार से हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू होनी थी. सभी हेलीपैड्स पर छः हेलीकॉप्टर कम्पनियां हेलीकॉप्टर के साथ सेवा देने के लिए तैयार थी, मगर केदारनाथ के साथ ही केदारघाटी में सुबह से ही मौसम खराब रहा. जिससे हेलीकॉप्टरों का संचालन नहीं हो सका. केदारनाथ से लेकर गौरीकुंड तक पूरी घाटी में कोहरा छाया रहा. जिस कारण सुरक्षा को देखते हुए हेलीकॉप्टरों ने उड़ान नहीं भरी.
इधर, त्रियुगीनारायण के पास (एटीसी) एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम के स्थापित होने से भी हेलीकॉप्टर कम्पनियां फूंक-फूंक कर कदम रख रही हैं. बीते साल की हेली दुर्घटनाओं को देखते हुए खराब मौमस पर लगातार एटीसी के अधिकारी नजर बनाए हैं. केदारघाटी के गुप्तकाशी से ट्रांस भारत, फाटा से पवन हंस हेली एविएशन, ग्लोबल वेक्ट्रा, थम्बी हेली एविएशन और ट्रांस भारत के साथ ही सिरसी से हिमालय हेली एविएशन और एरो एविएशन ने उड़ानें भरती हैं. हेली सेवाओं को लेकर तीर्थयात्रियों ने भी बुकिंग कर दी है, लेकिन केदारघाटी में मौसम खराब होने से हेली उड़ान नहीं भर पा रहे हैं.
हेली के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया खराब मौसम के चलते सोमवार को हेली सेवा शुरू नहीं पाई है. जिससे करीब पांच सौ टिकटें रद्द हुई हैं. हेली सेवा कंपनियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि खराब मौसम में उड़ान ना भरें. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाये. अगर ऐसा नहीं किया गया तो हेली कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी. एटीसी के अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के चलते शाम तक हेली संचालन की कोई उम्मीद नहीं है.
हेली सेवाओं के संचालन से यात्रा में होगी वृद्धि: केदारनाथ धाम में हेली सेवाओं के संचालन शुरू होने से तीर्थयात्रियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है. हालांकि, सोमवार को मौसम खराब होने के चलते हेली सेवाएं उड़ाने नहीं भर पाई, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में मौसम साफ रहेगा. जिससे तीर्थयात्री हेली सेवाओं की सुविधा ले सकेंगे. केदारनाथ धाम की यात्रा में हेली सेवाओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. जहां तीर्थयात्री घोड़ा-खच्चर, डंडी-कंडी व पैदल चलकर गौरीकुंड से 19 किमी का सफर तय करते हैं, वहीं हेली सेवाओं से मात्र आठ मिनट में केदारनाथ धाम पहुंचते हैं. मौसम खराबी के चलते इस बार हेली सेवाएं देर से केदारनाथ धाम पहुंची हैं.
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