नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वें संशोधन) विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों द्वारा किए जा रहे ‘काले बिल’ विरोध प्रदर्शनों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि वह और भाजपा दोनों इस विचार को पूरी तरह से खारिज करते हैं कि देश उस व्यक्ति के बिना नहीं चलाया जा सकता जो जेल में बंद है. उन्होंने पूछा कि क्या कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी नेता जेल से देश चला सकता है.
शाह ने हाल ही में संपन्न संसद के मानसून सत्र में एक विधेयक पेश किया था. इसके अनुसार प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को अगर पाँच साल से अधिक की जेल की सजा वाले अपराधों के लिए 30 दिनों से अधिक जेल में रखा जाता है तो उन्हें पद से हटाया जा सकता है. संसद में विपक्ष ने इस विधेयक का विरोध किया और इसे असंवैधानिक करार दिया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने, गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को फंसाने, उन्हें जेल में डालने और राज्य सरकारों को अस्थिर करने का एक तरीका है.
#WATCH | On 130th Amendment Bill for removal of the PM, CMs, and ministers held on serious criminal charges, Union Home Minister Amit Shah says, ” …the elected government in the parliament can bring any bill or constitutional amendment. what objection can there be in placing it… pic.twitter.com/S4CaRLnMB6
— ANI (@ANI) August 25, 2025
एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, ‘मैं पूरे देश और विपक्ष से पूछना चाहता हूं. क्या कोई सीएम, पीएम या कोई भी नेता जेल से शासन चला सकता है? क्या यह लोकतंत्र की गरिमा के खिलाफ नहीं है?’ उन्होंने कहा, ‘आज भी वे कोशिश कर रहे हैं कि अगर उन्हें कभी जेल जाना पड़ा, तो वे जेल से आसानी से सरकार बना लेंगे.
जेल को ही सीएम हाउस, पीएम हाउस बनाकर पुलिस अधिकारी वहां आदेश लेंगे? मेरी पार्टी और मैं इस विचार को पूरी तरह से खारिज करते हैं कि इस देश को उस व्यक्ति के बिना नहीं चलाया जा सकता जो वहां बैठा है. इससे संसद या विधानसभा में किसी के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एक सदस्य जाएगा, पार्टी के अन्य सदस्य सरकार चलाएंगे और जब उन्हें जमानत मिल जाएगी तो वे आकर फिर से शपथ ले सकते हैं. इसमें क्या आपत्ति है?’
#WATCH | On opposition’s allegations and criticism of 130th Amendment Bill, Union HM Amit Shah says, ” in this country today, the number of nda cms is more. the pm is also from the nda. so this bill does not raise questions only for the opposition. this raises questions for our… pic.twitter.com/k8nmT81crK
— ANI (@ANI) August 25, 2025
गृह मंत्री ने कहा कि वह पूरे देश को 130वें संशोधन के बारे में जानकारी देना चाहते हैं. इस संशोधन में हमने यह प्रावधान किया है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र या राज्य सरकार का कोई भी नेता गंभीर आरोपों का सामना करता है और गिरफ्तार होता है और अगर उसे 30 दिनों के भीतर जमानत नहीं मिलती है तो उसे अपना पद छोड़ना होगा. अगर वह इस्तीफा नहीं देता है तो उसे कानूनन पद से हटा दिया जाएगा. यही हमने 130वें संशोधन में शामिल किया है.’ गृह मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि खुद प्रधानमंत्री ने ही इस विधेयक के अंतर्गत प्रधानमंत्री पद को लाने पर जोर दिया था.
#WATCH | On the 130th Amendment Bill, Union HM Amit Shah says, ” …where there is a provision of more than 5 years of punishment, the person will have to leave the post. one does not have to leave the post for any petty allegation… even today, there is a provision in the… pic.twitter.com/t2OGsKK1XK
— ANI (@ANI) August 25, 2025
अमित शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने स्वयं इसमें प्रधानमंत्री का पद शामिल किया है. इससे पहले इंदिरा गांधी 39वां संशोधन (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय अदालतों द्वारा न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए) लेकर आई थी. नरेंद्र मोदी जी अपने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाए हैं कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब वह विधेयक पेश कर रहे थे, तब संसद में विपक्ष द्वारा विरोध और नारेबाजी करना सही नहीं था और विपक्ष को लोगों को जवाब देना चाहिए.
#WATCH | On AAP leader Satyendar Jain, Union HM Amit Shah says, ” he did not get bail for four years. the case is still going on. the closure report was not filed in the fir, in which he was in jail for four years. the closure report was filed in the 2022 case. in the four cases… pic.twitter.com/wV12mU7FCr
— ANI (@ANI) August 25, 2025
शाह ने पूछा, ‘मैं स्पष्ट कर दूं कि जब कोई निर्वाचित सरकार संसद में कोई संवैधानिक संशोधन लाती है, तो विरोध की अनुमति होती है. मैं पहले ही कह चुका हूं कि यह संशोधन दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा जाएगा. वहां हर कोई अपनी राय रख सकता है. वह मतदान के दौरान भी आप अपनी बात रख सकते हैं. चूंकि यह एक संवैधानिक संशोधन है, इसलिए इसके लिए दो-तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है. लेकिन क्या लोकतंत्र में यह उचित है कि विधेयक को संसद में पेश ही न करने दिया जाए? क्या दोनों सदन चर्चा के लिए है या सिर्फ शोरगुल और व्यवधान के लिए?’
उन्होंने कहा, ‘हमने भी विभिन्न मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया है लेकिन संसद में विधेयक पेश करने से रोकना लोकतांत्रिक नहीं है. विपक्ष को जनता को जवाब देना चाहिए.’ केंद्र में यूपीए सरकार के समय का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के तहत कांग्रेस ने दोषी सांसदों को बचाने के लिए एक अध्यादेश पेश किया था, जिसे राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से फाड़कर खारिज कर दिया था.
#WATCH | Union HM Amit Shah says, ” should anyone run the government from jail? since independence, many leaders have gone to jail. recently, a trend has started of not resigning even after going to jail. some ministers of tamil nadu did not resign, ministers and cm of delhi did… pic.twitter.com/jsIU0TH1mp
— ANI (@ANI) August 25, 2025
शाह ने कहा, ‘सत्येंद्र जैन (आप नेता) मामले में उन्हें चार मामलों में जेल हुई. उन सभी में सीबीआई ने आरोपपत्र दाखिल किया. उन पर मुकदमा चल रहा है. आप आप के दुष्प्रचार का शिकार हो गए. अब मैं कांग्रेस की बात करता हूं. वे इसका विरोध कर रहे हैं. हालांकि, संप्रग सरकार के दौरान जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे और लालू प्रसाद यादव मंत्री थे और उन्हें दोषी ठहराया गया था उन्होंने एक अध्यादेश पेश किया था जिसमें कहा गया था कि दो साल की सजा के बावजूद किसी सदस्य की सदस्यता तब तक रद्द नहीं होगी जब तक कि अपील प्रक्रिया पूरी न हो जाए.’
#WATCH | Narendra Modi ji has brought a constitutional amendment against himself that if the Prime Minister goes to jail, he will have to resign…, ” says union hm amit shah on the 130th amendment bill
“the prime minister himself has included the post of pm in this… earlier,… pic.twitter.com/sVlRmZOQEv
— ANI (@ANI) August 25, 2025
आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री रहते हुए भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था और जेल जाने के बाद भी उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था. शाह ने कांग्रेस पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी अब बिहार में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का समर्थन कर रही है, जबकि पहले भी उसने इसी तरह के मामलों का विरोध किया था. उन्होंने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार द्वारा 2013 में लाए गए उस अध्यादेश का जिक्र किया, जिसका उद्देश्य अयोग्य ठहराए गए या किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए गए सांसदों और विधायकों को राहत प्रदान करना था.
#WATCH | When the constitution was made, the constitution makers would not have imagined such shamelessness that a CM would go to jail and continue as the CM from jail…, ” says union hm amit shah on the 130th amendment bill
“…the court also understands the seriousness of the… pic.twitter.com/DFuLy6tuCW
— ANI (@ANI) August 25, 2025
राहुल गांधी ने उस अध्यादेश को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही फाड़ भी दिया था. उन्होंने अपने ही प्रधानमंत्री के फैसले का मजाक उड़ाया गया और प्रधानमंत्री दुनिया के सामने एक शर्मनाक व्यक्ति बन गए. लेकिन अब, वही राहुल गांधी बिहार में सरकार बनाने के लिए दोषी ठहराए गए लालू यादव को गले लगा रहे हैं. क्या यह दोहरा मापदंड नहीं है?’ इस बीच लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति द्वारा नियुक्त, पार्टी लाइन से ऊपर उठकर लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों की एक संयुक्त समिति संविधान (130वें संशोधन) विधेयक की संयुक्त रूप से जांच करेगी.
#WATCH | On AAP national convenor Arvind Kejriwal, Union HM Amit Shah says, ” …if this law had been in place, he would have had to resign. when the public started protesting after he came out, he resigned on moral grounds, and made atishi ji the chief minister of delhi because… pic.twitter.com/44nkVjdIiE
— ANI (@ANI) August 25, 2025