नवीन उनियाल की रिपोर्ट
देहरादून: उत्तराखंड हिमालय के एक बड़े हिस्से में है. राज्य के करीब 90 फीसदी हिस्सा पहाड़ी है. हिमालय की इन पहाड़ियों पर पर्वतारोहण, नदियों में वाटर स्पोर्ट्स, कम ऊंची पहाड़ियों पर रॉक क्लाइंबिंग का बहुत आकर्षण है. इसके साथ ही उत्तराखंड में ट्रेकिंग को लेकर भी काफी क्रेज है.
राज्य की खूबसूरत वादियों में पर्वतारोहण का अपना अलग रोमांच है. ऊंची चोटियों पर साहसिक अभियान को पूरा करना तो आसान नहीं है, लेकिन यही मुश्किलें पर्वतारोहियों के लिए थ्रिल को बढ़ा देती हैं. खास बात यह है कि पर्वतारोहण के देश-विदेश में बढ़ते उत्साह को देखते हुए उत्तराखंड भी राज्य की कुछ महत्वपूर्ण चोटियों को पर्वतारोहियों के लिए खोलने की तैयारी कर रहा है. इसका मकसद एक तरफ देसी विदेशी पर्यटकों को राज्य में आकर्षित करना है, तो दूसरी तरह साहसिक खेलों को राज्य में बढ़ावा देना भी है.
उत्तराखंड में पर्यटन के लिए खुलेंगी 15 नई चोटियां (Video- ETV Bharat)
पर्वतारोहियों का इंतजार होगा खत्म: उत्तराखंड में पर्वतारोहण को नई उड़ान देने की तैयारी शुरू हो गई है. इस बार प्रदेश में कुछ ऐसी ऊंची चोटियों को पर्वतारोहियों के लिए खोलने की तैयारी है, जो पर्वतारोहण के लिहाज से बेहद रोमांचक मानी जा रही हैं. प्रदेश में देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए पर्वतारोहण एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है. यह बात उत्तराखंड के नीति नियंता भी अच्छी तरह से जानते हैं. शायद यही कारण है कि राज्य में रोमांच के भरपूर मौकों को तलाशते हुए कुछ नई चोटियों को खोलने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है.
राज्य की कई पर्वत चोटियां पर्वतारोहण के लिए प्रसिद्ध हैं (ETV Bharat Graphics)
नई चोटियों पर मिलेगी चढ़ाई की अनुमति: पर्यटन विभाग ने इस संदर्भ में वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करके भेजा है. यही नहीं वन विभाग के बड़े अधिकारियों से भी खुद पर्यटन सचिव बात कर चुके हैं. प्रस्ताव में पर्वतारोहियों के लिए एक्सपीडिशन को लेकर अहम चोटियों को खोलने की बात कही है. दरअसल राज्य में तमाम चोटियां वन क्षेत्र के अधीन आती हैं. ऐसे में यहां पर पर्वतारोहण के लिए वन विभाग की अनुमति जरूरी और महत्वपूर्ण है. खासतौर पर उन चोटियों को लेकर अनुमति जरूरी है, जो वाइल्डलाइफ के कारण आरक्षित वन क्षेत्र में चिन्हित हैं.

उत्तराखंड में साहसिक खेलों का अच्छा स्कोप है (ETV Bharat Graphics)
अभी पर्वतारोहण के लिए 83 चोटियों पर है अनुमति: उत्तराखंड में फिलहाल 83 चोटियां ऐसी हैं, जिन पर पहले ही पर्वतारोहियों को एक्सपीडिशन की अनुमति दी गई है. हालांकि इसमें से करीब 40 चोटियां ही ऐसी हैं, जिन्हें रोमांचक मानते हुए पर्वतारोही बड़ी संख्या में वहां पहुंचते हैं. उधर 15 से ज्यादा ऐसी चोटियां भी हैं, जिन्हें खोलने के लिए प्रयास तो किए गए, लेकिन आपत्ति के बाद ये मामला न्यायालय में पहुंच गया. पर्वतारोहण की अनुमति न्यायालय के वाद में फंस गई.

पिथौरागढ़ और बागेश्वर की पर्वत चोटियों को भी प्रस्ताव में रखा है (ETV Bharat Graphics)
पर्यटन विभाग 15 नई पर्वत चोटियों पर कराना चाहता है पर्वतारोहण: अब पर्यटन विभाग ने इस पर पहल करते हुए 15 नई पर्वत चोटियों को खोलने का प्रस्ताव भेजा है. इस बार पर्यटन विभाग ने ऐसी चोटियों को चिन्हित किया है, जो पर्वतारोहियों के लिए ज्यादा रोमांचक और सुविधाजनक हो सकती हैं. जहां तक पहुंचना पर्वतारोहियों के लिए आसान होगा और फिर वहां से उन चोटियों पर चढ़ना ज्यादा अच्छा अनुभव उन्हें दे पाएगा. इस मामले में पर्यटन सचिव धीराज गर्ब्याल बताते हैं कि-

उत्तराखंड में अभी तक पर्वतारोहण के लिए 83 चोटियों पर अनुमति है (ETV Bharat Graphics)
हमने पर्यटन सचिव से इस संदर्भ में बात की है. लिखित रूप से विभिन्न चोटियों का प्रस्ताव भी वन विभाग को भिजवा दिया है. उम्मीद है कि जल्द ही इन चोटियों को पर्वतारोहियों के लिए खोला जा सकेगा.
-धीराज गर्ब्याल, सचिव, उत्तराखंड पर्यटन-
पर्यटन सचिव ने कहा साहसिक खेलों को दे रहे बढ़ावा: धीराज गर्ब्याल ने बताया कि प्रदेश में साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के प्रयास किया जा रहे हैं. इसी के तहत पर्वतारोहण में बेहतर संभावनाओं को देखते हुए नई चोटियों को खोलने के प्रयास हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक पर्यटन विभाग, वन विभाग और जिला प्रशासन में बेहतर समन्वय नहीं होगा, तब तक देश दुनिया के पर्यटकों को उत्तराखंड में लाना मुमकिन नहीं है. इसलिए आपसी समन्वय के साथ इस काम को किया जा रहा है.

चमोली जिले की 3 नई चोटियों को पर्यटन विभाग ने पर्वतारोहण के लिए चुना है (ETV Bharat Graphics)
15 नई चोटियों के प्रस्ताव पर रिपोर्ट बना रहा है वन विभाग: पर्यटन विभाग ने 15 चोटियों को खोलने का प्रस्ताव भेजा है, जिस पर वन विभाग ने फिलहाल प्रभागीय वनाधिकारियों को इन चोटियों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा है. इन 15 चोटियों में नीलगिरि पर्वत, दुरपटा और त्रिशूली पर्वत शामिल है. नीलगिरि पर्वत 6,474 मीटर, दुरपटा पर्वत 6,482 मीटर और त्रिशूली पर्वत 7,074 मीटर की ऊंचाई पर हैं. यह तीनों ही पर्वत चोटियां चमोली जिले में हैं.

पर्यटन विभाग के प्रस्ताव में उत्तरकाशी की 4 चोटियां हैं (ETV Bharat Graphics)
ये हैं वो 15 नई चोटियां: इसी तरह बागेश्वर जिले की देवी मुकुट चोटी जोकि 6,648 मीटर ऊंची है का लिए प्रस्ताव भेजा गया है. पिथौरागढ़ जनपद की चोटियों में ब्रह्मा पर्वत 6,416 मीटर ऊंची, चिपेडांग 6,220 मीटर ऊंची, संगटांग पीक 6,480 मीटर ऊंची, नंदा गोंद पर्वत चोटी 6,315 मीटर ऊंची, इकुआलरी पर्वत चोटी 6,059 मीटर ऊंची, नंदा पाल पर्वत 6,306 मीटर ऊंचा और 6,236 मीटर ऊंचे निताल थोर पर्वत को खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है.

उत्तराखंड में पर्वतारोहण (Photo Courtesy- Tourism Department)
उत्तरकाशी में हैं ये चोटियां: उत्तरकाशी जिले की चार चोटियों जिसमें कोटेश्वर पर्वत 6,080 मीटर ऊंचाई, स्वेतवान पर्वत 6,340 मीटर ऊंचाई, चंद्र पर्वत 6,739 मीटर ऊंचाई और 6,102 मीटर ऊंचे कालिंदी पर्वत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इस तरह जिन 15 चोटियों के लिए DFO अपनी रिपोर्ट देंगे, वह चार जिलों चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिले में स्थित हैं.

उत्तराखंड में हर साल बड़ी संख्या में लोग पर्वतारोहण को आते हैं (Photo Courtesy- Tourism Department)
उत्तराखंड वन विभाग के एपीसीसीएफ वाइल्डलाइफ विवेक पांडे बताते हैं कि-
क्योंकि यह पर्वत चोटियां आरक्षित वन क्षेत्र के अंतर्गत आती हैं. इसलिए वन विभाग इस पर अपनी NOC देता है. लेकिन इससे पहले पर्वतारोहण के लिए इस क्षेत्र में जरूरी बातों की जानकारी और इस क्षेत्र में किन गतिविधियों को करना है और किन पर प्रतिबंध रहेगा, इन सभी बातों का उल्लेख और जानकारी भी दी जाती है.
-विवेक पांडे, APCCF वाइल्डलाइफ, उत्तराखंड वन विभाग-
उत्तराखंड में साहसिक खेलों की अपार संभावना: पर्यटन विभाग साहसिक खेलों पर पिछले कुछ समय में ज्यादा फोकस करता हुआ दिखाई दिया है. इसके साथ ही देसी पर्यटकों के अलावा विदेशी पर्यटकों पर भी विभाग का ज्यादा ध्यान है. दुनिया भर में जिस तरह साहसिक खेलों को लेकर लोगों में उत्सुकता और आकर्षण बढ़ा है, उसके बाद प्रदेश में इसकी अपार संभावनाओं को देखते हुए इससे संबंधित तमाम गतिविधियों को बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं.

15 नई चोटियां खुलने से पर्वतारोहण और बढ़ेगा (Photo Courtesy- Tourism Department)
उत्तराखंड में हर साल 9 लाख पर्यटक ट्रेकिंग और क्लाइंबिंग के लिए आते हैं: उत्तराखंड में पर्यटन विभाग 2,000 से ज्यादा स्थानीय लोगों को पैराग्लाइडिंग, राफ्टिंग, हाई एल्टीट्यूड ट्रेकिंग, माउंटेनियरिंग का प्रशिक्षण दे चुका है. ट्रेकिंग और माउंटेनियरिंग को लेकर पर्यटकों के आंकड़ों पर गौर करें तो करीब 9 लाख पर्यटक हर साल ट्रेकिंग और क्लाइंबिंग गतिविधियों के लिए राज्य में पहुंचते हैं. या कहें कि इन गतिविधियों में शामिल होते हैं.

उत्तराखंड की चोटियों में पर्वतारोहण एक चुनौती भी है (Photo Courtesy- Tourism Department)
ये पर्वत श्रृंखलाएं माउंटेनियरिंग के लिए हैं सुपर हिट: प्रदेश में मुख्य रूप से जिन चोटियों पर इस वक्त पर्वतारोही पहुंच रहे हैं, उनमें 5,922 मीटर ऊंची माउंट बलजुरी, 6,512 मीटर ऊंची माउंट भागीरथी, 6,133 मीटर ऊंचे माउंट श्रीकांत और 6,316 मीटर ऊंची माउंट बंदरपूंछ पर्वत श्रृंखलाएं शामिल हैं.
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