रुद्रप्रयाग: बसुकेदार क्षेत्र में बादल फटने के बाद ग्रामीण दहशत के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर हैं. क्षेत्र में बिजली, पानी की व्यवस्था ठप पड़ी है तो सड़क मार्ग भी कई जगह बाधित हैं. ऐसे में ग्रामीणों का संपर्क कटा हुआ है. ग्रामीण अंधेरे में रात काटने के लिए विवश हैं. इस आपदा में जहां लोगों ने अपनों को खोया, वहीं मवेशी भी जिन्दा दफन हो गए. खेत खलिहान तबाह हो गए तो सर से छत भी छीन गयी. प्रशासन की टीमें क्षेत्र में रेस्क्यू अभियान चलाये हुए हैं. इधर सीएम धामी ने अधिकारियों की बैठक लेकर आपदा प्रभावितों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने के आदेश दिए.
बसुकेदार क्षेत्र में बादल फटने की घटना से छेनागाड़ तबाह हो गया है: बसुकेदार तहसील में गुरुवार की रात बादल फटने से भयानक तबाही आई थी. यहां अब कुछ नहीं बचा है. घटना में आठ लोग अभी भी लापता चल रहे हैं. इनमें चार स्थानीय हैं तो चार नेपाली मूल के शामिल हैं. एसडीआरएफ की टीम लापता लोगों की खोजबीन में जुटी है. मलबे को हटाने का कार्य किया जा रहा है. इसके अलावा ताल जामन, बडेथ, डुंगर में आपदा से भारी नुकसान हुआ है. ताल जामन में एक दर्जन आवासीय भवन मलबे में दब गए, जबकि 20 से करीब मवेशी भी दफन हो गए.
🚨 ग्राउंड जीरो से अपडेट
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग श्री प्रतीक जैन ने तालजामण आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर प्रभावित परिवारों की कुशलक्षेम जानी।
✅ राहत शिविर की व्यवस्थाओं का लिया जायजा
✅ खाद्य व स्वास्थ्य सेवाओं के निर्देश
✅ क्षति आकलन हेतु टीमें गठित… pic.twitter.com/zIbKknM3V4— DM Rudraprayag (@DmRudraprayag) August 29, 2025
162 लोग स्कूल में रखे गए: आवासीय भवनों के मलबे में दबने से 162 ग्रामीणों को गांव के स्कूल में आसरा दिया गया है. जिला प्रशासन की ओर से ग्रामीणों के लिए टेंट की सुविधा के साथ खाने पीने की व्यवस्था की गई है. क्षेत्र में लाइट, पानी की सप्लाई भी ठप्प पड़ी है. बिजली के पोल और पानी की लाइनें आपदा की भेंट चढ़ गई हैं. बसुकेदार-गुप्तकाशी राज्य मार्ग भी जगह- जगह बंद है, जिसे खोलने का कार्य जारी है.
छेनागाड़ क्षेत्र में हालात अधिक गंभीर पाए गए हैं. नोडल अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी प्रेम सिंह रावत ने बताया कि क्षेत्र में 8 व्यक्ति लापता हैं, जिनकी खोजबीन के लिए रेस्क्यू टीमें लगातार प्रयासरत हैं. प्रशासन द्वारा 2 घायलों को तत्काल उपचार प्रदान किया गया है. अधिकारी ने बताया कि उन्होंने क्षेत्र के विद्यालय भवन, आवासीय भवनों और गोशालाओं का निरीक्षण किया और नुकसान का जायजा लिया.
🚨 आपदा प्रभावित क्षेत्रों में दूसरे दिन भी युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी
✅ जिलाधिकारी द्वारा क्षति का त्वरित आंकलन हेतु नोडल अधिकारियों की तैनाती
✅ प्रभावित परिवारों तक राहत सामग्री पहुँचाने हेतु विशेष व्यवस्था
🚁 भारी वर्षा से प्रभावित क्षेत्र उच्छोला में हेलीकॉप्टर… pic.twitter.com/90jGJWhwLP— DM Rudraprayag (@DmRudraprayag) August 30, 2025
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी आशीष रावत द्वारा प्रभावित गांव ताल जामण में राहत कार्यों का निरीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि अब तक की जानकारी के अनुसार क्षेत्र में कुल 15 पशु लापता हैं, जिनमें 1 बछिया, 3 बैल, 8 गाय एवं 3 भैंस शामिल हैं. इसके अतिरिक्त 2 पशुओं को मलबे से बाहर निकाला गया है. मौके पर ही 15 घायल पशुओं का प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया गया है. पशु चिकित्सा विभाग की ओर से 11 सदस्यीय विशेषज्ञ दल को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है, जो लगातार पशुओं की देखरेख व इलाज का कार्य कर रहे हैं.
🔵 जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग के स्तर से आपदा प्रभावित गांव तालजामण क्षेत्रान्तर्गत बाधित हुई पीने के पानी की आपूर्ति व विद्युत आपूर्ति को सुचारु किया जा रहा है। pic.twitter.com/G1s88MYiT2
— Rudraprayag Police Uttarakhand (@RudraprayagPol) August 30, 2025
गुरुवार रात आई थी आपदा: 28 अगस्त की रात आपदा से तहसील बसुकेदार क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न स्थानों तालजामण, छेनागाड़, स्यूर एवं ललूड़ी (उछोला) में अनेक परिसम्पत्तियों को क्षति पहुंची है. आपदा की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा लगातार दूसरे दिन भी राहत एवं बचाव कार्य युद्धस्तर पर संचालित किए जा रहे हैं. जिलाधिकारी प्रतीक जैन के निर्देश पर प्रभावित क्षेत्रों में हुई क्षति का त्वरित आकलन कर आख्या उपलब्ध कराने को लेकर अधिशासी अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग रुद्रप्रयाग को नोडल अधिकारी नामित किया गया है. साथ ही विभिन्न स्थानों के लिए अभियन्ताओं, राजस्व उपनिरीक्षकों एवं ग्राम विकास अधिकारियों को सम्मिलित कर विशेष टीमें गठित की गई हैं.
जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग द्वारा क्रीड़ा मैदान अगस्त्यमुनि से हैलीकॉप्टर के माध्यम से राहत सामग्री को आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भिजवाने के उपरान्त वितरण कराया जा रहा है। pic.twitter.com/sMFKz10eFO
— Rudraprayag Police Uttarakhand (@RudraprayagPol) August 30, 2025
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों की प्रतिपूर्ति के लिये अधिकारियों की तैनाती की गई है. नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी इस प्रकार नामित किए गए हैं-
नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी
- रजत सुमन, उप वन संरक्षक, वन प्रभाग रुद्रप्रयाग, नोडल अधिकारी
- याक्षी अरोड़ा, उप जिलाधिकारी, रुद्रप्रयाग, सहायक नोडल अधिकारी
- राहुल चौबे, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, रुद्रप्रयाग, सहायक नोडल अधिकारी
गठित की गई टीमें इस प्रकार हैं–
1. तालजामण क्षेत्र- टीम-01
- शैलेन्द्र तोमर, सहायक अभियंता, जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, रुद्रप्रयाग
- सौरभ गैरोला, कनिष्ठ अभियंता, जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण, ऊखीमठ
- सम्बन्धित क्षेत्र का राजस्व उप निरीक्षक
- सम्बन्धित क्षेत्र का ग्राम विकास अधिकारी
टीम-02
- ओम प्रकाश, सहायक अभियंता, प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग, रुद्रप्रयाग
- अंकित, कनिष्ठ अभियंता, प्रान्तीय खण्ड, लोक निर्माण विभाग, रुद्रप्रयाग
- सम्बन्धित क्षेत्र का राजस्व उप निरीक्षक
- सम्बन्धित क्षेत्र का ग्राम विकास अधिकारी
2. छेनागाड़ क्षेत्र की टीम
- अनुज भारद्वाज, सहायक अभियंता, निर्माण खण्ड, लोक निर्माण विभाग, ऊखीमठ
- रजनीश उप्रेती, कनिष्ठ अभियंता, सिंचाई खण्ड, रुद्रप्रयाग
- सम्बन्धित क्षेत्र का राजस्व उप निरीक्षक
- सम्बन्धित क्षेत्र का ग्राम विकास अधिकारी
3. स्यूर क्षेत्र की टीम
- अरुण गुसाईं, सहायक अभियंता, ग्रामीण निर्माण विभाग, रुद्रप्रयाग
- संजय बिष्ट, कनिष्ठ अभियंता, ग्रामीण निर्माण विभाग, रुद्रप्रयाग
- सम्बन्धित क्षेत्र का राजस्व उप निरीक्षक
- सम्बन्धित क्षेत्र का ग्राम विकास अधिकारी
4. उछोला क्षेत्र की टीम
- सुभाष रावत, सहायक अभियंता, जल संस्थान, रुद्रप्रयाग
- सोनू बिष्ट, कनिष्ठ अभियंता, जल संस्थान, रुद्रप्रयाग
- सम्बन्धित क्षेत्र का राजस्व उप निरीक्षक
- सम्बन्धित क्षेत्र का ग्राम विकास अधिकारी
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए कड़े निर्देश: जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने सभी टीमों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रभावित क्षेत्रों में जाकर विभिन्न परिसम्पत्तियों की क्षति का तत्काल सर्वेक्षण व आकलन करें तथा क्षति का विवरण यथाशीघ्र जिला प्रशासन को उपलब्ध कराना सुनिश्चित कर राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की नियमित रिपोर्टिंग करें. जिलाधिकारी ने कहा कि प्रभावित परिवारों की सुरक्षा, राहत एवं पुनर्वास प्राथमिकता पर है. प्रशासन सतत निगरानी रखते हुए प्रभावित ग्रामीणों को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
आज उच्चाधिकारियों, समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस विभाग के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। प्रदेश सरकार हर कदम पर आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में… pic.twitter.com/xEXwTUFrdw
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) August 30, 2025
सीएम धामी ने आपदा प्रभावितों को 5-5 लाख रुपए देने के आदेश दिए: सीएम धामी ने उच्चाधिकारियों, समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस विभाग के साथ आपदा राहत कार्यों की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ प्रभावी ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार हर कदम पर आपदा प्रभावितों के साथ खड़ी है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावितों को तत्काल 05-05 लाख की सहायता राशि प्रदान की जा रही है. अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावित परिवारों को समय पर राशन एवं आवश्यक दैनिक उपयोग की वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएं. नदियों के जल स्तर की निरंतर निगरानी की जाए तथा बंद पड़ी सड़कों को शीघ्रता से खोला जाए.
सीएम धामी ने स्यानाचट्टी के पास यमुना नदी पर आए मलबे को हटाने के लिए मशीनों का उपयोग करने और मलबे का सुरक्षित निस्तारण सुनिश्चित करने हेतु भी निर्देशित किया. बरसात का मौसम समाप्त होते ही सभी सड़कों की मरम्मत और सुधार कार्य में तेजी लाने को कहा. 15 सितंबर के बाद चारधाम यात्रा में अपेक्षित तेजी को देखते हुए समस्त व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश दिए. अधिकारियों को मौसम की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए निरंतर अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए.
चमोली में ठहा पहाड़: उत्तराखंड में भले बारिश रुकी हो, लेकिन बारिश के बाद धूप से पहाड़ चटक रहे हैं. उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ से कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जहां कुछ ही सेकंडों में पूरा का पूरा पहाड़ नीचे आ गया. गनीमत ये रही कि इस घटना में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि जोशीमठ के पेनी क्षेत्र में अनिमठ के पास भारी बारिश के कारण पहाड़ी से मलबा और बोल्डर गिरने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है. इस घटना से यातायात पूरी तरह ठप हो गया और कई वाहन फंस गए.
स्थानीय प्रशासन और एनएचआईडीसीएल की टीमें मलबा हटाने और मार्ग को बहाल करने में जुटी हैं. पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रोका है यात्रियों से भारी बारिश और भूस्खलन की स्थिति में सावधानी बरतने की अपील की गई है. हालांकि इस वक्त चारधाम लगभग पूरी तरह से बंद है. आपको बता दें कि चमोली का जोशीमठ वहीं क्षेत्र है, जहां बीते साल से घरों में दरारें पड़ने की घटनाएं सामने आई थी. इतना ही नहीं पूरा का पूरा शहर दरारों की चपेट में आज भी है जिसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है. जोशीमठ बदरीनाथ मार्ग का मुख्य पड़ाव है.
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