पंचमहल (गुजरात) : गुजरात के पंचमहल जिले में प्रसिद्ध पावागढ़ हिल मंदिर में शनिवार को एक मालवाहक रोपवे का तार टूट जाने से छह लोगों की मौत हो गई.
बताया जाता है इस मालवाहक रोपवे का उपयोग मुख्य रूप से मंदिर ट्रस्ट के कार्यों, कर्मचारियों और विशिष्ट अतिथियों के लिए किया जाता था. आज दोपहर कुछ कर्मचारी रोपवे में सवार थे, तभी तकनीकी खराबी के कारण रोपवे का टावर गिर गया और यह हादसा हो गया. इस भीषण हादसे में 6 कर्मचारियों की मौत हो गई. मृतकों में 2 ऑपरेटर, 2 कर्मचारी और 2 अन्य शामिल हैं.
शवों को तुरंत हलोल उपजिला अस्पताल लाया गया है. घटना की सूचना मिलने पर, हलोल विधायक और डीएसपी अस्पताल पहुंच गए. यह हादसा उस समय हुआ जब हलोल शहर में गणेश विसर्जन जुलूस निकल रहा था. पावागढ़ जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थल होने के कारण, यहां पर हादसा होने से श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में भारी रोष और चिंता व्याप्त है.
हादसे के बाद टूटे पड़े तार (ETV Bharat)
पंचमहल कलेक्टर अजय दहिया ने बताया कि पावागढ़ में मालवाहक रोपवे का तार टूटने से 6 लोगों की मौत हो गई है. हादसे की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी.
मृतकों में दो कश्मीर, एक राजस्थान के शामिल
पंचमहल के एसपी हरेश दुधात ने बताया कि आज पावागढ़ में मंदिर निर्माण के लिए सामग्री ले जाने वाला रोपवे अचानक टूट गया, जिससे उसमें सवार 6 लोगों की दुखद मौत हो गई. फिलहाल, शवों को अस्पताल लाया गया है और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मृतकों में दो ऑपरेटर जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं, एक राजस्थान का था और बाकी तीन गुजरात में रहते हैं. अभी यह पता लगाने के लिए जांच चल रही है कि वे कहां रहते हैं. तार टूटने की वजह एफएसएल जांच के बाद ही पता चल सकेगी.

रोपवे का तार टूटने से छह लोगों की मौत हो गई (ETV Bharat)
यह मंदिर लगभग 800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, तथा तीर्थयात्री शिखर तक पहुंचने के लिए या तो 2000 सीढ़ियां चढ़ते हैं या केबल कार का उपयोग करते हैं. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के कारण सुबह से ही रोपवे को आम जनता के लिए बंद कर दिया गया था.
Panchmahal, Gujarat | Six people died after a trolley carrying construction material for the ropeway in Pavagadh broke down: Panchmahal DSP Dr. Harsh Dudhaat
— ANI (@ANI) September 6, 2025
पावागढ़ पहाड़ी चंपानेर से तीन चरणों में निकलती है और इसका पठार 1471 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. पहाड़ी की चोटी पर देवी काली को समर्पित एक भव्य मंदिर है. यहां हर साल लगभग 25 लाख पर्यटक आते हैं.
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