शुभांशु ने 1.3 करोड़ किमी की दूरी तय की
शुभांशु ने 18 दिनों में 310 से अधिक कक्षाएं पूरी कीं और लगभग 1.3 करोड़ किमी की दूरी तय की थी. इसरो द्वारा सौंपे गए सातों सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण प्रयोगों को सफलतापूर्वक पूरा किया. इसमें मांसपेशी पुनर्जनन, टार्डिग्रेड परिक्षण, बीज अंकुरण, शैवाल संवर्धन, फसल सहनशीलता, विकिरण प्रभाव एवं मानव शरीर विज्ञान संबंधी अध्ययन शामिल थे. यह प्रयोग भारत के आगामी गगनयान कार्यक्रम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं. गौरतलब है कि 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे शुभाशुं शुक्ला सिटी मोंटेसरी स्कूल की अलीगंज ब्रांच से अपनी पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद वह भारतीय रक्षा अकादमी चले गए थे. 7 जून 2006 को भारतीय वायु सेवा में फाइटर विंग में कमीशन किया गया था. शुभांशु एक कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलेट हैं. इन्हें लगभग 2000 घंटे के उड़ान भरने का अनुभव है. भारत के सुखोई 30 एमकेआई, मिग-21, मिग 29, जैगुआर, हॉक और एन32 सहित कई लड़ाकू विमान उड़ा चुके हैं. एस्ट्रोनॉट बनने के लिए शुभांशु ने रूस और अमेरिका में लगभग 4 साल की ट्रेनिंग भी ली थी. इसरो के Axiom Mission 4 मिशन में चयनित होने से पहले शुभांशु को गगनयान मिशन के लिए भी चुना जा चुका है. शुभांशु के साथ सहयात्री के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्ण नायक का भी चयन किया गया है, जो अंतरिक्ष यात्रियों में सबसे उम्रदराज है.