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केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस ने लगाया वोट चोरी का आरोप, 2000 से ज्यादा RTI का दिया हवाला, बीजेपी को घेरा


देहरादून: वोट चोरी के मामले को कांग्रेस पार्टी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया है. देश के साथ-साथ उत्तराखंड में भी इसको बड़े मुद्दे के तौर पर कांग्रेस लोगों के सामने रख रही है. इसी कड़ी में आज सीडब्ल्यूसी सदस्य और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड में भी बड़े पैमाने पर वोट चोरी का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने बीजेपी पर केदारनाथ उपचुनाव में भी वोट चोरी का आरोप लगाया है. इसके लिए कांग्रेस ने आंकड़े पेश किये हैं.

कांग्रेस सीडब्ल्यूसी सदस्य गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा चुनावों मे वोटों में हुई धांधली की जांच के लिए मेरा वोट मेरा अधिकार के तहत एक कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी में पंकज क्षेत्री, डॉक्टर प्रेम बहुखंडी और अभिनव थापर को शामिल किया गया. इस कमेटी ने व्यापक जनसंपर्क और जन जागरण अभियान चलाया और कम से कम 2000 से अधिक आरटीआई लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया. जनता के अपार समर्थन से कांग्रेस के पास 2503 आरटीआई का डाटा पहुंचा है. इसके अलावा हजारों नागरिकों ने स्वतंत्र रूप से भी आरटीआई दायर की. इन सबके बावजूद आयोग की तरफ से अब तक सिर्फ 136 जवाब आये हैं. इसमें भी टूटे-फूटे भ्रमित जवाब या फिर अधिकांश में जानकारी को अन्य विभागों पर टाल दिया गया है.

गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा इस प्रक्रिया में कई बाधाएं भी सामने आई. उन्होंने कहा कांग्रेस ने 2 हजार से अधिक का टारगेट रखा गया था लेकिन अचानक ₹10 के पोस्टल आर्डर पोस्ट ऑफिस से गायब हो गए. अगर यह बाधाएं सामने नहीं आती तो आवेदन संख्या 10000 से अधिक हो सकती थी. उन्होंने कहा 2025 में शहरी निकाय चुनावों में वोटर लिस्ट की गड़बड़ियां उजागर हुई हैं. ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव में वोट दिया था लेकिन उनके नाम निकाय चुनाव की सूची से हटा दिए गए. संविधान का अनुच्छेद 326 स्पष्ट करता है कि 18 साल से अधिक आयु का हर नागरिक मतदान का अधिकार रखता है. उसके बावजूद देहरादून नगर निगम चुनाव में अगस्त 2024 की सूची से लगभग 96 हजार नाम हटाए गए, हालांकि बाद में यह संख्या बढ़ाई गई. चुनाव से मात्र 3 दिन पहले 32000 नाम दोबारा काट दिए गए. यह कदम पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं.

गुरदीप सप्पल ने केदारनाथ उपचुनाव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा दो उपचुनाव जीतने के बाद भाजपा यह समझ गई थी कि केदारनाथ उपचुनाव में भी कांग्रेस जीत दर्ज कराएगी. इसलिए बीजेपी ने केदारनाथ उपचुनाव में भी वही किया जो हरियाणा, महाराष्ट्र के चुनावों में किया. उन्होंने आरोप लगाया कि केदारनाथ उपचुनाव से पहले साढ़े आठ हजार वोट जोड़े गए. जिसके बाद 4 हजार से अधिक वोट काटे गए. ऐसा क्यों किया गया? आयोग ने कोई जवाब नहीं दिया.

गुरदीप सिंह सप्पल ने कहा वोट चोरी के अभियान को कांग्रेस अगले लेवल पर लेकर जा रही है. जिससे देश को यह पता चल सके कि किस तरह जनता की मर्जी को डकैती के रूप मे बीजेपी की झोली में डाला जा रहा है. सप्पल का आरोप है कि भाजपा हर स्तर पर वोटो की चोरी कर रही है. उन्होंने कहा 2027 में भी यही होगा, लेकिन कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनावों में कोई गड़बड़ नहीं होने देगी. उन्होंने कहा 2027 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन कर रहेगी.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में जिस तरह वोटों मे धांधली के कई मामले सामने आये, इसी तरह उत्तराखंड के विधानसभा और निकाय चुनाव में भी बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई है. कांग्रेस इसका समूचा प्रमाण दे रही है.

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