कासरगोड: केरल के पदन्नक्कड़ में अपने घर में सो रही 10 साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार मामले के दोषी को पोक्सो कोर्ट ने दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि आरोपी को मृत्यु तक जेल में रहना होगा. दोषी की बहन, जिसने बच्ची से चुराई गई बालियां बेचने में मदद की थी, उसको कारावास और एक हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई.
कम सज़ा की गुहारः
अदालत ने शनिवार को आरोपी को दोषी पाया था. फैसला सोमवार तक के लिए टाल दिया गया था. प्रथम आरोपी की ओर से वकील ने कम सजा की गुहार लगायी. तर्क दिया कि अभियुक्त की मां वृद्ध है और वह विवाहित है, इसलिए सजा में नरमी बरतने पर विचार किया जाना चाहिए.
अभियोजन पक्ष के वकील ए. गंगाधरन ने तर्क दिया कि अभियुक्त को आदतन अपराधी माना जाना चाहिए और इस मामले को एक दुर्लभ मामला माना जाना चाहिए. दूसरी आरोपी सुवैबा ने अदालत को बताया कि उसकी हाल ही में शादी हुई है और वह केवल 21 वर्ष की है.
300 पृष्ठों का आरोप पत्रः
15 मई, 2024 को बच्ची का अपहरण, बलात्कार और बालियां लूट ली गईं थीं. पुलिस ने घटना के 39 दिन बाद अदालत में 300 पृष्ठों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया. आरोप पत्र में 67 गवाहों के बयान और 42 वैज्ञानिक साक्ष्य शामिल थे. पुलिस ने आरोपी पर अपहरण, पॉक्सो अधिनियम और घर में घुसकर मौत की सजा वाले अपराध को अंजाम देने का आरोप लगाया था.
क्या है घटनाः
घटना वाले दिन, सुबह करीब 3 बजे आरोपी घर में घुस आया. उस वक्त बच्ची के दादा गाय का दूध दुहने गए थे. अभियोजन पक्ष का आरोप है कि वह घर के मुख्य द्वार से घुसा, बच्ची को उठाकर आधा किलोमीटर दूर एक खेत में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. बलात्कार के बाद, आरोपी ने कान की बाली उतार ली और बच्ची को खेत में ही छोड़कर भाग गया. डरी-सहमी बच्ची पास के एक घर में पहुंची और घटना की सूचना दी.
बच्ची की सोने की बालियां बेचकर मिले पैसों से महाराष्ट्र, बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश पहुंचा. घटना के नौवें दिन विशेष जांच दल ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 449, 366, 394, 506, 342, 376 और पॉक्सो की धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए थे. सुवैबा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
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