नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, “भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक निर्णायक अध्याय शुरू हो रहा है, जिसमें इनोवेशन और निवेश विकास की एक नई लहर को गति दे रहे हैं.”
इस कार्यक्रम में, केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री को भारत में निर्मित पहली चिप्स भेंट कीं, जिनमें विक्रम 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर और चार स्वीकृत परियोजनाओं के परीक्षण चिप्स शामिल थे.
दिसंबर 2021 में भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के शुभारंभ को याद करते हुए, वैष्णव ने कहा कि, “3.5 सालों की छोटी सी अवधि में, दुनिया भारत की ओर विश्वास से देख रही है.” मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच से प्रेरित होकर, इस मिशन के परिणामस्वरूप पांच सेमीकंडक्टर यूनिट्स का निर्माण तेजी से हुआ है.
उन्होंने कहा कि, “हम अभूतपूर्व समय में रह रहे हैं, वैश्विक नीतिगत उथल-पुथल ने भारी अनिश्चितता पैदा कर दी है. इस अशांत समय में, भारत स्थिरता और विकास के प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है. इस अनिश्चित समय में, आपको भारत आना चाहिए क्योंकि हमारी नीतियां स्थिर हैं.”
A defining chapter in India’s semiconductor journey is unfolding, with innovation and investment driving a new wave of growth. Addressing Semicon India 2025 in Delhi. https://t.co/5jurEGuYnI
— Narendra Modi (@narendramodi) September 2, 2025
Vikram: भारत में निर्मित पहली चिप
विक्रम भारत का पहला पूर्णतः स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर है. ISRO की सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला द्वारा विकसित, इस चिप को प्रक्षेपण यानों की चरम स्थितियों में भी विश्वसनीय प्रदर्शन के लिए डिज़ाइन किया गया है. चिप का पहला उत्पादन बैच 5 मार्च, 2025 को ISRO के अध्यक्ष वी. नारायणन को एक अन्य 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर, Kalpana 3201 के साथ सौंपा गया.
VIKRAM3201 प्रोसेसर का निर्माण सेमीकंडक्टर प्रयोगशाला (SCL) की 180nm CMOS सेमीकंडक्टर निर्माण फेसेलिटी में किया गया था. यह स्वदेशी रूप से विकसित 16-बिट VIKRAM1601 माइक्रोप्रोसेसर का एक एडवांस वर्जन है, जिसका इस्तेमाल 2009 से ISRO के प्रक्षेपण यानों की एवियोनिक्स प्रणालियों में किया जा रहा है.
VIKRAM3201 और VIKRAM1601 दोनों में एक कस्टम इंस्ट्रक्शन सेट आर्किटेक्चर दिया गया है, जो फ्लोटिंग-पॉइंट कंप्यूटेशन को सपोर्ट करता है और Ada के साथ उच्च-स्तरीय लैंग्वेज कम्पैटिबिलिटी प्रदान करता है. सभी सहायक सॉफ़्टवेयर टूल, जिसमें Ada कंपाइलर, असेंबलर, लिंकर, सिम्युलेटर और इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट एनवायरनमेंट (IDE) शामिल हैं, इसे ISRO द्वारा आंतरिक रूप से विकसित किया गया है. इसके अलावा, विभिन्न एप्लिकेशन डोमेन में यूजर्स के लिए लचीलापन बढ़ाने के लिए एक C लैंग्वेज कंपाइलर का विकास भी चल रहा है.
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)
सेमीकंडक्टर आधुनिक तकनीक के मूल में हैं, जो स्वास्थ्य सेवा, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रणालियों को शक्ति प्रदान करते हैं. जैसे-जैसे दुनिया गहन डिजिटलीकरण और स्वचालन की ओर बढ़ रही है, ये चिप्स आर्थिक लचीलेपन और रणनीतिक ऑटोनॉमी के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं. भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के शुभारंभ के साथ, भारत का लक्ष्य अपने सेमीकंडक्टर विजन को वास्तविकता में बदलना है.
इस दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए, सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना शुरू की, जिसमें लगभग 65,000 करोड़ रुपये पहले ही प्रतिबद्ध हैं. भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन 28 अगस्त को गुजरात के साणंद में देश की पहली एंड-टू-एंड आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) पायलट लाइन फेसेलिटी में से एक के शुभारंभ के साथ हासिल किया गया. साणंद में सेमीकंडक्टर यूनिट स्थापित करने के पहले प्रस्ताव को जून 2023 में मंजूरी दी गई थी.
डिजाइन लिंक्ड इंसेंटिव (DLI) योजना के तहत, इनोवेशन को समर्थन देने के लिए 23 चिप डिजाइन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जबकि वर्वेसेमी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसी कंपनियां महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए एडवांस चिप्स विकसित कर रही हैं, जो वैश्विक सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में भारत के एक उत्पादक के रूप में परिवर्तन को चिह्नित करता है.
सरकार ने अब तक छह राज्यों में 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक के संचयी निवेश के साथ 10 सेमीकंडक्टर मैन्युफेक्चरिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनमें गुजरात, असम, उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.
Semicon India 2025 एक प्रमुख आयोजन है, जिसका उद्देश्य भारत के बढ़ते सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र को गति प्रदान करना और देश को चिप डिज़ाइन, निर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है. तीन दिवसीय सम्मेलन (2 सितंबर से 4 सितंबर तक) भारत में एक मज़बूत, लचीला और टिकाऊ सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर केंद्रित होगा. अब तक, Semicon India के तीन एडिशन आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें पहला 2022 में बेंगलुरु, 2023 में गांधीनगर और 2024 में ग्रेटर नोएडा में आयोजित किया गया है.