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चारधाम यात्रा का दूसरा चरण शुरू, यमुनोत्री-गंगोत्री मार्ग पर मुश्किलें बरकरार, इन रूट्स पर रखें ध्यान


किरनकांत शर्मा, देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का दूसरा चरण 6 सितंबर से शुरू हो चुका है. श्रद्धालु बड़ी संख्या में केदारनाथ और बदरीनाथ धाम पहुंचने लगे हैं. आगामी 15 सितंबर से हेलीकॉप्टर सेवा भी केदारनाथ के लिए भी शुरू कर दी जाएगी. मानसून की बारिश थमने का इंतजार कर रहे भक्त अब दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं, लेकिन उत्तरकाशी में आई भारी तबाही के कारण यमुनोत्री और गंगोत्री की यात्रा अभी भी प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. अगर आप भी चारधाम यात्रा पर आने का प्लान बना रहे हैं तो कुछ बातों का ख्याल रखना होगा.

इस बार का मानसून प्रदेश में हर साल की तरह आफत बनकर आया. पूरे उत्तराखंड में मानसून सीजन में भारी तबाही देखने को मिली. लगातार भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से कई लोगों की जान भी गई. यही कारण रहा कि इस बार यात्रा को एक दो नहीं तीन महीने से ज्यादा समय के लिए रोका गया. यात्रा कभी मार्ग बंद होने की वजह से रुकी तो कभी ज्यादा बारिश से.

चारधाम यात्रा की बात करें तो मानसून सीजन में सबसे ज्यादा नुकसान यमुनोत्री और गंगोत्री धाम तक जाने वाले मार्ग को हुआ. जबकि, शुरुआती बारिश और दुर्घटना के बाद केदारनाथ यात्रा को बंद कर प्रशासन ने बड़ी जनहानि को रोका. अभी केदारनाथ और बदरीनाथ तक श्रद्धालुओं की आवाजाही सामान्य रूप से हो रही है. हालांकि, बदरीनाथ हनुमान चट्टी मार्ग पर मोटर पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. जहा से 9 टन से ज्यादा वजनी वाहन नहीं गुजर सकते हैं.

सड़क खोलती पोकलैंड मशीन (फोटो सोर्स- Local Resident)

रुद्रप्रयाग जिले में भी कई मार्ग बार-बार बंद हो रहे हैं. जिन्हें प्रशासन तत्काल एक्टिव होकर उन्हें खोल रहा है. वहीं, उत्तरकाशी जिले के बात करें तो सबसे कठिन अभी भी भक्तों के लिए यमुनोत्री और गंगोत्री धाम की यात्रा होने वाली है. ये हालात कब तक सुधरेंगे, कहा नहीं जा सकता है. धराली और मुखबा को जोड़ने वाला पुल अभी भी टूटा पड़ा है.

जबकि, ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जंगलचट्टी के पास पूरी तरह बंद है. विकासनगर से बड़कोट और यमुनोत्री जाने वाला मार्ग भी बाधित है. हर्षिल बाजार तक का रास्ता तो खोल दिया गया है, लेकिन उसके आगे सड़क के हालात खराब है. गंगोत्री धाम तक गिनती के श्रद्धालुओं को ही छोटे वाहनों से भेजा जा रहा है. जबकि, यमुनोत्री धाम की यात्रा पूरी तरह से बंद है.

आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कही ये बात: बारिश रुकने के बाद अब लगातार प्रशासन मार्ग खोलने और लोगों की सुरक्षा के इंतजामों में जुट गया है. आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के मुताबिक, मार्ग खोलने की कोशिश लगातार जारी है. इस समय यात्रा को रेगुलेट करके चलाया जा रहा है.

सरकार की प्राथमिकता है कि 20 सितंबर से पहले केदारनाथ और बदरीनाथ के मार्ग पूरी तरह दुरुस्त कर दिए जाएं. क्योंकि, इसके बाद श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक बढ़ सकती है. हालांकि, दोनों धाम तक जाने वाले भक्त आराम से जा रहे हैं और कहीं भी कोई रुकावट नहीं है, लेकिन फिर भी कहीं-कहीं मलबा भी आ रहा है तो उसे ठीक किया जा रहा है.

GANGOTRI DHAM YATRA PROBLEM

मार्ग को खोलने का काम (फोटो सोर्स- Local Resident)

उनका कहना है कि यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के मार्गों पर नुकसान काफी ज्यादा हुआ है. हमारी मशीनें दिन-रात काम कर रही हैं, लेकिन ऊपर से लगातार भूस्खलन होने के कारण सड़कें बार-बार बंद हो रही हैं. उत्तरकाशी की यात्रा को सामान्य रूप से चलाया जाए, ये जरूरी है. वहां पर नालूपानी हो या धराली तक का मार्ग कई जगह से पूरी तरह से वॉशआउट हो गया है.

उत्तरकाशी एसपी सरिता डोभाल ने क्या कहा? फिलहाल, गंगोत्री धाम तक केवल छोटे 4/4 वाहनों को भेजा जा रहा है. उनकी संख्या भी बेहद सीमित है. सड़क की स्थिति बहुत खराब है. इसलिए बस, टेंपो ट्रेवल या बड़ी गाड़ियों को भेजना संभव नहीं है. कई जगह सड़क पूरी तरह टूटी हुई है. श्रद्धालुओं की जानमाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन सतर्कता बरत रहा है और हर संभव प्रयास कर रहा है.

सरकार की श्रद्धालुओं से अपील: राज्य सरकार ने देश और विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा की योजना 15 सितंबर के बाद बनाएं. मानसून की बारिश थमने के बाद यात्रा ज्यादा सुरक्षित होगी. प्रशासन ने जगह-जगह टीमें तैनात की हैं और मार्ग खोलने के काम को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है.

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